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ISRO Gaganyaan Mission : इसरो ने मानव मिशन से पहले मानव रहित परीक्षण यान भेजने की उल्टी गिनती शुरू की

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By PTI

Published : Oct 20, 2023, 8:29 PM IST

Updated : Oct 20, 2023, 9:44 PM IST

ISRO Gaganyaan Mission
इसरो का क्रू मॉड्यूल भरेगा उड़ान

भारतीय अंतरिक्ष यात्रियों को अंतरिक्ष में भेजने के महत्वाकांक्षी मिशन की दिशा में भारत कदम बढ़ा रहा है. शुक्रवार को मानव रहित उड़ान परीक्षण की उल्टी गिनती शुरू हो गई. ISRO Gaganyaan Mission, human space flight, Gaganyaan programme

श्रीहरिकोटा (आंध्र प्रदेश) : भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने शुक्रवार को बताया कि भारतीय अंतरिक्ष यात्रियों को अंतरिक्ष में भेजने के महत्वाकांक्षी मिशन की दिशा में आगे बढ़ते हुए एक मानव रहित उड़ान परीक्षण के लिए 13 घंटे की उल्टी गिनती आज शुरू हो गई है.

इसरो ने बताया कि 'क्रू मॉड्यूल' (जिसमें अंतरिक्ष यात्री सवार होंगे) और चालक बचाव प्रणाली से लैस एकल-चरण तरल प्रणोदन रॉकेट को शनिवार सुबह आठ बजे श्रीहरिकोटा अंतरिक्ष केंद्र के पहले प्रक्षेपण तल से रवाना किया जाएगा.

परीक्षण यान मिशन का उद्देश्य अंततः गगनयान मिशन के तहत भारतीय अंतरिक्ष यात्रियों को पृथ्वी पर वापस लाने के लिए क्रू मॉड्यूल और चालक बचाव प्रणाली के सुरक्षा मानकों का अध्ययन करना है.

गगनयान मिशन का लक्ष्य 2025 में तीन दिवसीय मिशन के तहत मनुष्यों को 400 किलोमीटर की ऊंचाई पर पृथ्वी की निचली कक्षा में भेजना और उन्हें सुरक्षित रूप से पृथ्वी पर वापस लाना है.

शनिवार को, इसरो अपने परीक्षण यान - प्रदर्शन (टीवी-डी1), एकल चरण तरल प्रणोदन रॉकेट के सफल प्रक्षेपण का प्रयास करेगा. इस क्रू मॉड्यूल के साथ परीक्षण यान मिशन समग्र गगनयान कार्यक्रम के लिए एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है क्योंकि कल परीक्षण के लिए लगभग पूरी प्रणाली एकीकृत की गई है.

इसरो ने शुक्रवार को अपनी वेबसाइट पर जानकारी दी, '21 अक्टूबर को सुबह आठ बजे टीवी-डी1- परीक्षण उड़ान को प्रक्षेपित करने के लिए उल्टी गिनती शुक्रवार शाम सात बजे शुरू हो गई है.'

इसरो ने बताया कि इस परीक्षण उड़ान की सफलता शेष परीक्षणों और मानवरहित मिशनों के लिए आधार तैयार करेगी, जिससे पहला गगनयान कार्यक्रम शुरू होगा.

'क्रू मॉड्यूल' रॉकेट में पेलोड है, और यह अंतरिक्ष यात्रियों के लिए अंतरिक्ष में पृथ्वी जैसे वातावरण के साथ रहने योग्य जगह है. इसमें एक दबावयुक्त धात्विक 'आंतरिक संरचना' और 'थर्मल सुरक्षा प्रणालियों' के साथ एक बिना दबाव वाली 'बाहरी संरचना' शामिल है.

शनिवार को पहली परीक्षण उड़ान के दौरान 'क्रू मॉड्यूल' में लगी विभिन्न प्रणालियों के प्रदर्शन का आकलन करने के लिए डेटा प्राप्त किया जाएगा जिससे वैज्ञानिकों को यान के प्रदर्शन की जानकारी प्राप्त करने में मदद मिलेगी.

शनिवार को संपूर्ण परीक्षण उड़ान कार्यक्रम संक्षिप्त रहने की उम्मीद है क्योंकि 'टेस्ट व्हीकल एबॉर्ट मिशन' (टीवी-डी1) क्रू एस्केप सिस्टम (चालक बचाव प्रणाली) और क्रू मॉड्यूल को 17 किमी की ऊंचाई पर प्रक्षेपित करेगा, जिसके श्रीहरिकोटा से लगभग 10 किमी दूर समुद्र में सुरक्षित उतरने की उम्मीद है. बाद में बंगाल की खाड़ी से नौसेना द्वारा इन्हें खोज कर निकाला जाएगा.

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Last Updated :Oct 20, 2023, 9:44 PM IST
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