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सात दशक पहले दो ठेलों से शुरू हुआ अनंत चतुर्दशी का जुलूस हुआ विशालकाय, 1 घंटे का जुलूस अब चलता है 18 घंटों तक

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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Sep 28, 2023, 2:06 PM IST

साल 1950 में रामकुमार ने केवल दो ठेलों पर अनंत चतुर्दशी का जुलूस निकाला था जिसमें एक ठेले में गणपति होते थे, दूसरे में प्रसाद रखते थे. यह पाटन पोल से छोटी समाज होते हुए चंबल नदी के तट तक जाते थे और वहां विसर्जन होता था. इसमें ज्यादा लोग नहीं जुटते थे महज कुछ दर्जन लोग शामिल होते थे. लेकिन अब संख्या लाखों में पहुंच गई.

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कोटा. अनंत चतुर्दशी पर कोटा में भव्य जुलूस निकाला जाता है. जिसमें लाखों की संख्या में लोग शामिल होते हैं. यह जुलूस अब करीब 15 से 18 घंटे तक चलता है. जिसमें दो दर्जन से ज्यादा अखाड़े इतनी ही झांकियां और 100 से ज्यादा गजानन की विशालकाय मिट्टी बांस से बनी मूर्तियां होती है. पहले जहां पर इसकी शुरुआत महज दो ठेलों पर हुई थी, अब एक अखाड़े के पास ही कई ऊंट गाड़ियां और बग्गियां होती है. ऐसे में करीब 700 से 800 ऊंट गाड़ी, ट्रैक्टर, लोडिंग ऑटो या बग्गियां इसमें शामिल होती हैं.

यह जुलूस दोपहर 12:00 बजे से रात 2:00 से 3:00 तक भी चलता रहता है. हालांकि अखाड़े और झांकियां वाले पूरे कोटा शहर के अलग-अलग इलाके से इसमें शामिल होने के लिए पहुंचते हैं. इसलिए वह अपने जगह से 8 से 9 बजे सुबह ही रवाना हो जाता है, क्योंकि पैदल ही उन्हें आना होता है. इसके लिए भारी भरकम इंतजाम करना पड़ता है. साथ ही रास्तों को डायवर्ट करने के अलावा भीतरी शहर में किसी भी तरह का कोई मूवमेंट नहीं होता है.

सन 1950 में की थी रामकुमार ने शुरुआत : कोटा में सन 1950 में अनंत चतुर्दशी के जुलूस की शुरुआत रामकुमार ने की थी. उसके बाद से यह जुलूस का आकार लगातार बढ़ता गया. आज विशाल जुलूस बन गया है, जिसमें करोड़ों रुपए समग्र रूप से आयोजन में खर्च होते हैं. बताया जाता है 1950 में रामकुमार ने केवल दो ठेलों में अनंत चतुर्दशी का जुलूस निकाला जाता था. जिसमें एक ठेले में गणपति होते थे, दूसरे में प्रसाद रखा जाता था. जबकि यह पाटन पोल से छोटी समाज होते हुए चंबल नदी के किनारे पर जाते थे और वहां विसर्जन होता था. इसमें ज्यादा लोग नहीं पहुंचते थे. महज कुछ दर्जन लोग शुरुआत में थे, लेकिन बाद में बढ़कर 2 से 4 साल में ही यह संख्या 400 के 500 पहुंच गई और अब लाखों में पहुंच गई है.

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10000 से ज्यादा लोग साथ चलते हैं जुलूस में : इस जुलूस में स्थाई रूप से साथ चलने वाले लोगों की संख्या 10 हजार से ज्यादा होती है. जिनमें 24 अखाड़े, इतनी ही झांकियां और करीब 100 से ज्यादा गजानन की प्रतिमाएं होती हैं. जिनका विसर्जन किया जाना है. यह जुलूस दोपहर 12:00 बजे के आसपास सूरजपोल गेट से शुरू होता है जहां पर जनप्रतिनिधि और साधु संत पूजा अर्चना करते हैं. जिसके बाद आगे बढ़ता है और कैथोलिक पल श्रीपुर रामपुर वह लाडपुरा होते हुए किशोर सागर तालाब तक जाता है जहां पर विसर्जन होता है.

रेस्क्यू टीम भी रहती है तैनात : नगर विकास न्यास और नगर निगम किशोर सागर तालाब पर विसर्जन की तैयारी करती है. इसके लिए बड़ी-बड़ी क्रेन खड़ी की जाती है. यह विसर्जन रात 2 से 3 बजे तक भी चलता है. किसी भी तरह की अनहोनी जुलूस मार्ग या विसर्जन स्थल पर नहीं हो, इसके लिए मेडिकल और रेस्क्यू टीम भी तैनात की जाती है. किशोर सागर तालाब में बोट के साथ रेस्क्यू टीम हमेशा तैनात रहती है. इसके अलावा बिजली और पानी के पर्याप्त व्यवस्था भी जिला प्रशासन करवाता है. इस पूरे जुलूस मार्ग में लोग बड़ी संख्या में स्वागत करने पहुंचते हैं. यहां जनप्रतिनिधि भी अखाड़े में अपने करतब दिखाते हैं.

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4000 पुलिसकर्मी संभालेंगे पूरी कमान : कोटा शहर एसपी शरद चौधरी ने बताया पूरे अनंत चतुर्दशी के मार्ग को 18 सेक्टर में विभाजित किया है. इनमें 17 एडिशनल एसपी, 33 डीएसपी, 50 सीआई, 150 सब एसआई और एएसआई के अलावा 3700 पुलिसकर्मी और आरएसी के जवान के साथ-साथ होमगार्ड का जाब्ता तैनात है. इनमें स्पेशल टास्क फोर्स, रैपिड एक्शन फोर्स, पुलिस कमांडो व आर्ल्ड बटालियन का पुलिस बल शामिल हैं. इसके लिए कोटा रेंज के अलावा अन्य रेंज से भी जाब्ता मंगाया गया है.

पूरे मार्ग सीसीटीवी की जद में, ड्रोन भी रखेगा नजर : अनंत चतुर्दशी का पूरा मार्ग सीसीटीवी की जद में रखा गया है. इसे अभय कमांड सेंटर और अस्थाई मॉनिटरिंग के लिए कैथूनीपोल थाने में भी कंट्रोल रूम बनाया है. इसके साथ ही पूरे जुलूस मार्ग पर 100 से ज्यादा जगह पर सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं. जहां-जहां से शोभायात्रा गुजरेगी. वहां पर ड्रोन की मदद से निगरानी रखी जाएगी, ताकि आसपास की छतों पर भी जमा भीड़ की निगरानी हो सके. दूसरी तरफ 100 जगहों पर वॉच टावर बनाए हैं. इसके अलावा होटल, धर्मशाला, बस स्टैंड और रेलवे स्टेशन पर विशेष निगरानी की जा रही है. पुलिस का मानना है कि करीब डेढ़ से 2 लाख लोग पूरी शोभायात्रा में मौजूद रहेंगे.

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