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तेजी से बन रहा है भगवान राम का मंदिर, जानिए कब से नये गर्भगृह में रामलला का दर्शन कर सकेंगे आप

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Published : Oct 12, 2022, 4:56 PM IST

5 अगस्त 2020 को अयोध्या में रामलला का मंदिर बनना शुरु हुआ था. दो साल और दो महीने का समय पूरे होने के बाद कितना और कहां तक पहुंचा मंदिर निर्माण का कार्य और कब तक नए मंदिर में होंगे जनता को रामलला के भव्य दर्शन और कैसा होगा अयोध्या के विकास का रोड मैप... यह सब एक साथ जान सकते हैं आप

Shri Ram Janmbhoomi Mandir in Ayodhya
अयोध्या में राम मंदिर

नई दिल्ली : देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 5 अगस्त 2020 को अयोध्या में रामलला का मंदिर (Shri Ram Janmbhoomi Mandir in Ayodhya) बनाने के लिए भूमि पूजन किया था, तब से लोगों की मंदिर निर्माण कार्य व उसके स्वरूप के साथ साथ उसके पूरे होने को लेकर लोगों में मन में जिज्ञासा बनी हुयी है. दो साल और दो महीने का समय पूरे होने के बाद कितना और कहां तक पहुंचा मंदिर निर्माण का कार्य और कब तक नए मंदिर में होंगे जनता को रामलला के भव्य दर्शन और कैसा होगा अयोध्या के विकास का रोड मैप जैसी जानकारियों को आप तक पहुंचाने की कोशिश की जा रही है.

भव्य राम मंदिर का निर्माण जोरों पर
राम मंदिर निर्माण कार्य से जुड़े लोगों से मिली जानकारी से हिसाब से उत्तर प्रदेश में भव्य राम मंदिर के निर्माण में करीब 1,800 करोड़ रुपये की लागत आने का अनुमान है. मंदिर निर्माण का काम 40 से 42 प्रतिशत तक पूरा हो चुका है. अब मंदिर के प्लिंथ यानी प्रतिष्ठान का काम चल रहा है. अनुमान के मुताबिक दिसंबर 2023 तक नए मंदिर के ग्राउंड फ्लोर का निर्माण कार्य पूरा हो जाएगा और आम जनता रामलला के दर्शन कर पाएगी. अगर मंदिर निर्माण की बात करें तो 67 एकड़ में मंदिर और परिसर का निर्माण कराया जा रहा है. साथ ही साथ अत्याधुनिक मशीनरी और तकनीक के साथ ही मंदिर का निर्माण कार्य हो रहा है. मंदिर की नींव को 15 मीटर अंदर तक बनाया जा रहा है. ग्रेनाइट के सिंगल पीस के ढाई टन वजनी करीब 14,000 पत्थर लगाए गए हैं और कुल 17,000 ग्रेनाइट के सिंगल पीस 2.5 टन वजनी पत्थर इस पूरे मंदिर में लगाए जाएंगे. मंदिर में नक्काशी धार हल्के गुलाबी रंग के बलुआ पत्थर रखने का काम भी 2 महीने से चल रहा है. अभी तक लगभग 5 लेयर पूरी हो चुकी है और यह काम भी जल्द ही पूरा हो जाएगा. अभी तक चल रहे काम की स्पीड को देखते हुए कहा जा सकता है कि सारा काम योजना के अनुरूप ही चल रहा है और मंदिर का काम तय समय में पूरा हो जाएगा.

