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Special : इस साल औसत का 65 फीसदी बारिश, महज 5 डैम हुए फुल...बीते साल 61 में छलक गया था पानी

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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Aug 28, 2023, 10:49 PM IST

इस साल अच्छी बारिश नहीं होने का असर फसलों के साथ ही बांधों पर भी पड़ रहा है. हाड़ौती संभाग में पिछले साल के मुकाबले इस बार औसत का 65 फीसदी बारिश हुई है. ऐसे में बांधों में पानी की कमी हो गई है. पढ़िए ये रिपोर्ट...

Less Rainfall in Hadoti Division
हाड़ौती संभाग में कम बारिश

कोटा. हाड़ौती संभाग में कम बारिश के चलते डैम में पर्याप्त पानी नहीं पहुंच रहा है. पिछले साल अगस्त महीने में 61 डैम फुल हो गए थे, जो इस बार केवल 5 डैम तक ही सीमित रह गए हैं. कुछ डैम में इस साल पहले पानी आ गया था, ये छलक भी गए थे, लेकिन वापस उनमें पानी कम हो गया है. जल संसाधन विभाग के अधीक्षण अभियंता एजाजुद्दीन अंसारी के अनुसार बारिश नहीं होने का असर डैम की भराव क्षमता पर पड़ा है.

कुएं और छोटी वाटर बॉडी होती है रिचार्ज : अधिकांश डैम फुल हो जाने के चलते खरीफ के सीजन में यह पानी काम आता है और इससे नहरों का संचालन भी किया जाता है. साथ ही कुछ डैम हैं, जिनके पानी से आसपास के खेतों के कुएं या तालाब रिचार्ज हो जाते हैं, या उनमें पानी पहुंच जाता है. इससे किसानों को सर्दी की फसलों को पानी देने में आसानी होती है. इस बार बारिश नहीं होने के चलते खरीफ की फसलों में भी चंबल वैली परियोजना के जरिए दाईं और बाईं मुख्य नहर से पानी छोड़ा जा रहा है.

Less Rainfall in Hadoti Division
हाड़ौती संभाग में डैम के हालात

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औसत से 65 फीसदी कम बारिश : जल संसाधन विभाग के अधीक्षण अभियंता एजाजुद्दीन अंसारी के अनुसार मानसून के सीजन में हाड़ौती संभाग के चारों जिले कोटा, बारां, बूंदी और झालावाड़ का औसत बारिश 1 जून से सितंबर तक 762.38 मिलीमीटर रहता है. अगस्त महीने तक 616.35 मिलीमीटर बारिश होती है, जबकि इस बार अगस्त महीने के अंतिम सप्ताह तक 400.85 एमएम ही बारिश हुई है. यह औसत से 215 मिलीमीटर कम है. बीते साल अगस्त तक यह बारिश औसत से 250 मिलीमीटर ज्यादा 970 मिलीमीटर के आसपास तक हुई थी.

Less Rainfall in Hadoti Division
हाड़ौती संभाग में डैम के हालात

33 डैम में अभी भी नहीं आया आधा पानी : उन्होंने बताया कि वर्तमान में केवल 5 डैम ही फुल हुए हैं. इनमें चार बड़े डैम हैं, जबकि एक छोटा डैम फुल हुआ है. 4.25 मिलियन क्यूबिक मीटर से बड़े 46 डैम हैं. इनमें से 27 डैम ऐसे हैं, जिनमें 50 फीसदी से ज्यादा पानी आ गया है. वहीं, 15 डैम में 50 फीसदी से कम पानी है. इसी तरह से 4.25 मिलियन क्यूबिक मीटर क्षमता से छोटे 33 डैम की बात की जाए तो इनमें महज एक डैम फुल हुआ है, जबकि 13 डैम में अभी 50 फीसदी से ज्यादा पानी आया है. 18 डैम ऐसे हैं, जिनमें 50 फीसदी से कम पानी है.

Less Rainfall in Hadoti Division
बीते साल का आंकड़ा

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साल 2022 और 2023 में फुल हुए डैम : झालावाड़ जिले में बीते साल कालीखार, बोरबंद, गुराड़िया, रेवा, मोगड़ा, कंवरपुरा, गुलेण्डी, सारणखेड़ी, गागरिन, बोरदा, बिनायका, कनवाड़ा, भिमानी, जसवंतपुरा, राजपुर, चंवली, बिस्थुनिया, मथानिया, गणेशपुरा, सारोला और चहेलिया डैम फुल हुए थे. इस बार केवल बोरबंद, रेवा और भिमानी ही फुल हुए हैं.

बूंदी के ये हैं हालात : बूंदी जिले में पिछले साल बरधा, अभयपुरा, पैबालपुरा, चाकन, रुणीजा, नारायणपुरा, भीमलत, चंदा का तालाब, बूंदी का गोठड़ा, मछली, बड़ा नयागांव, मरडिया, मोतीपुरा, गुढ़ा, बंसोली, मेंडी, इंद्राणी, डूंगरी, सथुर माता और बटावदी फुल हुए थे, जबकि इस बार कोई डैम फुल नहीं हुआ है.

Less Rainfall in Hadoti Division
बीते साल और इस साल में अंतर

कोटा और बारां में भी पानी कम : कोटा जिले में पिछले साल आलनिया, सावन भादो, डायरा और डोलिया तालाब फुल हुए थे, जबकि इस बार सावन भादो और कोटा बैराज छलके हैं. बारां जिले में पिछले साल उम्मेद सागर, हिंगलोट, अहमदी, इकलेरा सागर, रटलाई, फलिया, सेमली फाटक, बैथली, उटावली, महोदरी, खटका, बिलास, छतरपुरा, गोपालपुरा, कालीसोट और नाहरगढ़ डैम भरे थे, जबकि इस बार इस सूची में कोई डैम नहीं है.

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