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IPL की 8 टीमों की कुल कीमत से भी महंगी है सिर्फ लखनऊ फ्रेंचाइजी, ज्यादा टीम मतलब ज्यादा पैसा, समझिये कैसे ?

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Published : Oct 26, 2021, 5:16 PM IST

Updated : Oct 26, 2021, 5:26 PM IST

अगले साल से आईपीएल में 10 टीमें खेलेगी. लखनऊ और अहमदाबाद की फ्रेंचाइजी 12 हजार करोड़ से अधिक की बोली लगी है. लेकिन ये सिर्फ शुरूआत है क्योंकि आईपीएल में ज्यादा टीमों का मतलब है पैसा ही पैसा. समझने के लिए पढ़िये पूरी ख़बर

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IPL की 8 टीमों की कुल कीमत से भी महंगी है सिर्फ लखनऊ फ्रेंचाइजी, ज्यादा टीम मतलब ज्यादा पैसा, समझिये कैसे ?

हैदराबाद: IPL, इंडियन प्रीमियर लीग यानि क्रिकेट का सबसे मशहूर तमाशा और सिर्फ मशहूर ही नहीं सबसे महंगा तमाशा. जहां पैसों की बारिश नहीं बाढ़ आती है बाढ़, खिलाड़ियों से लेकर टीम तक सारा खेला सिर्फ और सिर्फ पैसे से जुड़ा है. टीम की जर्सी पर किसी कंपनी का सिर्फ एक टिक या निशान लगने से लेकर मैच देखने के लिए टिकट तक और एक छक्का मारने से लेकर एक विकेट गिरने तक सब चीज का दाम है.

आईपीएल के झमाझम क्रिकेट की बात इसलिये कर रहे हैं क्योंक अगले साल से आईपीएल में 10 टीमें होंगी. अब टीमें बढ़ेंगी तो रोमांच भी बढ़ेगा और पैसा बढ़ना तो लाजमी है. आइये आपको विस्तार से समझाते हैं.

दो नई टीमें कौन सी हैं और किसने खरीदी ?

आईपीएल 2022 में 10 टीमें खेलेंगी, सोमवार को दुबई में दो नई टीमों के लिए बोली लगाई गई. अहमदाबाद और लखनऊ के नाम से दो टीमें होंगी. इन दो टीमों का ऐसी बोली लगी कि सारे रिकॉर्ड धरे के धरे रह गए. लखनऊ के लिए संजीव गोयनका ग्रुप ने 7090 करोड़ रुपये की बोली लगाई थी. जबकि अहमदाबाद के लिए 5625 करोड़ रुपये की बोली लग्जमबर्ग की कंपनी सीवीसी ग्रुप ने लगाई.

IPL में दो नई फ्रेंचाइजी का ऐलान, अगले साल से 10 टीमें खेलेंगी
IPL में दो नई फ्रेंचाइजी का ऐलान, अगले साल से 10 टीमें खेलेंगी

आईपीएल टीमों की रेस में कुल 6 शहर थे, जिनमें अहमदाबाद, लखनऊ के अलावा कटक, धर्मशाला, गुवाहाटी और इंदौर का नाम शामिल था. जिसकी बोली सबसे अधिक होती है, उसके पास शहर और टीम चुनने का मौका होता है. संजीव गोयनका ग्रुप पहले भी आईपीएल में राइजिंग पुणे जाइंट्स को अस्थाई रूप से चलाने का मौका मिला था. उस वक्त स्पॉट फिक्सिंग के चलते चेन्नई सुपरकिंग्स और राजस्थान रॉयल्स पर बैन लगा दिया गया था.

छप्पर फाड़कर लगाई बोली

दो नई टीमों को खरीदने के लिए संजीव गोयनका के अलावा मैनचेस्टर यूनाइटेड के मालिक ग्लेज़र फैमिली, नवीन जिंदल, अडानी ग्रुप, कोटक ग्रुप, सीवीसी पार्टनर, ग्रुप-एम, रणवीर सिंह और दीपिका पादुकोण समेत कई नाम रेस में थे. टीमों का बेस प्राइस यानि बोली की शुरुआत 2000 करोड़ रुपये से हुई. बीसीसीआई समेत तमाम जानकारों को उम्मीद थी कि दोनों टीमों से 7000 से 8000 करोड़ की कमाई होगी लेकिन दोनों टीमों की बोली 12,500 करोड़ के पार पहुंच गई.

आईपीएल टीमों की कीमत
आईपीएल टीमों की कीमत

2008 में जब आईपीएल शुरु हुआ था तो जयपुर, कोलकाता, मोहाली, चेन्नई , हैदराबाद, बैंगलोर, मुंबई, और दिल्ली के नाम से 8 टीमों की बोली लगी थी. उस वक्त इन टीमों की कुल बोली भी अहमदाबाद की टीम के बराबर नहीं थी. हालांकि उस वक्त में भी करोड़ों में बिकी टीमें चर्चा का विषय बनीं थी. 2011 में भी आईपीएल में 10 टीमें खेल चुकी हैं. तब पुणे वॉरियर्स और कोच्चि टस्कर्स को शामिल किया गया था, विवाद के चलते कोच्चि एक ही सीजन खेल पाई थी और 2014 के बाद से आईपीएल में 8 टीमें खेलती आ रही हैं.