Shri Ram Janmbhoomi Mandir in Ayodhya
अयोध्या में रामलला के मंदिर में लगने वाली राम नाम की शिला

अयोध्या में राम मंदिर निर्माण और प्रबंधन के लिए गठित श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट (Shri Ram Janmbhoomi Teerth Kshetra) ने राम जन्मभूमि के बचे हुए क्षेत्र के लिए भी अपना मास्टर प्लान तैयार किया है. भव्य मंदिर निर्माण के बाद जो जमीन बचेगी उस पर मास्टर प्लान के मुताबिक रामायण काल के संतों और महर्षियों के भव्य मंदिर बनाए जाएंगे. जिसमें ऋषि वाल्मीकि, आचार्य वशिष्ठ, ऋषि विश्वामित्र, अगस्त्य ऋषि, निषाद राज, जटायु और माता साबरी को समर्पित मंदिरों का निर्माण किया जाएगा. इसके साथ ही साथ राम मंदिर आंदोलन से जुड़े महापुरुषों महंत रामचंद्र परमहंस, अशोक सिंघल और महंत अवैद्यनाथ जैसे लोगों की प्रतिमाएं भी लगेंगी.

इसके साथ ही साथ बाकी जगह में तीर्थयात्रियों के ठहरने की भव्य व्यवस्था की जाएगी. ताकि भीड़ बढ़ने पर श्रद्धालुओं को किसी तरह की परेशानी न हो. इसके साथ ट्रस्ट ने मंदिर के तीर्थ क्षेत्र में यज्ञ मंडप, अनुष्ठान मंडप, संत निवास, संग्रहालय, अनुसंधान केंद्र और पुस्तकालय स्थापित करने की भी योजना बना रखी है, जिस पर अनवरत काम चलता रहेगा और दिसंबर 2025 तक हर एक सुविधा पूरी तरह तैयार करके तीर्थयात्रियों व श्रद्धालुओं के लिए खोल दी जाएगी.

Shri Ram Janmbhoomi Mandir in Ayodhya
अयोध्या में रामलला के मंदिर का निर्माण कार्य

ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय बोले
''राम जन्मभूमि परिसर में तीर्थ सुविधा केंद्र, अन्य उपयोगिताओं और बुनियादी सुविधाओं की सेवाओं का निर्माण कार्य पहले ही शुरू हो चुका है. राम मंदिर के भूतल दिसंबर 2023 में खुल जाएगा. इसके बाद 14 जनवरी 2024 से एक सप्ताह का भव्य आयोजन किया जाएगा जिसमें गर्भगृह में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा होगी और षोडशोपचार व अभिषेक जैसे अन्य अनुष्ठान करके भगवान राम की भव्य प्रतिमा स्थापित हो जाएगी.''

Shri Ram Janmbhoomi Mandir in Ayodhya
अयोध्या में रामलला के मंदिर को सुरक्षित करने वाली रिटेनिंग वाल

सुरक्षित व मजबूत मंदिर
मंदिर परिसर के रिटेनिंग वॉल बनाने का काम मंदिर के पश्चिम भाग में चल रहा है, यहां से सरयू का प्रवाह है. ऐसा माना जाता है कि यदि भविष्य में कभी सरयू नदी ने अपना मार्ग बदला और जल प्रवाह मंदिर की ओर अधिक हुआ तो नदी के जल के प्रवाह से मंदिर को कैसे बचाया जाएगा. ऐसे ही प्रयोजन से यह रिटेनिंग वॉल बन रही है. मंदिर परिसर में पूर्व दिशा में एक तरफ जमीन का तल 10 मीटर ऊंचा है और वहीं पश्चिम में 10 मीटर नीचे है. इन जगहों की ऊंचाई व गहरायी देखकर रिटेनिंग वॉल का निर्माण कराया जा रहा है. यह रिटेनिंग वॉल को इतना मजबूत और धरती के अंदर तक बहुत ज्यादा चौड़ाई में बनायी जा रहा है, ताकि अगर भविष्य में होने वाली ज्यादा तेज बारिश हो और मिट्टी का कटान हो तो यह वह उस मिट्टी को रोक सके, साथ ही साथ सरयू नदी अगर कभी भी अपनी दिशा बदलती है तो किसी भी तरह से राम मंदिर को नुकसान न हो.

