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Special: जिले के अस्पतालों की सुरक्षा राम भरोसे...मानक के अनुरूप नहीं अग्निशमन यंत्र, खतरे में मरीजों की जान

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Published : Jan 15, 2021, 5:12 PM IST

Fire preventionsystem is not satisfactory, अस्पतालों में आग से सुरक्षा का उपाय
अस्पतालों में नहीं सुरक्षा के पर्याप्त इंतजाम

जिले में निजी अस्पतालों व क्लीनिकों की सुरक्षा राम भरोसे है. भगवान न करे कोई हादसा हो जाए तो स्थिति पर नियंत्रण पाना मुश्किल हो जाएगा. शहर के ज्यादातर अस्पतालों, पैथलॉजी और क्लीनिकों में पर्याप्त संख्या में अग्निशमन यंत्र नहीं लगे हुए हैं, जहां लगे भी हैं उसे चलाने के लिए प्रशिक्षित स्टाफ नहीं है जो कि चिंता का विषय है. ईटीवी भारत की टीम ने कुछ निजी अस्पतालों का जायजा लिया तो हालात संतोषजनक नहीं दिखे...

श्रीगंगानगर. जिले में निजी अस्पतालों व क्लीनिकों की सुरक्षा भगवान भरोसे है. यदि भगवान न करे कोई हादसा हो जाए तो स्थिति पर नियंत्रण पाना मुश्किल हो जाएगा. शहर के ज्यादातर अस्पतालों, पैथलॉजी और क्लीनिकों का यही हाल है. कई अस्पतालों में पर्याप्त संख्या में अग्निशमन यंत्र लगे ही नहीं हैं तो कुछ में यंत्र तो हैं लेकिन प्रगतिशील अवस्था में नहीं हैं. कुछ अस्पतालों को छोड़ दें तो ज्यादातर अस्पतालों में अग्निशमन यंत्र मानक के अनुरूप नहीं हैं. ऐसे में आपात स्थिति से निपटने के लिए इनमें पर्याप्त इंतजाम नहीं हैं. फिर भी बिना किसी रोक-टोक के अस्पताल चल रहे हैं.

अस्पतालों में आग से बचाव की व्यवस्था नहीं

खास बात यह है कि चिकित्सा विभाग के अधिकारी भी कभी इन अस्पतालों में झांकने की जहमत नहीं उठाता. हालांकि सरकार के आदेश के बाद अब विभाग के अधिकारी पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड बीकानेर से सूची लेकर इनके खिलाफ कार्रवाई की बात कह रहे हैं. दूसरी तरफ अग्निशमन अधिकारियों ने भी अब नोटिस देने की बात कही है.

मानक के अनुसार व्यवस्था नहीं

नियमों के हिसाब से अस्पतालों में अग्निशमन यंत्र लगाने के साथ ही सुरक्षा के मानक तय किये गए हैं. मानक के अनुसार अस्पताल के वार्डों में न्यूनतम डेढ़-डेढ़ मीटर चौड़े दो दरवाजे होनी चाहिए. ऊपरी मंजिल पर ओवर हेड टैंक हो जिसमें हमेशा पानी भरा रहे. आपातकालीन संकेतक और फायर अलार्म होना जरूरी है. बेसमेंट में अस्पताल का संचालन ना हो और अग्निशमन विभाग से एनओसी लेना भी अनिवार्य होना चाहिए. अस्पतालों में अग्निशमन विभाग, पुलिस और आपातकालीन नंबरों का डिस्प्ले होना चाहिए.

fire fighting equipment condition in hospitals, अस्पतालों में आग से सुरक्षा का उपाय
अस्पतालों में नहीं सुरक्षा के पर्याप्त इंतजाम

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शहर के अधिकतर निजी अस्पतालों के हालात ऐसे हैं कि यहां अग्निशमन यंत्र ही नहीं लगे हुए हैं. जहां लगे हुए हैं वहां इन्हें चलाने के लिए प्रशिक्षित स्टाफ नहीं है. ऐसे में इन अस्पतालों में आग लग जाए तो कैसे हालात पर काबू पाया जाएगा, यह चिन्ता का विषय है. शहर के निजी अस्पतालों के अलावा सरकारी डिस्पेंसरियों की बात करें यहां पर भी अग्निशमन यंत्र नहीं लगे हैं. चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग कार्यालय में ही चल रही डिस्पेंसरी में हर रोज सैकड़ों की तादाद में मरीज आते हैं लेकिन यहां भी अग्निशमन यंत्र की व्यवस्था नहीं है.

Necessary arrangements in hospitals
अस्पतालों में जरूरी व्यवस्थाएं

अस्पताल के वार्डों में न्यूनतम डेढ़-डेढ़ मीटर चौड़े दो दरवाजे होनी चाहिए. ऊपरी मंजिल पर ओवर हेड टैंक हो जिसमें हमेशा पानी भरा रहे. आपातकालीन संकेतक और फायर अलार्म होना जरूरी है. बेसमेंट में अस्पताल का संचालन ना हो और अग्निशमन विभाग से एनओसी लेना भी अनिवार्य होना चाहिए. अस्पतालों में अग्निशमन विभाग, पुलिस और आपातकालीन नंबरों का डिस्प्ले होना चाहिए.

