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ISRO GAGANYAAN Test Flight : इसरो ने गगनयान मानवयुक्त अंतरिक्ष मिशन के लिए क्रू एस्केप सिस्टम का सफल परीक्षण किया

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By PTI

Published : Oct 21, 2023, 7:55 AM IST

Updated : Oct 21, 2023, 11:20 AM IST

भारतीय अंतरिक्ष यात्रियों को अंतरिक्ष में भेजने के महत्वाकांक्षी मिशन की दिशा में भारत कदम बढ़ा रहा है. शनिवार को मानव रहित उड़ान परीक्षण को लॉन्च कर दिया गया. इससे पहले इसे अपरिहार्य कारणों से होल्ड कर दिया गया था. जिसकी उल्टी गिनती शुक्रवार को शुरू हो गई थी. ISRO Gaganyaan Mission, human space flight, Gaganyaan programme

ISRO GAGANYAAN Test Flight
टीवी-डी1 परीक्षण उड़ान की तैयारी पूरी. (तस्वीर: एक्स/ @isro)

इसरो ने गगनयान मानवयुक्त अंतरिक्ष मिशन के लिए क्रू एस्केप सिस्टम का सफल परीक्षण किया

श्रीहरिकोटा : इंजन इग्निशन में समस्या के कारण सुबह 8:45 बजे पहली परीक्षण उड़ान रद्द होने के बाद भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने शनिवार को गगनयान मिशन के लिए टेस्ट फ्लाइट एबॉर्ट मिशन को सफलतापूर्वक अंजाम दिया. इससे पहले आज, इसरो ने गगनयान मिशन में पहली मानवरहित परीक्षण उड़ान (टीवी-डी1 फ्लाइट टेस्ट) के प्रक्षेपण को कुछ समय के लिए रोक दिया था. अंतरिक्ष एजेंसी ने तब कहा कि त्रुटियों की पहचान कर ली गई है और उन्हें ठीक कर लिया गया है.

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भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने गगनयान मानवयुक्त अंतरिक्ष मिशन के लिए परीक्षण यान का प्रक्षेपण किया और उसके बाद समुद्र में क्रू मॉड्यूल को सफलतापूर्वक गिराया. बंगाल की खाड़ी में पैराशूट गिरने की पुष्टि के बाद श्रीहरिकोटा में मिशन कंट्रोल सेंटर तालियों की गड़गड़ाहट से गूंज उठा.

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नौ मिनट के इस मिशन को सुबह 10 बजे पूरा किया गया. इससे पहले सुबह आठ बजकर 45 मिनट पर इस मिशन की कोशिश की गई थी लेकिन कंप्यूटरों की तरफ से इंजन इग्निशन प्रॉसेस में गड़बड़ी की जानकारी देने के बाद लॉन्च को रोक दिया गया था. इसरो ने जानकारी देते हुए कहा है कि टीवी डीवन मिशन पूरी तरह से कामयाब रहा है. तय प्लान के मुताबिक पेलोड को सफलतापूर्वक समुद्र में गिराने के बाद वैज्ञानिकों में काफी उत्साह देखने को मिला.

इसरो ने उड़ान भरने से पांच सेकेंड पहले गगनयान टेस्ट व्हीकल के लॉन्च को रोका

बता दें कि, दूसरा प्रक्षेपण आज 10:00 बजे के लिए निर्धारित किया गया था. यह उड़ान परीक्षण वाहन एबॉर्ट मिशन गगनयान मिशन के हिस्से के रूप में क्रू एस्केप सिस्टम के प्रदर्शन को प्रदर्शित करने के लिए आयोजित किया गया है. इससे पहले, इसरो प्रमुख एस. सोमनाथ ने कहा कि नॉमिनल कोर्स के दौरान इंजन में आग नहीं जली, जिसकी वजह से लॉन्च को रोकना पड़ा. उन्होंने कहा कि ऑटोमेटिक लॉन्च सीक्वेंस की मॉनिटरिंग करने वाले ग्राउंड कंप्यूटरों ने इंजन इग्निशन प्रॉसेस में गड़बड़ी का पता लगाने के बाद लॉन्च को रोक दिया.

हालांकि इसरो चीफ ने भरोसा दिया कि व्हीकल सुरक्षित है. उन्होंने कहा कि इसरो अब प्रक्षेपण का नया कार्यक्रम तय करने से पहले पूरे घटनाक्रम का विश्लेषण करेगा. सभी की निगाहें टेस्ट व्हीकल की लॉन्चिंग पर टिकी थीं, जिसे वेदर कंडीशन की वजह से शनिवार सुबह दो बार स्थगित करना पड़ा. बाद में लॉन्च को सुबह आठ बजकर 45 मिनट पर निर्धारित किया गया था.

टीवी-डी1 परीक्षण उड़ान की तैयारी पूरी. (तस्वीर: एक्स/ @isro)

उड़ान भरने से पांच सेकेंड पहले तक सब कुछ ठीक दिख रहा था. रॉकेट के नीचे नारंगी लपटें दिखाई दे रही थीं, जैसा कि लॉन्च के लिए सामान्य है. यही वह समय था जब ग्राउंड कंप्यूटर ने इंजन इग्निशन प्रॉसेस में गड़बड़ियों का पता लगाने के बाद स्पष्ट रूप से 'होल्ड' को ट्रिगर किया. इसरो चीफ सोमनाथ ने कहा कि वैज्ञानिक अब रॉकेट की जांच करेंगे और फिर हालात का विस्तार से विश्लेषण करेंगे.

