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लंपी वायरस प्रभावित जिलों में साढ़े 17 लाख से अधिक टीके उपलब्ध कराए गए

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Published : Sep 2, 2022, 7:41 PM IST

Updated : Sep 2, 2022, 10:35 PM IST

पालतू पशु खासकर गायों में फैल रहे लंपी वायरस (lumpi virus) की रोकथाम के लिए उत्तर प्रदेश की योगी सरकार (Yogi government of Uttar Pradesh) तमाम उपाय कर रही है. इसके तहत वायरस से प्रभावित जिलों में 17 लाख 50 हजार से अधिक टीके उपलब्ध कराए गए हैं. वहीं बायो फेंसिंग के लिए रिंग वैक्सीनेशन की शुरुआत कर दी गई है.

लंपी वायरस
लंपी वायरस

लखनऊ : पालतू पशु खासकर गायों में फैल रहे लंपी वायरस (lumpi virus) की रोकथाम के लिए उत्तर प्रदेश की योगी सरकार (Yogi government of Uttar Pradesh) तमाम उपाय कर रही है. इसके तहत वायरस से प्रभावित जिलों में 17 लाख 50 हजार से अधिक टीके उपलब्ध कराए गए हैं. वहीं बायो फेंसिंग के लिए रिंग वैक्सीनेशन की शुरुआत कर दी गई है. उधर, प्रदेश सरकार ने सात मंडलों में सीनियर नोडल अधिकारियों को तैनात करने का फैसला किया है. शासन के वरिष्ठ अधिकारियों को मंडलों में भ्रमण करने के निर्देश दिए गए हैं, जिसके बाद यह अधिकारी चार सितंबर तक मुख्यमंत्री को पूरी रिपोर्ट सौपेंगे. रिपोर्ट के आधार पर मुख्यमंत्री योगी वायरस के खिलाफ अभियान में नई रणनीति पर फैसला लेंगे. दरअसल, प्रदेश के 21 जिलों में 25 गो आश्रय केंद्र हैं. इन गो आश्रय केंद्रों में हजारों गाय हैं. सरकार इन गायों को लंपी वायरस से बचाने के लिए प्रतिबद्धता से कार्य कर रही है.


उत्तर प्रदेश के पश्चिमी जिलों में लंपी वायरस (lumpi virus) से बचाने के लिए पशुओं का टीकाकरण (vaccination of animals) किया जा रहा है. प्रदेश सरकार ने जिस तरह से कोविड काल में कोविड कंमाड सेंटर बनाया था, कुछ उसी तर्ज पर लंपी वायरस से बचाव के लिए कई जिलों में कंट्रोल रूम बनाया गया है. यह कंट्रोल रूम लगातार 24 घंटे काम कर रहे हैं. यहां लंपी वायरस की मॉनीटरिंग की जा रही है. कंट्रोल रूम में वायरस के प्रभाव और संक्रमण के प्रसार पर नजर रखी जा रही है. लंपी वायरस संक्रमण की सबसे ज्यादा शिकार गायें हो रही हैं.


इस वायरस से संक्रमित पशुओं के नाक और मुंह से पानी व लार गिरने लगती है. तेज बुखार होता है और ऐसे जानवर भोजन छोड़ देते हैं. ऐसे पशुओं की चमड़ी के नीचे पहले छोटे-छोटे दाने निकलना शुरू हो जाते हैं. यह दाने घाव में बदल जाते हैं. यह अधिकतर मवेशियों के मुंह और गर्दन के पास पाए जाते हैं. भैसों में इसका संक्रमण न के बराबर है. उत्तर प्रदेश सरकार ने इसकी रोकथाम और उपचार को लेकर दिशा निर्देश पहले ही जारी कर दिए हैं. पशुओं के हाट मेले पर रोक समेत कई उपाय किए गए हैं.

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Last Updated :Sep 2, 2022, 10:35 PM IST
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