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टोंक : बनास में अवैध बजरी खनन का निरीक्षण करने पहुंची केंद्रीय एम्पावर्ड कमेटी

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Published : Oct 24, 2020, 6:02 PM IST

Illegal gravel mining in Rajasthan,  Illegal gravel mining in tonk
अवैध बजरी की शिकायतों पर निरीक्षण

टोंक में शनिवार को अवैध बजरी की शिकायतों पर सुप्रीम कोर्ट की ओर से गठित केंद्रीय एम्पावर्ड कमेटी ने निरीक्षण किया. इस दौरान टीम ने अवैध खनन की स्थिति और निशान तलाशने की कोशिश की.

टोंक. अवैध बजरी खनन की शिकायतों के बाद शनिवार को सुप्रीम कोर्ट की ओर से गठित केंद्रीय एम्पावर्ड कमेटी ने जिला प्रशासन के साथ राजमहल से लेकर टोंक तक बनास नदी का निरीक्षण किया. इस दौरान कमेटी के साथ चल रहे एनजीओ के प्रतिनिधि ने बनास नदी में कमेटी को दिखाने के लिए बनाए रूट चार्ट पर सवाल खड़े कर दिए.

अवैध बजरी की शिकायतों पर निरीक्षण

बता दें, तीन साल पहले सुप्रीम कोर्ट की ओर से टोंक जिले सहित प्रदेश के विभिन्न जिलों में गुजर रही बनास नदी में बजरी खनन की रोक लगाई गई थी. लेकिन इसके बाद भी प्रशासन की ओर से बनास नदी में खनन की रोकथाम नहीं हो पा रही थी. इससे सरकार को राजस्व में लगातार नुकसान हो रहा था.

पढ़ें- भीलवाड़ा : अवैध बजरी की शिकायतों पर सुप्रीम कोर्ट द्वारा गठित टीम ने किया निरीक्षण

सुप्रीम कोर्ट की ओर से गठित केंद्रीय एम्पावर्ड कमेटी ने शनिवार को टोंक जिले में अवैध खनन प्रभावित क्षेत्रों का निरीक्षण किया. टीम जिस खनन प्रभावित क्षेत्रों में गई वहां उन्हें खनन या उससे संबंधित निशान नहीं मिल पाए. इस दौरान याचिकाकर्ता आनंद सिंह जोड़ी ने स्थानीय प्रशासन और खनिज विभाग की रूट चार्ट पर ही सवाल खड़ा कर दिया.

जिले में सीएसी टीम के अध्यक्ष पीवी जयकृष्णन के नेतृत्व में 3 सदस्यीय टीम ने कलेक्टर गौरव अग्रवाल, एसपी ओमप्रकाश, खनिज विभाग के अधिकारी और स्थानीय प्रशासनिक अधिकारियों के साथ निरीक्षण किया. इस दौरान राजमहल बंथली-संथली सहित विभिन्न क्षेत्रों को दौरा किया, जहां उन्होने अवैध खनन की स्थिति और निशान तलाशने की कोशिश की.

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