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ईटीवी भारत की टीम ने कुछ निजी अस्पतालों का जायजा लिया तो पता चला कि उनमें अग्निशमन यंत्र भी नहीं लगे हुए हैं तो वहीं दूसरी ओर अधिकतर स्टाफ अग्निशमन यंत्र के बारे में जानकारी तक नहीं रखता है। ऐसे में आग लग जाने की घटना पर आग पर काबू पाना निजी अस्पतालों के बस की बात नहीं है. हालांकि कुछ निजी अस्पतालों में अग्निशमन यंत्र भी थे और उन्हें चलाने वाले प्रशिक्षित स्टाफ भी थे। शहर के अधिकतर निजी अस्पतालों का जायजा लेने के बाद श्री राम अस्पताल में जो अग्निशमन यंत्र लगे हुए थे वह पर्याप्त संख्या में भी थे तो वहीं दूसरी ओर इस अस्पताल में अग्निशमन यंत्र चलाने वाले कार्मिक भी मौजूद थे.

Fire prevention system is not satisfactory, अस्पतालों में आग से सुरक्षा का उपाय
सुरक्षा उपकरण देखता कर्मचारी

यंत्र मिले पर स्टाफ नहीं था

यहां के कार्मिकों ने बताया कि अग्निशमन यंत्र संख्या के हिसाब से अस्पताल में पर्याप्त हैं और अस्पताल स्टाफ अग्निशमन यंत्र चलाना भी जानता है. जिला अस्पताल की एमसीएच यूनिट में अग्निशमन यंत्र के बारे में जायजा लिया तो वहां पर अग्निशमन यंत्र तो जगह-जगह लगे मिले लेकिन चलाने वाला प्रशिक्षित स्टाफ नजर नहीं आया. इसी तरह जिला अस्पताल की पुरानी बिल्डिंग में अग्निशमन यंत्र नजर नहीं आए यहां गैलरीओं में अग्निशमन यंत्र तो नहीं दिखे लेकिन अस्पताल प्रशासन की मानें तो हर वार्ड में अग्निशमन यंत्र लगे हुए हैं.

40 अस्पतालों को भेजा गया है नोटिस

उधर मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉक्टर गिरधारी लाल मेहरडा बताते हैं कि जिला कलेक्टर की अध्यक्षता में हुई बैठक में पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड बीकानेर से जो सूची प्राप्त हुई है उसमें जिले के लगभग 40 निजी अस्पतालों में अग्निशमन यंत्र नहीं लगे होना पाया गया है। वही इन अस्पताल व क्लिनिक ने पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड के नियमों को पूरा तक नहीं किया है। इनकी मानें तो सूची मिलने के बाद सभी 40 संस्थाओं के खिलाफ नोटिस निकाल कर कमियां पूरी करने के निर्देश दिए हैं।जल्दी इन कमियों को पूरा नहीं किया गया तो विभाग सीज की कार्रवाई करेगा.

अस्पतालों में आग से बचाव की व्यवस्था नहीं

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90 फीसदी अस्पतालों में नहीं अग्निशमन यंत्र

पूर्व पार्षद पवन गौड़ कहते हैं कि जिले के 90% अस्पतालों में अग्निशमन यंत्र नहीं लगे हुए हैं जिससे आगजनी की घटना पर कभी भी बड़ा हादसा हो सकता है. इनकी मानें तो जिला कलेक्टर से लिखित में शिकायत की गई है कि जिन अस्पतालों में अग्निशमन यंत्र नहीं लगाए गए हैं, उन्हें अग्निशमन यंत्र नहीं लगाने पर उनके खिलाफ कार्रवाई की जाए. इनकी मानें तो शहर के अधिकतर अस्पताल संकरी गलियों में होने के कारण आगजनी की घटना होने पर कभी भी हादसा हो सकता है. ऐसे में अग्निशमन यंत्र ना केवल इन अस्पतालों में लगे होने चाहिए बल्कि अग्निशमन यंत्रों को चलाने के लिए प्रशिक्षित स्टाफ की भी नियुक्ति की जानी चाहिए ताकि हादसा होने पर उसपर काबू पाया जा सके.

अग्निशमन यंत्र से जुड़े नियमों की पालना करवाने वाले जिन अधिकारियों पर जिम्मेदारी है वह बताते हैं कि समय-समय पर अस्पतालों की जांच करते हैं. उनकी मानें तो शहर के इक्का-दुक्का हॉस्पिटलों को छोड़कर बाकी अस्पतालों में अग्निशमन यंत्र नहीं लगाए गए हैं और ना ही निजी अस्पतालों में प्रशिक्षित स्टाफ है. बताते हैं कि अधिकतर अस्पतालों में लगे अग्निशमन यंत्र काम करने की स्थिति में भी नहीं है. ऐसे में निजी अस्पताल संचालकों को नोटिस देकर उनसे जवाब मांगा जाएगा.

इनकी मानें तो गृह मंत्रालय से जो आदेश आए हैं अभी तक उन्हें मिले नहीं हैं लेकिन जो आदेश आए हैं उन पर कार्रवाई की जाएगी. अग्निशमन यंत्र प्रभारी गौतम लाल सैनी बताते हैं कि अग्निशमन यंत्र बिल्डिंग के हिसाब से लगे होने चाहिए. साथ ही उनमें ट्रेनर भी होना चाहिए. जिन अस्पतालों में अग्निशमन यंत्र नहीं लगे हैं उन्हें नोटिस देकर नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी.

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