इससे पहले शुक्रवार को इसरो ने एक मानव रहित उड़ान परीक्षण के प्रक्षेपण के लिए 13 घंटे की उलटी गिनती शुरू कर दी थी. इस मिशन का उद्देश्य भारतीय अंतरिक्ष यात्रियों को अंतरिक्ष में भेजने की दिशा में एक कदम और आगे बढ़ना है.

ISRO GAGANYAAN Test Flight
टीवी-डी1 परीक्षण उड़ान की तैयारी पूरी. (तस्वीर: एक्स/ @isro)

परीक्षण वाहन मिशन का उद्देश्य अंततः गगनयान मिशन में भारतीय अंतरिक्ष यात्रियों को पृथ्वी पर वापस लाने के लिए क्रू मॉड्यूल और क्रू एस्केप सिस्टम की सुरक्षा का अध्ययन करना है. गगनयान मिशन का लक्ष्य तीन दिवसीय मिशन के लिए मनुष्यों को पृथ्वी की कक्षा से 400 किमी बाहर अंतरिक्ष में भेजना और उन्हें सुरक्षित वापस लाना है. इसरो 2025 में इस महत्वपूर्ण योजना पर अमल करने की योजना बना रहा है. शनिवार को, इसरो अपने परीक्षण वाहन - प्रदर्शन (टीवी- D1 एकल चरण तरल प्रणोदन रॉकेट) के सफल प्रक्षेपण किया गया.

इस क्रू मॉड्यूल के साथ परीक्षण वाहन मिशन समग्र गगनयान कार्यक्रम के लिए एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर होगा. क्योंकि इस परीक्षण के लिए लगभग पूरी प्रणाली इसरो में ही एकीकृत की गई है. इससे पहले इसरो ने शुक्रवार को अपनी वेबसाइट पर कहा कि टीवी-डी1- परीक्षण उड़ान. 21 अक्टूबर को सुबह 8.45बजे प्रक्षेपण के लिए उल्टी गिनती शाम 7 बजे शुरू हो गई थी. इसरो ने कहा कि इस परीक्षण उड़ान की सफलता शेष योग्यता परीक्षणों और मानवरहित मिशनों के लिए मंच तैयार करेगी. जिससे पहला गगनयान कार्यक्रम शुरू होगा.

ISRO GAGANYAAN Test Flight
टीवी-डी1 परीक्षण उड़ान की तैयारी पूरी. (तस्वीर: एक्स/ @isro)

क्रू मॉड्यूल और क्रू एस्केप सिस्टम रॉकेट में पेलोड हैं. क्रू मॉड्यूल क्रू के लिए अंतरिक्ष में पृथ्वी जैसा वातावरण वाला रहने योग्य स्थान है. इसमें एक दबावयुक्त धात्विक 'आंतरिक संरचना' और 'थर्मल सुरक्षा प्रणालियों' के साथ एक बिना दबाव वाली 'बाहरी संरचना' शामिल है. शनिवार को पहली परीक्षण उड़ान में, क्रू मॉड्यूल जहाज पर विभिन्न प्रणालियों के प्रदर्शन के मूल्यांकन के लिए उड़ान डेटा कैप्चर करेगा, जिससे वैज्ञानिकों को वाहन के प्रदर्शन की जानकारी जुटाने में मदद मिलेगी.

  • #WATCH | Gaganyaan Mission | Sriharikota, Andhra Pradesh: ISRO to launch first test flight (TV-D1 Flight Test) today from the First launch pad at SDSC-SHAR, Sriharikota. It will be a short-duration mission. pic.twitter.com/OZ3Vr5dv6o

    — ANI (@ANI) October 21, 2023 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

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शनिवार को संपूर्ण परीक्षण उड़ान क्रम संक्षिप्त रहा. क्योंकि टेस्ट व्हीकल एबॉर्ट मिशन (टीवी-डी1) 17 किमी की ऊंचाई पर क्रू एस्केप सिस्टम और क्रू मॉड्यूल लॉन्च करेगा, भारत के पूर्वी तट पर श्रीहरिकोटा से लगभग 10 किमी दूर जिसकी समुद्र में सुरक्षित लैंडिंग की उम्मीद है. बाद में उन्हें नौसेना बंगाल की खाड़ी से पुनः प्राप्त करेगी. इस अभियान के माध्यम से, वैज्ञानिकों का लक्ष्य चालक दल की सुरक्षा सुनिश्चित करना है, जिन्हें वास्तव में गगनयान मिशन के दौरान एलवीएम -3 रॉकेट पर क्रू मॉड्यूल में भेजा जाएगा.

पुरी: सुदर्शन पटनायक ने सैंड आर्ट के जरिए 'मिशन गगनयान' की कामयाबी के लिए प्रार्थना की : सैंड आर्टिस्ट सुदर्शन पटनायक ने शुक्रवार को ओडिशा के पुरी समुद्र तट पर 'गगनयान की सफलता के लिए प्रार्थना' संदेश के साथ देवी दुर्गा की रेत की मूर्ति बनाई. पटनायक ने 2000 से ज्यादा दीयों और लगभग पांच टन रेत के साथ देवी दुर्गा की छह फीट की रेत की मूर्ति बनाई. उनके सैंड आर्ट इंस्टीट्यूट के छात्रों ने भी इस सैंड आर्ट को पूरा करने में उनकी मदद की. सुदर्शन पटनायक ने कहा कि चंद्रयान-थ्री की सफलता से इसरो के वैज्ञानिकों ने देश का मान बढ़ाया है और अब सभी भारतवासी गगनयान की सफलता की कामना करते हैं.

Last Updated :Oct 21, 2023, 11:20 AM IST
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