इस मंदिर की सबसे खास बात यह है कि इसमें हो रही नक्काशी अब तक के देश में बने अन्य मंदिरों से अलग होगी. यह माना जा रहा है कि पत्थरों का इतना विशाल मंदिर अभी तक कहीं नहीं बना है. पत्थर में इतनी विशाल रचना और नक्काशी यह हिन्दु धर्म को मानने वाले समाज के लिए अनोखी बात होगी. अगर बड़े मंदिरों की बात करें तो वह उनका ढांचा भी सीमेंट से तैयार होता है और बाद में उनका एक पत्थर लगा दिया जाता है, लेकिन रामलला के इस मंदिर में ईंट की कोई भी गुंजाइश नहीं है, पूरा मंदिर सिर्फ पत्थरों से बनाया जा रहा है.

Shri Ram Janmbhoomi Mandir in Ayodhya
अयोध्या में रामलला के मंदिर का निर्माण कार्य

400 खंबे वाला मंदिर
मंदिर में प्लिंथ यानी चबूतरे का काम पूरा होने के बाद मंडप बनने का काम शुरू हो जाएगा, जिस पर 400 खंबे लगाए जाएंगे. मंदिर के गर्भ गृह समेत मंडप बनाने के लिए खंभों को पहले से ही तैयार कर लिया गया है. यह तैयार खंभे 30 दिनों में लग जाएंगे. राम मंदिर के कुडू मंडप, नृत्य मंडप और रंग मंडप के खंभे 30 दिनों में लगा लिए जायेंगे.

सरयू के घाटों की भी तस्वीर बदली
सरयू नदी के किनारे बसी अयोध्या नगरी में जो भी श्रद्धालु आता है, वह सरयू में आस्था की डुबकी लगाए बिना नहीं वापस नहीं जाना चाहता है. प्रशासन ने इस बात का ध्यान रखते हुए अब सरयू नदी के घाटों का जीर्णोद्धार और पुनर्निर्माण शुरू कर दिया है और नए घाट को पूरी तरह से विकसित करने का काम पूरा हो चुका है. अगर बात करें तो पहले यहां पर आने वाले महिला पुरुष नहाने के बाद कपड़े बदलने के लिए काफी जद्दोजहद करते थे, लेकिन अब महिलाओं के सम्मान को ध्यान में रखते हुए कपड़ा बदलने का घर बना दिया गया है. साथ ही साथ इन घाटों की साफ-सफाई का विशेष तौर ध्यान रखा जाता है और यहां पर सुरक्षा व्यवस्था चाक-चौबंद रहती है. अगर अयोध्या के घाटों के बारे में आपने पांच साल पहले की कल्पना अपने में रखी होगी, तो वह नए माहौल में एकदम बदली नजर आएगी.

Shri Ram Janmbhoomi Mandir in Ayodhya
अयोध्या में रामलला के मंदिर का निर्माण कार्य

2 लाख से ज्यादा लोग करेंगे रामलला के दर्शन
कहा जा रहा है कि जैसे ही रामलला का मंदिर जब बनकर तैयार होगा और आम श्रद्धालुओं के लिए खोल जाने की घोषणा होगी तो वहां पर आने जाने वाले लोगों की भीड़ बढ़ जाएगी. यहां पर हर रोज आने वाले श्रद्धालुओं की संख्या लाखों में होगी. एक अनुमान के मुताबिक यहां आने वाले श्रद्धालुओं की संख्या करीब दो लाख से ज्यादा होने की उम्मीद है. इसीलिए बाहर से आ रहे श्रद्धालुओं के लिए यहां खाने-पीने, ठहरने, रहने आदि की व्यवस्था की भी मजबूत करने की कोशिश की जा रही है. साथ ही साथ यहां पर आने वाले पर्यटक व श्रद्धालु यहां पर बनी हुई चीजों को खरीद कर अपने साथ ले जाएंगे, उससे यहां के स्थानीय लोगों और आसपास के लोगों को भी खूब फायदा होगा. इसके लिए राम मंदिर निर्माण के साथ-साथ अयोध्या के विकास का रोडमैप भी प्रदेश सरकार ने तैयार किया है और यहां पर छोटी बड़ी सैकड़ों परियोजनाओं पर काम एक साथ चल रहा है, जिसका काम दिसंबर 2025 तक हर हालत में खत्म हो जाना है.

