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गोरखपुर में दस बच्चों की मां का कुंवारे प्रेमी पर आया दिल, गांव वालों ने कराई शादी

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Published : Apr 29, 2023, 8:36 AM IST

गोरखपुर में एक ऐसी शादी सामने आई है, जिसमें दुल्हन 10 बच्चों की मां है और दूल्हा कुंवारा है. दोनों के बीच प्यार हुआ और फिर गांव वालों की रजामंदी से दोनों की शादी हो गई.

गोरखपुर
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गोरखपुर: न उम्र की कोई सीमा, न जाति धर्म का बंधन, जब प्यार करे कोई तो देखे केवल मन. दो प्यार करने वालों के रिश्तों को लेकर कही गईं यह चंद लाइन, समाज में अक्सर उन प्रेमियों द्वारा सही साबित होती हैं, जिन्हें अपने प्यार के आगे रिश्ते, उम्र, परिवार किसी की कोई परवाह नहीं होती. ऐसा ही एक मामला जिले के विकास खंड बड़हलगंज में इन दिनों लोगों के बीच चर्चा का विषय बना है. 40 साल के कुंवारे से एक 42 वर्ष की विधवा और दस बच्चों की मां ने मोहब्बत की और अब गांव, परिवार वालों की रजामंदी से मंदिर में विवाह करके जनम-जनम की साथी भी बन गई.

दुल्हा बने बालेंद्र उर्फ बलई यादव की शादी 10 बच्चों की विधवा मां सोनी शर्मा (42) से गांव के संभ्रांत लोगों की मौजूदगी में हुई. यही नहीं उन्हें जीवन गुजर-बसर करने के लिए गांव के एक प्रतिष्ठित परिवार ने जो अपना महाविद्यालय संचालित करता है, उन्हें नौकरी देने के साथ रहने के लिए घर भी मुहैया करा दिया.

बालेंद्र नकइल देवरिया और सोनी शर्मा ददरी बड़हलगंज की रहने वाली है. काफी दिनों से दोनों के बीच प्रेम प्रसंग चल रहा था. दोनों पिछले एक साल से फरार भी थे. बीते दिनों सोनी शर्मा के गांव ददरी आने पर बच्चों द्वारा इसकी भनक गांव के लोगों को भी लगी. इसके बाद गांव के गुरुकुल पीजी कॉलेज के प्रबंधक जयप्रकाश शाही और प्रधान की अध्यक्षता में पंचायत कर गांव के लोगों ने दोनों की शादी शुक्रवार को गांव के शिव मंदिर में करा दी. बालेंद्र उर्फ बलई यादव कुंवारा है, जबकि सोनी शर्मा के पति की मौत 6 साल पहले ही हो चुकी है. ग्रामीण जय प्रकाश शाही का कहना है कि दोनों के बीच काफी दिनों से प्रेम संबंध चल रहा था. दोनों एक साल से फरार थे. दोनों को बुलाकर पूछताछ की गई और फिर पंचायत हुई. शुक्रवार को ददरी गांव के शिव मंदिर में बालेंद्र से सोनी की मांग में सिंदूर भरवा दिया गया और दोनों ने एक-दूसरे को वरमाला पहनाई.

गांव के गुरुकुल पीजी कॉलेज के प्रबंधक जयप्रकाश शाही और प्रधान प्रतिनिधि सतीश शाही ने कहा कि बच्चों को भी इस रिश्ते से कोई दिक्कत नहीं है. उन लोगों को भी इसके बारे में पता था. शादी कराने के बाद दुल्हन सोनी को बालेंंद्र के साथ ग्रामीणों ने विदा कर दिया. विवाहित जोड़े को मौके पर ही कॉलेज में नौकरी के लिए नियुक्ति पत्र देते हुए गुरुकुल संस्थान समूह के आवासीय परिसर में शिफ्ट करने की घोषणा भी कर दी. दोनों खुशी-खुशी चले गए. शाही ने कहा कि महिला बेघर थी. उसे घर मिल गया. 10 बच्चों को पिता का साया मिला. अब महिला को सरकार से मिलने वाली सुविधा भी दिलवाई जाएगी. इस शादी में गांव के कई लोग शामिल हुए.

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