टोंक. शहर में बढ़ते अपराधों ओर बेलगाम होते अपराधियों पर पुलिस अब तीसरी आंख से नजर रखेगी. लेकिन इन सबमें बड़ा सवाल यही की बेलगाम बजरी खनन और आंदोलनों में होती फजीहत से टोंक पुलिस कैसे निजात पाएगी. पुलिस ने टोंक शहर को तीसरी आंख की जद में लाने के लिए 400 कैमरों से निगरानी की योजना को अमली जामा पहनाना शुरू किया है.
फिलहाल 75 कैमरे लगाए जा चुके हैं. वहीं 23 कैमरों को अभय कमांड सेंटर से लाइव मॉनिटर किया जा रहा है. इसके लिए एक कंट्रोल रूम भी बनाया गया है. टोंक शहर में अब अपराधियों का पुलिस से बचना आसान नहीं होगा. शहर को अपराध मुक्त बनाने को शहर में 400 कैमरे लगाने का कार्य जारी है. इसे लेकर अभय कमांड सेंटर की ओर से इन दिनों शहर के विभिन्न स्थानों पर कैमरे लगाने का काम जारी है. इनमें से 75 कैमरे शहर के विभिन्न स्थानों पर लगा दिए गए है. इसमें से 23 कैमरे लाइव हो चुके है. इससे शहर में ट्रैफिक व्यवस्था आदि पर कमांड सेंटर की नजर रहेगी.
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बता दें कि लगाए जा रहे कैमरों से 500 मीटर तक की रेंज में जूम कर साफ पिक्चर के देखी जा सकेंगी. कैमरे लगाने में जुटे कर्मचारियों के मुताबिक पूर्व में इन्हें आरएफ कनेक्विटी के माध्यम से जोड़ा गया था. जबकि अब इन कैमरों को ओप्टीकल फाइबर केबल के माध्यम से जाेड़ दिया गया हे. इसका फायदा यह होगा कि पिन टिल जूम होने से क्वालिटी साफ और क्लीन आने के साथ-साथ 500 मीटर तक की वस्तुएं को जूम कर साफ पिक्चर के साथ देखा जा सकेगा. अब तक सेन्टर की ओर से इससे पहले शहर के रोडवेज बस स्टैंड, कलेक्ट्री परिसर, सिविल लाइन, मोदी की चौकी, बमोर रोड, इंदिरा सर्किल, काली पलटन समेत अन्य क्षेत्रों में कैमरे लगाए गए है. इनसे अभय कमांड सेंटर पर तैनात कर्मचारियों की नजर रहेगी.