Shri Ram Janmbhoomi Mandir in Ayodhya
अयोध्या में रामलला के मंदिर के निर्माण में लगने वाले पत्थर व संगमरमर

नई अयोध्या का आकर्षण बनेगा रामायण संग्रहालय
अयोध्या का भव्य राम मंदिर अंतरराष्ट्रीय स्तर का 'रामायण संग्रहालय और सांस्कृतिक केंद्र' एक प्रमुख आकर्षण होगा. प्रस्तावित संग्रहालय को अयोध्या और लखनऊ के बीच रामस्नेही घाट पर 10 एकड़ भूमि पर स्थापित किया जाएगा. इससे लोग अलग-अलग शहरों में जाने के बजाय एक ही स्थान पर 'भगवान राम के पूरे जीवन के भव्य और दिव्य दर्शन' प्राप्त कर सकेंगे. आधिकारिक सूत्रों ने कहा कि प्रस्तावित संग्रहालय में रूस, जापान, इंडोनेशिया, मलेशिया, थाईलैंड और भारत समेत अन्य के माध्यम से रामायण का प्रदर्शन किया जाएगा. मधुबनी, अवध, छत्तीसगढ़, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, तमिलनाडु और श्रीलंका के व्यंजनों वाली एक रसोई भी शुरू की जाएगी.

रामायण से संबंधित कला, संस्कृति, हस्तशिल्प, लोक व्यंजन, रामायण विश्व यात्रा विथिका, 'राम वन गमन मार्ग', रामायण आधारित आर्ट गैलरी, रामायण आधारित पुस्तकालय, अनुसंधान और प्रकाशन केंद्र, रामायण की प्रस्तुति आदि का प्रदर्शन संग्रहालय की विशेषताएं होंगी. स्मृति चिन्ह के रूप में रामायण के हस्तशिल्प का एक विशेष केंद्र भी स्थापित किया जाएगा.

संग्रहालय में पर्यटकों के ठहरने की व्यवस्था भी करने की योजना है. पर्यटकों के लिए शयनगृह और कुछ सिंगल रूम बनाए जाएंगे. प्रशासनिक नियंत्रण के लिए चार बड़े कमरे बनाए जाएंगे. यात्रियों को सुबह और शाम सामूहिक प्रार्थना की सुविधा होगी. मल्टीलेवल पार्किंग की व्यवस्था की जाएगी और सार्वजनिक शौचालय भी बनाए जाएंगे. राम जन्मभूमि परिसर में तीर्थ सुविधा केंद्र में जूते और अन्य सामान जमा करने की सुविधा, 5,000 भक्तों को समायोजित करने के लिए एक प्रतीक्षालय, पेयजल, शौचालय और अन्य उपयोगिताओं की सुविधा होगी.

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सड़क चौड़ीकरण परियोजना
राज्य सरकार ने अयोध्या के लिए सड़क चौड़ीकरण परियोजना को भी मंजूरी दे दी है. सरकार ने राम जन्मभूमि मंदिर क्षेत्र में सड़कों के सौंदर्यीकरण और चौड़ीकरण के लिए 797.68 करोड़ रुपये की मंजूरी दी है. इसमें 12.940 किलोमीटर लंबे सहादतगंज-नया घाट मुख्य सड़क का निर्माण शामिल है. क्षेत्र के विकास से तीर्थयात्रियों के लिए मंदिर तक आसान पहुंच का मार्ग प्रशस्त होगा और भीड़भाड़ को रोका जा सकेगा. योगी आदित्यनाथ सरकार ने अयोध्या में राम मंदिर की ओर जाने वाले तीन रास्तों को पूरा करने की समय सीमा तय की है. सरकार चाहती है कि दिसंबर 2023 में मंदिर का गर्भगृह भक्तों के लिए खोले जाने तक अयोध्या गलियारे की सड़क के तीनों हिस्से तैयार हो जाएं.

