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आगरा में 50 बेड के आयुष अस्पताल को अभी तक नहीं मिली जमीन

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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Nov 11, 2023, 11:09 AM IST

आगरा में 50 बेड के आयुष अस्पताल (Ayush hospital in Agra) को अभी तक जमीन नहीं मिल सकी है. चलिए जानते हैं इस बारे में.

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आगराः प्रदेश की योगी सरकार ने चार साल पहले आगरा को 50 बेड के आयुष अस्पताल (Ayush hospital in Agra) की सौगात दी थी जिससे एक ही छत के नीचे लोगों को आयुर्वेदिक, यूनानी और होम्योपैथिक चिकित्सा पद्धति से इलाज की सुविधा मिल सके. सरकार ने नौ करोड़ रुपये का बजट भी जारी कर दिया मगर, अभी तक आगरा में आयुष अस्पताल की नींव तक नहीं रखी गई है. इतना ही नहीं लेडी लॉयल अस्पताल में संचालित राजकीय आयुर्वेद अस्पताल पर भी अब ताला लगने वाला है. आयुर्वेद चिकित्सा पद्धति से इलाज कराने वाले मरीजों के अच्छी खबर नहीं है जबकि, कोरोना महामारी के बाद से आयुर्वेद पर लोगों का भरोसा बढ़ा है. केंद्र और प्रदेश सरकार का भी जन-जन तक अपनी प्राचीन आयुष चिकित्सा पद्धति पहुंचाने पर जोर है. आज आयुर्वेद दिवस पर ईटीवी भारत की स्पेशल रिपोर्ट में जानिए, आखिर आगरा में आयुष अस्पताल के निर्माण में देरी क्यों हो रही है. क्यों राजकीय आयुर्वेद अस्पताल पर ताला लगने वाला है.



बता दें कि कोरोना महामारी के बाद से आयुर्वेद को लेकर लोगों की सोच बदली है. अब लोगों का आयुर्वेद भरोसा बढ़ा है क्योंकि, कोविड में घर-घर आयुर्वेद का काढ़ा बनाकर लोगों ने कोरोना को मात दी. आयुर्वेद की दवाओं से जहां कोरोना से बचाव हुआ और लोगों की इम्युनिटी भी बूस्ट हुई. जिससे ही केंद्र और प्रदेश सरकार ने जन-जन तक अपनी प्राचीन चिकित्सा पद्धति पहुंचाने पर जोर दे रहीं हैं. मगर, आगरा में राजकीय आयुष अस्पताल खुलने की बजाय बंद होने की कगार पर हैं.

यूं बदली सोच, बढ़ा भरोसा
कोरोना काल और उसके बाद लोगों में आयुर्वेदिक, होम्योपैथिक और यूनानी पद्धति से इलाज करवाने की मानसिकता में बदलाव आया है क्योंकि, कोरोना की पहली और दूसरी लहर में आयुर्वेदिक और होम्योपैथी पद्धति से इलाज के अच्छे नतीजे आए. इन दोनों पद्धति से गंभीर लक्षण वाले मरीज भी ठीक हुए. आयुष काढा से लोगों ने कोरोना का मात दी. अपनी इम्युनिटी भी बूस्ट की. इससे ही लोगों में अब एलोपैथी की तरह ही आयुष यानी आयुर्वेद, होम्योपैथी और यूनानी चिकित्सा पर विश्वास बढा है. मगर, जिले में सरकारी स्तर पर इलाज के लिए एलोपैथिक जैसी आयुष की सुविधाएं नहीं है. गंभीर मरीज भर्ती नहीं किए जा सकते हैं इसलिए, सरकार ने आयुष अस्पताल बनाने की घोषणा की है.

