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कोटा चंबल हेरिटेज रिवरफ्रंट मामले को लेकर 8-9 को एनजीटी की टीम करेगी विजिट, अगली सुनवाई 12 दिसंबर को

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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Nov 7, 2023, 10:40 PM IST

कोटा चंबल हेरिटेज रिवरफ्रंट निर्माण को गैरकानूनी बताते हुए नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल की सेंट्रल जोन बेंच भोपाल में एक याचिका 27 सितंबर को दाखिल की गई थी. इस सुनवाई के तहत एनजीटी की कमेटी 8 और 9 नवंबर को रिवरफ्रंट का दौरा करेगी. मामले की अगली सुनवाई 12 दिसंबर को होगी.

Case of Kota riverfront in NGT
चंबल हेरिटेज रिवरफ्रंट मामले को लेकर 12 दिसंबर को सुनवाई

कोटा. 1400 करोड़ से बने चंबल हेरिटेज रिवरफ्रंट को लेकर नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल में याचिका दाखिल हुई थी. इसके बाद नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल की सेंट्रल जोन बेंच भोपाल ने संयुक्त कमेटी बनाकर पूरी रिपोर्ट मांगी गई है. यह कमेटी 8 व 9 नवंबर को कोटा के हेरिटेज चंबल रिवर फ्रंट का दौरा करेगी और इसके बाद ही एनजीटी के निर्देशन के अनुसार रिपोर्ट बनाएगी. मामले की ​अगली सुनवाई 12 दिसंबर को होगी.

इस कमेटी में एडीएम कोटा, केंद्रीय पॉल्यूशन कंट्रोल मंडल के क्षेत्रीय अधिकारी, जल संसाधन विभाग के राणा प्रताप सागर बांध के अधीक्षण अभियंता, राजस्थान राज्य जैव विविधता बोर्ड के मुख्य प्रबंधन तकनीकी को शामिल किया गया है. इस कमेटी के सभी सदस्यों को संयुक्त निरीक्षण के लिए निर्देश राजस्थान राज्य प्रदूषण नियंत्रण मंडल कोटा के क्षेत्रीय अधिकारी अमित सोनी ने जारी किए हैं. ये सभी अधिकारी विजिट के बाद एक रिपोर्ट तैयार करेंगे, जो की एनजीटी में पेश की जाएगी. इस मामले की अगली सुनवाई 12 दिसंबर को होगी.

पढ़ें: कोटा रिवरफ्रंट को गैर-कानूनी बता एनजीटी से ध्वस्त करने की मांग... यूआईटी, कलेक्टर व आर्किटेक्ट अनूप भरतरिया को नोटिस

आपको बता दें कि पूर्व विधायक प्रहलाद गुंजल ने यह मामला उठाया था. जिसमें बताया था कि यूडीएच मंत्री शांति धारीवाल ने अधिकारियों पर दबाव बनाकर केंद्रीय वन एवं पर्यावरण मंत्रालय से बिना अनुमति लिए राष्ट्रीय चंबल घड़ियाल सेंचुरी में निर्माण करवा दिया गया है. ऐसे में 12 सितंबर को आयोजित उद्घाटन समारोह में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत नहीं आए थे. इसके बाद ही 27 सितंबर, 2023 को द्रुपद मलिक, अशोक मलिक और गिरिराज अग्रवाल ने एक याचिका एनवायरमेंटल प्रोटक्शन एक्ट 1986 के उल्लंघन का आरोप लगाते हुए एनजीटी में दाखिल की थी. इसमें राष्ट्रीय चंबल घड़ियाल सेंचुरी में निर्माण, जलीय जीवन पर संकट, नदी की चौड़ाई कम करना और बफर जोन में निर्माण से लेकर तीनों परिवादियों ने रिवर फ्रंट के निर्माण को गैरकानूनी बताते हुए ध्वस्त करवाने की मांग की है.

