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अंतर्राष्ट्रीय जैव विविधता दिवस पर सीएम अशोक गहलोत ने किया जयसमंद अभयारण्य में 'जंगल सफारी' का उद्घाटन

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Published : May 22, 2023, 9:29 PM IST

CM Ashok Gehlot inaugurated Jungle Safari
CM Ashok Gehlot inaugurated Jungle Safari

अंतर्राष्ट्रीय जैव विविधता दिवस पर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने सोमवार जयसमंद अभयारण्य में 'जंगल सफारी' का उद्घाटन किया. सीएम ने वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए जंगल सफारी का (CM Ashok Gehlot inaugurated Jungle Safari) उद्घाटन किया.

उदयपुर. देश-दुनिया में अपनी खूबसूरती के लिए मशहूर झीलों की नगरी उदयपुर को सोमवार को एक बड़ी सौगात मिली. लेकसिटी आने वाले पर्यटक अब जंगल सफारी का आनंद ले सकेंगे. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने सोमवार को अंतर्राष्ट्रीय जैव विविधता दिवस पर वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए जयसमंद वन्यजीव अभयारण्य के जंगल सफारी का उद्घाटन किया. इस दौरान सीएम ने कहा कि वन और पर्यावरण संरक्षण के लिए राज्य सरकार की ओर से कई ऐतिहासिक फैसले लिए गए हैं. प्रदेश में वन्यजीव, वन क्षेत्र एवं इकोटूरिज्म का निरंतर विकास किया जा रहा है.

जयसमंद अभयारण्य में जंगल सफारी की शुरूआत से उदयपुर जिले में पर्यटन को बढ़ावा मिलने के साथ ही प्रदेश में एक प्रमुख इकोटूरिज्म साइट का विकास होगा तथा क्षेत्र में रोजगार के अवसर भी उपलब्ध होंगे. उन्होंने अंतर्राष्ट्रीय जैव विविधता दिवस पर सभी प्रदेशवासियों को शुभकामनाएं देते हुए यह सौगात प्रदेशवासियों को समर्पित की. उन्होंने कहा कि जयसमन्द अभयारण्य में प्रोजेक्ट लेपर्ड के तहत किए गए प्रयासों से वर्तमान में लेपर्ड की संख्या बढ़कर 19 हो चुकी है.

इंदिरा गांधी ने रखी प्रोजेक्ट टाइगर की नींव - गहलोत ने कहा कि वर्ष 1972 में पूर्व प्रधानमंत्री श्रीमती इंदिरा गांधी ने वन एवं वन्यजीव संरक्षण के महत्व को समझा और ‘प्रोजेक्ट टाइगर‘ की नींव रखी. उसी का परिणाम रहा कि भारत में आज विश्व के 70 प्रतिशत बाघ हैं. उन्होंने कहा कि राजस्थान में तीन टाइगर सफारी है. हाल ही राज्य के चौथे टाइगर प्रोजेक्ट के रूप में रामगढ़ विषधारी को विकसित किया गया है. उन्होंने कहा कि कुंभलगढ़ टाइगर प्रोजेक्ट हेतु समिति का गठन किया गया है.

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वन और वन्यजीव की सुरक्षा हमारी प्राथमिकता - मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार वन और वन्यजीव की सुरक्षा के लिए निरंतर प्रयासरत है. जैव विविधता को बनाए रखने के लिए वर्ष 2010 में ही राजस्थान जैविक विविधता नियम की अधिसूचना जारी की. प्रदेश में 3 राष्ट्रीय उद्यान, 27 वन्यजीव अभयारण्य, 16 कंजर्वेशन रिजर्व और 4 टाइगर प्रोजेक्ट हैं. इन सभी के संरक्षण और संवर्धन के लिए अधिक संवेदनशीलता के साथ कार्य किए जा रहे हैं. उन्होंने बताया कि वर्तमान सरकार द्वारा ही इको-टूरिज्म पॉलिसी-2021 लागू की गई. साथ ही सरिस्का और मुकंदरा हिल्स टाइगर रिजर्व में बॉर्डर होमगार्ड लगाकर विशेष बाघ संरक्षण बल की स्थापना की गई है. यह अनूठी पहल है.

लव-कुश वाटिका से इकोटूरिज्म को बढ़ावा - गहलोत ने कहा कि इको-टूरिज्म के लिए प्रत्येक जिले में वन क्षेत्रों के निकट दो-दो इको-टूरिज्म लव-कुश वाटिका विकसित की जा रही है. उन्होंने कहा कि चूरू के तालछापर अभ्यारण्य में वन्यजीव प्रबंधन प्रशिक्षण केन्द्र स्थापित किया गया है. चम्बल घड़ियाल अभ्यारण्य में पर्यटन की दृष्टि से बुनियादी सुविधाओं का विकास किया जा रहा है. मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य पक्षी गोड़ावण के संरक्षण के लिए केंद्र सरकार, भारतीय वन्य जीव संस्थान और राज्य सरकार में करार से जैसलमेर में गोडावण का कृत्रिम प्रजनन शुरू किया गया. उन्होंने कहा कि जयपुर के झालाना डूंगरी स्थित विश्व वानिकी उद्यान की तर्ज पर जोधपुर, बीकानेर, कोटा, उदयपुर, भरतपुर और अजमेर में भी वानिकी उद्यान विकसित किए जा रहे हैं.

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