ETV Bharat / bharat

SC ने सेक्स वर्कर्स के रहन-सहन को लेकर राज्यों से मांगी रिपोर्ट

author img

By

Published : Sep 2, 2022, 3:15 PM IST

सुप्रीम कोर्ट ने सेक्स वर्कर्स के रहन-सहन को लेकर सभी राज्यों से रिपोर्ट मांगी है. शीर्ष कोर्ट ने इस साल की शुरुआत में कहा था कि पेशा चाहे जो भी हो सेक्स वर्कर्स भी सम्मान के साथ जीने की हकदार हैं.

SC on SEX WORKERS
सुप्रीम कोर्ट

नई दिल्ली : सुप्रीम कोर्ट ने सभी राज्यों को सेक्स वर्कर्स के रहन-सहन की स्थिति (sex workers living conditions) का आकलन करने के लिए सर्वेक्षण करने और 12 सप्ताह के भीतर शीर्ष अदालत में रिपोर्ट पेश करने का निर्देश दिया है.

न्यायमूर्ति बीआर गवई और न्यायमूर्ति सीटी रविकुमार की पीठ बुधदेव कर्मस्कर की ओर से दायर याचिका पर सुनवाई कर रही थी. इसमें यौनकर्मियों के लिए अनुच्छेद 21 के अनुसार सम्मान के साथ जीने के लिए अनुकूल परिस्थितियों के बारे में बताया गया था. इससे पहले की सुनवाई में यौनकर्मियों के पुनर्वास के संबंध में राज्यों से रिपोर्ट मांगी गई थी लेकिन पश्चिम बंगाल को छोड़कर किसी अन्य राज्य ने इसे पेश नहीं किया.

शीर्ष कोर्ट को आज बताया गया कि कोर्ट के निर्देशानुसार सेक्स वर्कर्स को हिरासत में नहीं लिया जा सकता है लेकिन उन्हें जेल में रखा जाता है और किसी को भी उनसे मिलने की इजाजत नहीं है. इसके जवाब में कोर्ट ने दावों की पुष्टि के लिए राज्यों को सर्वे करने का आदेश दिया. कोर्ट ने सरकार से मामले को लेकर विधेयक की स्थिति भी जानने की कोशिश की लेकिन इसकी प्रगति के बारे में स्थिति स्पष्ट नहीं थी.

अदालत ने कहा, 'आप बेंच के आदेशों के साथ खिलवाड़ नहीं कर सकते. आप बयान दें कि आप 2 सप्ताह में उनके (याचिकाकर्ता) के साथ बिल साझा करेंगे नहीं तो हम कैबिनेट सचिव को अदालत में बुलाएंगे. हम पारदर्शिता के युग में हैं. उनके साथ बिल साझा करने में नुकसान क्या है.' मामले की 12 हफ्ते बाद फिर सुनवाई होगी. इस मामले में कोर्ट ने इस साल की शुरुआत में आदेश दिया था कि पेशा चाहे जो भी हो, सेक्स वर्कर भी सम्मान के साथ जीने की हकदार हैं.

पढ़ें- सुप्रीम कोर्ट का निर्देश, यौनकर्मियों को भी जारी किया जाए आधार कार्ड

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.