पढ़ें: गुंजल का आरोप: मनमानी दरों पर टेंडर कर चंबल रिवरफ्रंट में किया करोड़ों का घोटाला

इस याचिका में प्रमुख शासन सचिव जल संसाधन विभाग राजस्थान, सदस्य सचिव राजस्थान स्टेट बायोडायवर्सिटी बोर्ड, सचिव नगर विकास न्यास कोटा, कमिश्नर व एसीईओ स्मार्ट सिटी लिमिटेड कोटा, जिला कलेक्टर व यूआईटी चेयरमैन, राजस्थान स्टेट पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड, सीनियर टाउन प्लानर कोटा रीजन, चीफ टाउन प्लानर और रिवरफ्रंट के आर्किटेक्ट अनूप भरतरिया को प्रतिवादी बनाया है.

कोटा. 1400 करोड़ से बने चंबल हेरिटेज रिवरफ्रंट को लेकर नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल में याचिका दाखिल हुई थी. इसके बाद नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल की सेंट्रल जोन बेंच भोपाल ने संयुक्त कमेटी बनाकर पूरी रिपोर्ट मांगी गई है. यह कमेटी 8 व 9 नवंबर को कोटा के हेरिटेज चंबल रिवर फ्रंट का दौरा करेगी और इसके बाद ही एनजीटी के निर्देशन के अनुसार रिपोर्ट बनाएगी. मामले की ​अगली सुनवाई 12 दिसंबर को होगी.

इस कमेटी में एडीएम कोटा, केंद्रीय पॉल्यूशन कंट्रोल मंडल के क्षेत्रीय अधिकारी, जल संसाधन विभाग के राणा प्रताप सागर बांध के अधीक्षण अभियंता, राजस्थान राज्य जैव विविधता बोर्ड के मुख्य प्रबंधन तकनीकी को शामिल किया गया है. इस कमेटी के सभी सदस्यों को संयुक्त निरीक्षण के लिए निर्देश राजस्थान राज्य प्रदूषण नियंत्रण मंडल कोटा के क्षेत्रीय अधिकारी अमित सोनी ने जारी किए हैं. ये सभी अधिकारी विजिट के बाद एक रिपोर्ट तैयार करेंगे, जो की एनजीटी में पेश की जाएगी. इस मामले की अगली सुनवाई 12 दिसंबर को होगी.

पढ़ें: कोटा रिवरफ्रंट को गैर-कानूनी बता एनजीटी से ध्वस्त करने की मांग... यूआईटी, कलेक्टर व आर्किटेक्ट अनूप भरतरिया को नोटिस

आपको बता दें कि पूर्व विधायक प्रहलाद गुंजल ने यह मामला उठाया था. जिसमें बताया था कि यूडीएच मंत्री शांति धारीवाल ने अधिकारियों पर दबाव बनाकर केंद्रीय वन एवं पर्यावरण मंत्रालय से बिना अनुमति लिए राष्ट्रीय चंबल घड़ियाल सेंचुरी में निर्माण करवा दिया गया है. ऐसे में 12 सितंबर को आयोजित उद्घाटन समारोह में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत नहीं आए थे. इसके बाद ही 27 सितंबर, 2023 को द्रुपद मलिक, अशोक मलिक और गिरिराज अग्रवाल ने एक याचिका एनवायरमेंटल प्रोटक्शन एक्ट 1986 के उल्लंघन का आरोप लगाते हुए एनजीटी में दाखिल की थी. इसमें राष्ट्रीय चंबल घड़ियाल सेंचुरी में निर्माण, जलीय जीवन पर संकट, नदी की चौड़ाई कम करना और बफर जोन में निर्माण से लेकर तीनों परिवादियों ने रिवर फ्रंट के निर्माण को गैरकानूनी बताते हुए ध्वस्त करवाने की मांग की है.

पढ़ें: गुंजल का आरोप: मनमानी दरों पर टेंडर कर चंबल रिवरफ्रंट में किया करोड़ों का घोटाला

इस याचिका में प्रमुख शासन सचिव जल संसाधन विभाग राजस्थान, सदस्य सचिव राजस्थान स्टेट बायोडायवर्सिटी बोर्ड, सचिव नगर विकास न्यास कोटा, कमिश्नर व एसीईओ स्मार्ट सिटी लिमिटेड कोटा, जिला कलेक्टर व यूआईटी चेयरमैन, राजस्थान स्टेट पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड, सीनियर टाउन प्लानर कोटा रीजन, चीफ टाउन प्लानर और रिवरफ्रंट के आर्किटेक्ट अनूप भरतरिया को प्रतिवादी बनाया है.

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