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Spot Fixing: ब्रेंडन टेलर का खुलासा, इंडियन बिजनेसमैन ने किया ब्लैकमेल

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Published : Jan 24, 2022, 5:06 PM IST

जिम्बाब्वे के पूर्व कप्तान ब्रेंडन टेलर ने सोमवार को स्पॉट फिक्सिंग से जुड़ा बड़ा खुलासा किया है. उन्होंने कहा, फिक्सिंग में शामिल होने के लिए भारत में सट्टेबाजों ने उनसे संपर्क किया था. टेलर ने दावा किया है कि अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट परिषद अब उन पर कई साल का प्रतिबंध लगाएगी.

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Zimbabwe Brendan Taylor

नई दिल्ली: जिम्बाब्वे के पूर्व कप्तान ब्रेंडन टेलर ने एक भारतीय व्यवसायी के साथ बैठक के दौरान मूर्खतापूर्वक कोकीन लेने के बाद मैच फिक्सिंग के लिए ब्लैकमेल किए जाने का आरोप लगाते हुए सोमवार को कहा, इस मामले की जानकारी अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (आईसीसी) को समय पर नहीं देने के कारण उन पर कई साल का प्रतिबंध लग सकता है. टेलर ने इस गलती को स्वीकार करते हुए सोशल मीडिया पर जारी पोस्ट में दावा किया, भारतीय व्यवसायी ने उन्हें भारत में प्रायोजक दिलाने और जिम्बाब्वे में एक टी-20 टूर्नामेंट की संभावित योजना पर चर्चा करने के लिए आमंत्रित किया था.

उन्होंने इस व्यवसायी के नाम का खुलासा नहीं किया, लेकिन कहा, उन्हें अक्टूबर 2019 में 15,000 डॉलर की पेशकश की गई थी. टेलर ने कहा, हमने साथ में शराब पी और शाम के समय उन्होंने मुझे कोकीन की पेशकश की. वे खुद भी कोकीन ले रहे थे. मैंने मूर्खता से इसका सेवन कर लिया. इस घटना के बाद मुझे अब तक लाखों बार पछतावा हो चुका है. मुझे उस बात को छुपा कर रखने का पछतावा है कि उस रात उन्होंने कैसे मेरा इस्तेमाल किया.

उन्होंने आगे कहा, अगली सुबह वे लोग फिर से मेरे होटल कमरे में आए और कोकीन लेते हुए मेरा वीडियो मुझे दिखाया. उन्होंने मुझसे कहा, मैं उनके लिए अंतरराष्ट्रीय मैचों में फिक्सिंग करूं नहीं तो मेरे वीडियो को सार्वजनिक कर देंगे. टेलर ने कहा, मुझे अपनी सुरक्षा की चिंता थी. मेरे होटल के कमरे में छह लोग थे. मैं उनकी चंगुल में फंस गया था. मैं अपनी मर्जी से ऐसी स्थिति में फंस गया, जिसने मेरे जीवन को हमेशा के लिए बदल दिया.

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इस 35 साल के खिलाड़ी ने पिछले साल संन्यास लेने से पहले 205 एकदिवसीय, 34 टेस्ट और 45 टी-20 अंतरराष्ट्रीय खेले हैं. वह हालांकि इसके परिणाम को झेलने के लिए तैयार हैं. उन्हें पता है कि आईसीसी उस समय इस घटना की जानकारी नहीं देने पर उन पर प्रतिबंध लगा सकती है. आईसीसी ने हालांकि इस मामले में अभी कोई टिप्पणी नहीं की है. उन्होंने कहा, वह ऐसा समय था, जब जिम्बाब्वे क्रिकेट ने हमें छह महीने से वेतन नहीं दिया था और इस बात पर भी सवाल उठ रहे थे कि क्या जिम्बाब्वे अंतरराष्ट्रीय स्तर पर खेलना जारी रखेगा.

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उन्होंने इस प्रस्ताव स्वीकार करने की वजह के बारे में बताया, मुझे 15,000 डॉलर देकर मैच फिक्स करने के लिए कहा गया था. मुझे कहा गया था कि काम होने के बाद 20,000 डॉलर और मिलेंगे. मैंने अपनी सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए उस समय प्रस्ताव पर हामी भर दी. मैंने रकम इस लिए स्वीकार किया, ताकि भारत से सुरक्षित तरीके से बाहर निकल सकूं. उन्होंने कहा, मैंने हालांकि इसके बाद कभी में कुछ गलत नहीं किया. इस घटना का मेरे ऊपर गहरा असर हुआ और मैं अवसाद में चला गया था. अवसाद से उबरने के लिए कड़ी दवाइयां खानी पड़ी.

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टेलर ने कहा, मैंने खुद को बचाने और अपने परिवार की सुरक्षा के लिए इस घटना की जानकारी आईसीसी को चार महीने के बाद दी. बीसीसीआई की भ्रष्टाचार रोधी इकाई के प्रमुख शब्बीर हुसैन शेखदम खंडाववाला ने पीटीआई-भाषा से कहा, अगर यह घटना भारत में हुई तो हम इसका ब्यौरा जानना चाहेंगे और अगर उन्होंने आईसीसी से बात की है तो हम वैश्विक संस्था से इसकी जानकरी मांगेंगे. उन्होंने कहा, अभी तक इस मामले में किसी ने हमसे संपर्क नहीं किया है, लेकिन हम इस मुद्दे के बारे में और जानना चाहेंगे.

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