विभागीय अधिकारियों से भवन के लिए पत्राचार
राजकीय आयुर्वेद चिकित्सालय के चिकित्साधिकारी डाॅ. लोकेंद्र सिंह ने बताया कि, लेडी लाॅयल अस्पताल परिसर के एक भवन में अभी हम सेवाएं दे रहे हैं. जहां पर हर दिन आसपास के साथ ही दूर दराज से भी मरीज उपचार कराने आते हैं. यहां पर पहले से ही गंभीर मरीज को भर्ती करने की व्यवस्था नहीं हैं. अब तो एसएन मेडिकल काॅलेज की ओर से हमें यह भवन खाली करने के लिए निर्देश भी मिले हैं. क्योंकि, एसएन मेडिकल काॅलेज के विस्तार के चलते ही लेडी लाॅयल अस्पताल भी यहां से दूसरी जगह पर शिफट होना है. ऐसे में राजकीय आयुर्वेद चिकित्सालय भी यहां से हटना है. इस बारे में विभागीय अधिकारियों से पत्राचार किया है. जिससे हमें राजकीय आयुर्वेद चिकित्सालय के लिए नया भवन या अपना भवन मिल सके. यहां से जब यह राजकीय आयुर्वेद चिकित्यालय कहीं दूसरी जगह जाएगी तो यहां के स्थानीय लोगों को भी परेशानी होगी.

जमीन न मिलने से नहीं बन पा रहा आयुष अस्पताल
जिला आयुर्वेद अधिकारी डॉ. ने बताया कि 50 बेड के आयुष अस्पताल के लिए पहले फतेहाबाद के पास एक एकड़ जमीन प्रशासन ने चिन्हित की थी लेकिन, आयुष विभाग शहर की सीमा में ही आयुष अस्पताल बनाना चाहता है. इसलिए, प्रस्ताव निरस्त कर दिया. इसके बाद से अभी तक आयुष अस्पताल के लिए जमीन नहीं मिली है. जिसके लिए सरकार ने करीब 9 करोड़ का बजट भी जारी किया है. इसमें से छह करोड़ रुपये में आयुष अस्पताल बनेगा व तीन करोड़ इन्फ्रास्ट्रक्चर में खर्च होंगे. इस आयुष अस्पताल में एक ही छत के नीचे आयुर्वेद, यूनानी व होम्योपैथिक चिकित्सा पद्धति से गंभीर रोगों के इलाज की सुविधा होगी. इतना ही नहीं आयुष अस्पताल में गंभीर मरीजों को भर्ती भी किया जा सकेगा.

ये सुविधा मिलेगी
आयुष अस्पताल में हिजामा थैरेपी, पंचकर्म, सिरोधारा समेत तमाम सुविधाएं मरीजों को मिलेंगी. आयुष अस्पताल में सर्जरी, अल्ट्रासाउण्ड, ईएनटी, गठिया, मेडिसिन, बाल रोग, स्त्री रोग विभाग, पैथोलॉजी एवं इमरजेंसी की सुविधा भी रहेगी.

का विशेषज्ञ) के तीन, चिकित्साधिकारी-03, रेजीडेंट चिकित्साधिकारी-1, नर्सिंग स्टाफ-12, पंचकर्म

इन विशेषज्ञों की होगी तैनाती
आयुष अस्पताल में चिकित्सा अधीक्षक-1
एसएमओ (पंचकर्म, होम्योपैथी/क्षारसूत्र/इलाज-विद-तदवीर/थोकन्नम का विशेषज्ञ) -3
चिकित्साधिकारी-03
रेजीडेंट चिकित्साधिकारी-1
नर्सिंग स्टाफ-12
पंचकर्म टेक्नीशियन-2
योग प्रशिक्षक-1
फार्मासिस्ट-3
प्रयोगशाला टेक्नीशियन-2
एनेस्थेटिस्ट -1
रेडियोलाजिस्ट-1
रोग विज्ञानी-1
नेत्र विशेषज्ञ-1
सामान्य शल्य चिकित्सक-1
स्त्री रोग विशेषज्ञ-1




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