Shri Ram Janmbhoomi Mandir in Ayodhya
अयोध्या में नए लुक में रेलवे स्टेशन

सुविधाओं से लैस होगा अयोध्या रेलवे स्टेशन
श्रीराम की नगरी अयोध्या का प्राचीन वैभव दोबारा वापस लौटाने का प्रयास जारी है. एक तरफ जन्मभूमि पर नव्य-भव्य मंदिर आकार ले रहा है तो वहीं दूसरी तरफ जहां अन्तराष्ट्रीय एयरपोर्ट का निर्माण हो रहा है, तो वहीं वर्ल्ड क्लास सुविधाओं से लैस रेलवे स्टेशन की सौगात भी जल्द अयोध्यावासियों को मिलने जा रही है. यह देश के सबसे खूबसूरत और आधुनिक सुविधाओं से संपन्न रेलवे स्टेशनों में से एक होगा. अयोध्या में बन रहे विश्वस्तरीय रेलवे स्टेशन के दूसरे चरण का काम शुरू हो गया है. इसमें अयोध्या स्टेशन के विस्तार को लेकर रेलवे 200 करोड़ रुपये खर्च कर रहा है. स्टेशन को नया लुक दिया जा रहा है. इसमें खूबसूरत भवन, पार्किंग, कर्मचारियों के लिए आवास, रेलवे पुलिस के लिए कार्यालय, तीन नए प्लेटफार्मों का निर्माण, रोड निर्माण, ड्रेनेज संबंधी कार्य सहित अन्य काम हो रहे हैं. अयोध्या स्टेशन की बिल्डिंग की बात करें तो यह 10 हजार वर्गमीटर में फैला होगा.

रेल इंडिया टेक्निकल एंड इकोनॉमिक सर्विस (राइट्स) के जेजीएम, एके जौहरी ने बताया कि अयोध्या रेलवे स्टेशन का काम दिसंबर 2022 तक पूरा कर लिया जाएगा. नए भवन में फिनिशिंग का काम चल रहा है. यहां बुजुर्गों और महिलाओं की सुविधा के लिए लिफ्ट व एस्केलेटर, एसी वेटिंग रूम, वॉशरूम, पेयजल बूथ, फूड प्लाजा समेत अन्य सुविधाएं तैयार हो चुकी हैं. पूरे भवन को एसी बनाया गया है. दिव्यांगों के लिए रैंप की व्यवस्था होगी. स्टेशन करीब तीन किलोमीटर लंबा होगा. रेलवे स्टेशन के नए भवन का काम 90 फीसदी पूरा हो गया है.

Shri Ram Janmbhoomi Mandir in Ayodhya
अयोध्या में नए लुक में रेलवे स्टेशन के लिए चल रहा काम

अयोध्या रेलवे स्टेशन के विस्तार का काम 2018 में शुरू हुआ था. पहले चरण में बने भवन को श्रीराम मंदिर की तर्ज पर भव्य और आकर्षक बनाया गया है. भवन में लगी टाइल्स, पत्थर, शीशे, दरवाजे, लाइटिंग आदि इसकी भव्यता का एहसास करा रहे हैं. महिला, पुरुष एवं वीआईपी प्रतीक्षालय, फूड प्लाजा, कियोस्क, किताबों की दुकान, क्लॉक रूम, पर्यटक सूचना, यात्रा डेस्क, वाटर कूलर, दिव्यांगों के लिए अलग शौचालय, शिशु देखभाल कक्ष, यूएस रूम, बीमार कक्ष, लिफ्ट, 4 एस्केलेटर के अलावा बड़े कॉनकोर्स, वीआईपी लाउंज, प्रतीक्षा क्षेत्र, पर्यटक सूचना कार्यालय, रिटायरिंग रूम और लेडिज-जेंट्स डॉरमेट्री आदि सुविधाएं मिलेंगी.

