Chambal Heritage Riverfront : मंत्रिमंडल ने रिवरफ्रंट को बताया ऐतिहासिक और अद्भुत, कहा- अन्य प्रांत भी फॉलो करेंगे कोटा मॉडल

Chambal Heritage Riverfront : मंत्रिमंडल ने रिवरफ्रंट को बताया ऐतिहासिक और अद्भुत, कहा- अन्य प्रांत भी फॉलो करेंगे कोटा मॉडल
कोटा के चंबल हेरिटेज रिवरफ्रंट के उद्घाटन समारोह के लिए लगभग सभी मंत्री कोटा आए हुए हैं. उन्होंने मंगलवार को रिवरफ्रंट का निरीक्षण किया. इस दौरान मंत्रियों और जनप्रतिनिधियों ने कोटा मॉडल की काफी तारीफ की और इसे पर्यटन की दृष्टि से ऐतिहासिक बताया.
कोटा. चंबल हेरिटेज चंबल रिवरफ्रंट के लोकार्पण के मौके पर राजस्थान के लगभग सभी मंत्री कोटा आए हुए हैं. नयापुरा स्थित बावड़ी से सभी मंत्रियों ने निरीक्षण शुरू किया, जिसके बाद रिवरफ्रंट पर मंत्री परिषद के सदस्यों और जनप्रतिनिधियों ने घाटों का भ्रमण किया. सभी ने मंत्री धारीवाल के अर्बन डेवलपमेंट प्रोजेक्ट की सरहाना की. विधानसभा अध्यक्ष सीपी जोशी ने भी रिवरफ्रंट के उद्घाटन के दौरान इसकी तारीफ की. साथ ही कहा कि कोटा आधुनिक विकास का नया मॉडल बना है.
मंत्रियों ने की तारीफ : मंत्रियों और वीआईपी के निरीक्षण के लिए करीब 30 से 40 पोलो कार्ट लगाई गई, जिनमें 200 के आसपास अधिकारी बैठे थे. इस दौरान मंत्री ममता भूपेश ने ईटीवी से बातचीत करते हुए कहा कि यह राजस्थान के लिए ऐतिहासिक क्षण है. राजस्थान में नायाब चीज बनाकर पूरे विश्व में अनोखा उदाहरण पेश किया है. कोटा विकास मॉडल को अन्य प्रांत भी फॉलो करेंगे. एक-एक चीज जो यहां पर बनाई गई है, वह अद्भुत है. राजस्थान की कला, संस्कृति और देशभर के कलर को यहां पर दिखाया गया है. म्यूजिक सिस्टम, मूर्तियां, तमाम चीजें यहां पर हैं. यह दोनों तरफ 3-3 किलोमीटर लंबा है. उन्होंने कहा कि राजस्थान में हमारी सरकार दोबारा बनने वाली है, जिसके बाद सभी संभागीय मुख्यालय को इस तरह से विकसित करेंगे.
पर्यटन की दृष्टि से खुला है नया रूट : कृषि मंत्री लालचंद कटारिया ने कहा कि कोटा में ऐतिहासिक काम हुआ है. मुख्यमंत्री गहलोत और मंत्री शांति धारीवाल की सोच से पर्यटन की दृष्टि से एक नया रूट खुला है. कोटा देश और दुनिया के नक्शे पर आ गया है. मैं रिवरफ्रंट को ऐतिहासिक कह सकता हूं. इससे हजारों लोगों को रोजगार मिलेगा. आने वाले समय में यहां से रेवेन्यू मिलेगा, जो कोटा के विकास में काम आएगा. उन्होंने तारीफ करते हुए कहा कि दुनिया के अन्य देशों में ऐसा कुछ देखा था, पहली बार हमारे देश में यह देखने को मिला है.
ऐसा मॉडल विदेश में भी नहीं : आरटीडीसी के अध्यक्ष धर्मेंद्र राठौड़ का कहना है कि यह अद्भुत, अकल्पनीय, अविश्वसनीय और ऐतिहासिक है. इतिहास के पन्नों में यह दर्ज होगा. पहले औद्योगिक नगरी के नाम से कोटा जानी जाती थी, उसके बाद कोटा को शिक्षा नगरी के नाम से जाना गया और अब कोटा पर्यटन नगरी बन गया है. कोटा ने विकास का मॉडल दिया है. पूरे देश में शायद ही कोटा का चंबल रिवरफ्रंट जैसा निर्माण हो.