सबसे महंगी फ्रेंचाइजी लखनऊ

लखनऊ की टीम की 7090 करोड़ रुपये की बोली उसे आज तक की सबसे महंगी आईपीएल फ्रेंचाइजी बनाती है. लखनऊ के बाद अहमदाबाद की ही टीम का नंबर आता है जिसकी बोली 5625 करोड़ रुपये लगी. साल 2008 में बिकी 8 टीमों की कीमत उस वक्त करीब 2800 करोड़ रुपये थी.

मौजूदा वक्त में डॉलर की कीमत में बदलाव के आधार पर भी देखें तो पहले की आठों टीमों की कीमत अहमदाबाद के लिए लगी बोली के पास भी नहीं पहुंचते. ऐसे में लखनऊ के लिए लगी बोली तो बहुत दूर की बात है.

मौजूदा वक्त के हिसाब से IPL टीमों की कीमत

टीममालिक कीमत
लखनऊगोयनका ग्रुप7090 करोड़
अहमदाबादसीवीसी कैपिटल पार्टनर्स5625 करोड़
मुंबईरिलायंस इंडस्ट्रीज839 करोड़
बैंगलोरयूनाइटेड स्पिरिट ग्रुप837 करोड़
हैदराबादडेक्कन क्रॉनिकल802 करोड़
चेन्नई इंडिया सीमेंट्स682 करोड़
दिल्लीजीएमआर ग्रुप630 करोड़
मोहाली डाबर, वाडिया, प्रीति जिंटा570 करोड़
कोलकाताशाहरुख खान की रेड चिलीज563 करोड़
राजस्थानइमर्जिंग मीडिया502 करोड़

पहले भी खेल चुकी हैं आईपीएल में 10 टीमें

साल 2008 में 8 टीमों से शुरू हुए आईपीएल में साल 2011 में 10 टीमें हो गई. 2011 में कोच्चि टस्कर्स और पुणे वॉरियर्स की टीमें शामिल हुई थीं. पुणे की टीम के लिए सहारा ने 1702 करोड़ रुपये की बोली लगाई थी जबकि कोच्चि फ्रेंचाइजी को रॉन्वेदु स्पोर्टस ने 1533 करोड़ रुपये में खरीदा था. वो भी अहमदाबाद और लखनऊ फ्रेंचाइजी से कीमत के मामले में बहुत दूर हैं.

फिलहाल आईपीएल में हैं आठ टीमें
फिलहाल आईपीएल में हैं आठ टीमें

कोच्चि ने सिर्फ एक ही सीजन खेला, जिसके बाद साल 2012 और 2013 में 9 टीमों के बीच आईपीएल के मुकाबले खेले गए और 2014 में पुणे की टीम भी टूर्नामेंट से हट गई. स्पॉट फिक्सिंग के चलते राजस्थान और चेन्नई की टीमों पर 2 साल का बैन लगा आईपीएल में गुजरात लायंस और पुणे सुपर जाइंट्स को जगह दी गई. 2016 और 2017 के सीजन में ये दोनों टीमें खेलीं. उसके बाद जैसे ही राजस्थान और चेन्नई से बैन हटा पुणे और गुजरात की टीम को आईपीएल से अलग कर दिया गया. इसके बाद फिर से वही 8 टीमें आईपीएल खेल रही हैं जो साल 2008 में चुनीं गई थी.

खिलाड़ियों पर भी बरसता है पैसा

आईपीएल में कमाई सिर्फ बीसीसीआई या फिर फ्रेंचाइजी मालिकों की नहीं होती. हर खिलाड़ी पर भी धन वर्षा होती है. युवा खिलाड़ियों को मौके मिलते हैं वो अलग. टीमें खिलाड़ियों के लिए बोली लगाती है, जो सबसे ज्यादा बोली लगाता है वो खिलाड़ी उस टीम में शामिल हो जाता है. भारत के अलावा इंटरनेशनल और भारत के युवा खिलाड़ियों को भी बोली में शामिल किया जाता है.

आईपीएल इतिहास के सबसे महंगे खिलाड़ी
आईपीएल इतिहास के सबसे महंगे खिलाड़ी

हर बार खिलाड़यों की बिडिंग सुर्खियां बटोरती है. सबकी नजर इस बात पर होती है कि कौन सा खिलाड़ी सबसे महंगा बिका है. आईपीएल के इतिहास में अब तक दक्षिण अफ्रीका के ऑल राउंडर क्रिस मॉरिस को राजस्थान की टीम ने सबसे ज्यादा 16.25 करोड़ रुपये की बोली लगाकर खरीदा है. इस सूची में दूसरे नंबर पर सिक्सर किंग युवराज सिंह का नाम है जिन्हें दिल्ली ने 16 करोड़ रुपये में खरीदा था. वैसे युवराज सिंह को पहले बैंगलोर ने 14 करोड़ रुपये की बोली लगाकर खरीदा था.

