ETV Bharat / state

दाम बढ़ने पर फिर किसानों ने बढ़ाया लहसुन का रकबा, बीते साल से 80 फ़ीसदी एरिया में हुई ज्यादा बुवाई

author img

By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Dec 7, 2023, 7:37 PM IST

बीते साल लहसुन उत्पादक किसानों को अच्छा मुनाफा मिला है. इसी के चलते इस बार लहसुन की बुवाई में रकबा 80 फीसदी बढ़ गया है. इस बार सब कुछ ठीक रहा तो इस बार भी अच्छी पैदावार की उम्मीद है.

Agriculture news
लहसुन के दामों से किसानों को उम्मीदें

लहसुन के दामों से किसानों को उम्मीदें

कोटा. लहसुन उत्पादक किसान जहां 1 साल पहले खून के आंसू रो रहे थे. उन्हें बीते साल अच्छा मुनाफा मिला है. सभी किसानों को उपज के अच्छे दाम मिले हैं. इसी के चलते इस बार लहसुन की बुवाई में रकबा 80 फीसदी बढ़ गया है. व्यापारियों का भी इस बार कहना है कि लहसुन के दाम अगले साल कम नहीं होंगे. किसानों को उत्पादन के साथ-साथ मुनाफा भी होने की उम्मीद है. उद्यानिकी विभाग के संयुक्त निदेशक पी के सिंह का कहना है कि साल 2022 में लहसुन का रकबा हाड़ौती संभाग में 51448 हेक्टेयर था, जबकि इसमें बढ़ोतरी हुई है.

वर्तमान में मंडी में किसानों को 17000 रुपए प्रति क्विंटल औसत भाव में मिल रहा है. वर्तमान में विदेश में अरब कंट्रीज में लहसुन का एक्सपोर्ट हो रहा है डिमांड भी लगातार आ रही है. बांग्लादेश और अन्य जगह से भी डिमांड है. विदेशों में लहसुन की डिमांड के चलते दाम काफी अच्छे किसानों को मिले हैं. साल 2021 में बुवाई भी कम हुई थी, जिससे साल 2022 में उत्पादन भी कम हुआ, इसका भी किसानों को फायदा हुआ है. वर्तमान में डिमांड के अनुसार लहसुन उपलब्ध नहीं हो पा रहा है इसीलिए दाम ज्यादा हो रहे हैं.

पढ़ें:Special : रिकॉर्ड स्तर पर बढ़ेंगे लहसुन के दाम! महंगा बीज खरीदने को मजबूर होंगे किसान

बीते साल से अब तक 33 हजार हेक्टेयर में हो चुकी है बुवाई: उद्यानिकी विभाग के संयुक्त निदेशक पी के सिंह का कहना है कि साल 2022 में लहसुन का रकबा हाड़ौती संभाग में 51448 हेक्टेयर था, जबकि इसमें बढ़ोतरी हुई है. वर्तमान में 84164 हेक्टेयर एरिया में लहसुन की बुवाई किसान कर चुके हैं यह बुवाई कुछ और होगी.उन्होंने बताया कि बीते साल से करीब 33000 हेक्टेयर ज्यादा एरिया में इस बार लहसुन की बुवाई अब तक हो चुकी है. उम्मीद है कि 35 से 40 हजार हेक्टेयर में बुवाई ज्यादा होगी.

फेंकना पड़ा था किसानों को लहसुन: साल 2021 में किसानों ने 115000 हेक्टेयर में हाड़ौती के चारों जिलों में लहसुन की बुवाई कर दी थी. इसका उत्पादन साल 2022 की शुरुआत में 7 लाख मीट्रिक टन से ज्यादा हुआ था. इसके अलावा विदेशों से भी डिमांड नहीं थी साथ ही लहसुन की क्वालिटी भी अच्छी नहीं थी. ऐसे में हाड़ौती के किसानों को उपज का पूरा दम नहीं मिल पाया था. हालात ऐसे थे की खेत से लहसुन को निकाल कर मंडी तक पहुंचने में भी काफी खर्च हो रहा था, ऐसे में कई किसानों ने खेत से निकालकर उसे छंटनी करना मंजूर नहीं समझा और लहसुन को ऐसे ही फेंक दिया था. वही जो किसान मंडी में अपना लहसुन लेकर पहुंचे थे, उन्हें औसत 10 रुपए किलो के आसपास ही दाम मिले थे, जबकि जो बिखरा हुआ लहसुन एक से दो रुपए किलो ही बिका था.

पढ़ें: Rajasthan Garlic Farmers : लहसुन के दामों ने किसानों की उम्मीदों को दी नई 'ऊंचाई', 15 दिन में दुगने हुए भाव

इस बार दुगने कीमत का लगा है बीज, बढ़ेगी उत्पादन लागत: उद्यानिकी के विभाग के उपनिदेशक आनंदीलाल मीणा किसानों ने अच्छे दम नहीं मिलने के चलते 2022 में लहसुन बुवाई से किसानों ने किनारा कर लिया था. किसानों ने बीज भी नहीं रखा था इसी के चलते रकबे में कमी करते हुए 51448 हेक्टेयर में फसल उगाई गई, जिसका उत्पादन भी 3.5 लाख मीट्रिक टन हुआ था. साल 2023 में हाल ही में हुई बुवाई में किसानों के पास बीज भी नहीं था. ऐसे में उन्हें महंगे दाम पर ही बीज खरीदना पड़ा. इस बार औसत बीज का दाम 15 हजार रुपए प्रति क्विंटल था. ऐसे में बुवाई में भी लागत बढ़ गई है. प्रति बीघा एक क्विंटल बीज की आवश्यकता होती है. अन्य खर्च मिलाकर लहसुन की उत्पादन लागत इस बार बढ़ जाएगी. यह पहले जहां पर 30 हजार प्रति बीघा थी, अब 40 से 45 हजार होगी.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.