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नई अयोध्या का मार्ग प्रशस्त
राम मंदिर का निर्माण जो पवित्र शहर के तेजी से विकास के साथ हो रहा है, एक नई अयोध्या का मार्ग प्रशस्त करेगा. पवित्र शहर एक विस्तार के लिए तैयार है, जिसे 'नव्य अयोध्या' के नाम से जाना जाएगा. नई टाउनशिप 1500 एकड़ में फैलेगी और इसमें करीब दो दर्जन राज्यों के गेस्ट हाउस होंगे. नई बस्ती को वास्तु अनुकूल वैदिक शहर के रूप में विकसित किया जाएगा. नई अयोध्या में कोरिया सहित 5 देशों के गेस्ट हाउस होंगे और विभिन्न संप्रदायों, समुदायों और स्वयंसेवी संगठनों के लिए 100 से अधिक भूखंड होंगे. हालांकि, पवित्र शहर का केंद्र बिंदु राम मंदिर रहेगा, जो यकीनन दुनिया का सबसे बड़ा हिंदू मंदिर होगा.

पर्यटन विभाग के एक अनुमान के अनुसार, अगले एक दशक में अयोध्या में पर्यटकों की संख्या में तीन गुना वृद्धि होगी. सांख्यिकीय विश्लेषण से पता चलता है कि 2030 तक 6.8 करोड़ से अधिक लोग राम के जन्मस्थान की यात्रा करेंगे. राज्य सरकार ने यह भी घोषणा की कि अयोध्या में सरयू नदी के तट पर भगवान राम की 200 फीट ऊंची प्रतिमा स्थापित की जाएगी. पर्यटन को बढ़ावा देने और शहर को सुशोभित करने के लिए अयोध्या में भगवान राम पर आधारित एक डिजिटल संग्रहालय बनाने का प्रस्ताव है.

दर्शनार्थियों की संंख्या पर बोले चंपत राय

''अयोध्या एक तीर्थाटन है. भगवान का दर्शन करने लोग यहां पर आते हैं. अयोध्या एक धाम है. यहां रहने से मुक्ति हो जाती है. यह सभी पुरानी किताबों में लिखा है. यहां आम दिनों में करीब 50 हजार जनता के आसपास लोग आते हैं और जब राम मंदिर का निर्माण हो जाएगा. तब यहां रोजाना लगभग 2 लाख से ज्यादा लोग आकर रामलला के दर्शन करेंगे. उनके यहां आने पर चाहे वह हवाई मार्ग से आएं, सड़क मार्ग से आएं या किसी अन्य तरीके से आएं. राज्य और केंद्र सरकार को लाभ होगा. जो लोग यहां आएंगे वह यहां पर रुकेंगे, खाएंगे, रहेंगे, सामान घर ले जाएंगे तो से यहां के आसपास के व्यापारियों और दुकानदारों का भी फायदा होगा.''

मंदिर पर खर्च पर बोले चंपत राय

''बड़े-बड़े राजाओं के महल बनते हैं तो क्या कोई बजट होता है. यह तो राजा और महाराजाओं के भी महाराजा हैं, कोई बजट नहीं है. लेकिन मैंने कभी किसी को आकलन से रोका नहीं है. जो चाहे भी हो वो बजट कैलकुलेट कर सकता है. जब देश का बजट बन सकता है तो इसका भी बजट बनाया जा सकता है. लेकिन मैं यही कहूंगा कि बजट और पैसा नहीं गिना जा रहा.''

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