टीमें बढ़ने का मतलब पैसा ही पैसा

आईपीएल जैसे क्रिकेट के रंगारंग कार्यक्रम में टीमें बढ़ने का मतलब है और पैसा, इसे ऐसे समझिए दो टीमें बिकीं तो बीसीसीआई को 12 हजार करोड़ से ज्यादा की कमाई हो चुकी है. अब आईपीएमल में टीमें बढ़ी हैं तो मैच भी ज्यादा खेले जाएंगे. साल 2022 में होने वाले आईपीएल में 10 टीमें उतरेंगी तो सभी टीमें आपस में 74 लीग मैच खेलेगी. अभी 8 टीमों के बीच 60 लीग मैच खेले जाते हैं. इसके बाद फॉर्मेट के हिसाब से सेमीफाइनल, फाइनल या फिर एलिमिनेटर, क्वालिफायर मुकाबले होंगे. हर टीम 14 मैच खेलेगी, ड्रॉ निकालकर ये तय होगा कौन सी टीम किस टीम के खिलाफ मुकाबले खेलेगी. सभी टीमों को आपस में कम से कम एक और अधिक से अधिक दो लीग मैच खेलने होंगे.

हर सीजन में इन खिलाड़ियों के लिए लगी सबसे ऊंची बोली
हर सीजन में इन खिलाड़ियों के लिए लगी सबसे ऊंची बोली

आईपीएल में दो टीमें बढ़ी हैं तो उनके होम ग्राउंड भी होंगे. जहां वो टीम अपने लीग मुकाबले खेलेगी. लखनऊ और पुणे के मैदान पर मैच होंगे तो वहां भी दर्शक पहुंचेंगे, जिनसे टिकट के जरिये बीसीसीआई और टीम मालिकों की कमाई होगी. इसके अलावा दो टीमों में कम से कम 40 से 45 खिलाड़ी बढ़ेंगे, कोच, मेंटर, सपोर्ट स्टाफ वगैरह वगैरह. इनमें देश और विदेश के युवा खिलाड़ियों की बोली लगेगी और खिलाड़ी लाखों करोड़ों में बिकेंगे. टीवी राइट्स से लेकर खिलाड़ियों को मिलने वाली एंडोर्समेंट से भी पैसा बरसना तय है.

बीसीसीआई ने 2018 से 2022 तक के प्रसारण अधिकार स्टार इंडिया को बेचकर 16 हजार करोड़ से अधिक की कमाई की थी. जानकार मानते हैं कि 2023 के बाद प्रसारण अधिकार खरीदने के लिए ब्राडकास्टिंग कंपनियों में फिर से होड़ लगेगी जो इस बार पिछली बार से दो और तीन गुना तक भी पहुंच सकते हैं.

सट्टा बाजार भी होगा गुलजार

आईपीएल मैचों पर सट्टा लगना नई बात नहीं है. पहले आईपीएल से ही सट्टा बाजार ने झमाझम क्रिकेट के इस फॉर्मेट को हाथों हाथ लिया है. आईपीएल की हर गेंद, विकेट, रन, चौके, छक्के और टीम की हार जीत से लेकर चैंपियन टीम तक पर सट्टा लगता है और करोड़ों के वारे-न्यारे होते हैं.

खिलाड़ियों पर जमकर बरसता है पैसा
खिलाड़ियों पर जमकर बरसता है पैसा

वैसे इन दिनों कई ऐप भी क्रिकेट मैच पर पैसा लगाकर जीतने का ऑफर दे रही है. MPL से लेकर ड्रीम इलेवन समेत कई ऐप इस रेस में शामिल हैं. जहां लोग लाखों करोड़ो जीतने के लिए चंद रुपये लगाते हैं, लोगों की जेब से कुछ रुपये जाते हैं लेकिन कंपनी करोड़ों की कमाई करती है.

देश की जीडीपी में भी है आईपीएल की हिस्सेदारी

टीम से लेकर खिलाड़ियों की खरीद और फिर मैचों के आयोजन से लेकर टिकट की बिक्री तक हर चीज अर्थ यानि रुपये-पैसे से जुड़ी है. मैच के आयोजन में कई कंपनियों हिस्सेदारी होती है, स्टेडियम में होर्डिंग से लेकर टीवी पर कंपनियों के प्रचार और मैच के प्रसारण अधिकार तक सब कुछ अर्थव्यवस्था से जुड़ा हुआ है.

बीसीसीआई दुनिया का सबसे अमीर क्रिकेट बोर्ड है और आईपीएल के आयोजन के बाद से बीसीसीआई की कमाई का ग्राफ कई गुना बढ़ गया है, जिसका सीधा अर्थ है सरकार के राजस्व में बढ़ोतरी. 2019 में आईपीएल की ब्रांड वैल्यू 47,500 करोड़ रुपये की थी. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक वित्त वर्ष 2007-08 (2008 में पहला आईपीएल) से बीते वित्त वर्ष तक करीब 3500 करोड़ का टैक्स दे चुकी है. साल 2015 में आईपीएल ने 1,150 करोड़ रुपये का योगदान देश की जीडीपी में दिया था.

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Last Updated :Oct 26, 2021, 5:26 PM IST
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