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Rajasthan Garlic Farmers : लहसुन के दामों ने किसानों की उम्मीदों को दी नई 'ऊंचाई', 15 दिन में दुगने हुए भाव

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Published : Jul 12, 2023, 11:20 PM IST

हाड़ौती के लहसुन उत्पादकों को पिछली बार लागत भी ढंग से वसूल नहीं हो पाई थी, लेकिन इस बार किसानों के चेहरे पर खुशी है. लहसुन के बढ़ते भावों के साथ ही किसानों का मुनाफा भी बढ़ता जा रहा है. पिछले एक पखवाड़े में लहसुन का दाम दोगुना बढ़ गया है.

Garlic Prices in Rajasthan
लहसुन के दाम 15 दिन में दुगने

किसानों की उम्मीदों को दी नई 'ऊंचाई

कोटा. लहसुन ने किसानों को पिछले साल खूब रुलाया था. इस फसल से आस लगाए बैठे किसानों की पिछले वर्ष लागत भी नहीं निकल पाई थी, लेकिन इस बार हालात इसके उलट हैं. लहसुन किसानों के चेहरे इस बार के भाव को देखकर खिले हुए हैं. पिछले एक पखवाड़े में लहसुन के भाव दोगुना हो गए हैं, इससे किसानों की उम्मीदों को नई रोशनी मिल गई है.

बीते साल हुए नुकसान के कारण किसानों ने इस बार रकबे को कम कर दिया था. पूरे हाड़ौती में इस बार करीब 35 हजार हेक्टेयर कम बुवाई हुई. इसके कारण उत्पादन कम हुआ. कम उत्पादन और विदेशों में मांग के चलते लहसुन की डिमांड बढ़ गई है. इसके कारण लहसुन के भाव आसमान छूते नजर आ रहे हैं. एशिया की सबसे बड़ी लहसुन मंडी भामाशाह कृषि उपज मंडी कोटा के सचिव जवाहर लाल नागर का कहना है कि बीते 15 दिनों में करीब 4 से 5 हजार रुपए प्रति क्विंटल भाव बढ़ गया है. डेढ़ महीने पहले एक्सपोर्ट क्वालिटी वाला लहसुन 6 से 8 हजार रुपए प्रति क्विंटल मंडी में बिक रहा था. वर्तमान में इसके दाम बढ़कर 15 से 18 हजार रुपए प्रति क्विंटल पहुंच गए हैं. जबकि नॉर्मल लहसुन 12 हजार रुपए के आसपास पहुंच गया है.

Garlic Prices in Rajasthan
लहसुन उत्पादन में गिरावट

पढ़ें. Kota Garlic Farmers : मंडी में किसानों को मिल रही लहसुन बेचने पर राहत, बढ़े दाम से किसान खुश...बोले- केवल खर्चा चलेगा

किसानों के चेहरे पर दिखी खुशी : बीते साल जिन किसानों को घाटा उठाना पड़ा था, उनके चेहरे पर इस बार लहसुन ने खुशियां ला दी हैं. पिछले वर्ष के मुकाबले किसानों ने इस बार उत्पादन रकबा घटाया, लेकिन बढ़े हुए भाव ने उन्हें खुश कर दिया है. कोटा के ग्रामीण इलाके के पाली गांव निवासी किसान सोहनलाल ने ढाई बीघा में लहसुन का उत्पादन किया था. उत्पादित लहसुन को 15 दिन पहले मंडी में बेचा था, तब 6500 रुपए प्रति क्विंटल दाम मिले थे. अब दाम बढ़ने से लहसुन बुधवार को 11500 रुपए प्रति क्विंटल हो गया.

Garlic Prices in Rajasthan
लहसुन के दाम 15 दिन में दुगने

इस बार डेढ़ बीघा के मिले 2 लाख : बूढ़ादीत के किसान ओमप्रकाश मीणा का कहना है कि पिछले साल 800 रुपए क्विंटल लहसुन बिका था. उन्होंने कहा कि डेढ़ महीने पहले जो लहसुन लेकर आए थे, वह 6000 रुपए प्रति क्विंटल बिके थे. उसके बाद 6200 रुपए क्विंटल और अब 11500 रुपए प्रति क्विंटल में लहसुन बिका है. उनका कहना है कि पिछले साल 5 बीघा में लहसुन बोया था, जिसमें पूरा नुकसान हुआ था. लागत भी नहीं निकल पाई थी. महज 18 हजार रुपए का पूरा लहसुन बिका था. इस बार उत्पादन 3 बीघा में किया था, अब तक दो लाख रुपए का माल बिका चुका है. शेष डेढ़ बीघा लहसुन अभी बेचना बाकी है, इससे 2 लाख रुपए से भी ज्यादा मिलने की उम्मीद है.

Garlic Prices in Rajasthan
दाम बढ़ने के ये भी रहे कारण

खर्चा चलाने के लिए बेचा सस्ता लहसुन : बोराणा के किसान घनश्याम दाधीच का कहना है कि ज्यादातर किसानों को उम्मीद नहीं थी कि लहसुन के दाम बढ़ेंगे, इसीलिए शुरुआत में ही अधिकांश ने सस्ते दाम पर ही माल बेचा है. लोगों की उधारी चुकाने के लिए और घर के खर्च के लिए भी पैसा चाहिए था, इसलिए 7 हजार रुपए प्रति क्विंटल में एक्सपोर्ट क्वालिटी का लहसुन बेचा था. उम्मीद थी कि दाम बढ़ेंगे, इसीलिए माल को रोक कर रखा था और ऐसा ही हुआ. बुधवार को मंडी में 13 हजार रुपए प्रति क्विंटल दाम मिला है, अभी भी कुछ लहसुन रोका हुआ है.

पढ़ें. Special :किसानों ने किया 5 लाख मीट्रिक टन लहसुन उत्पादन, व्यापारी बोले- दाम बढ़ने की उम्मीद...

रिटेल में 150 से 200 रुपए किलो तक : मंडी में एक्सपोर्ट क्वालिटी माल के दाम 150 से 180 रुपए किलो है. शेष अधिकांश माल 100 से 140 रुपए किलो के आसपास बिक रहा है. कोटा की रिटेल मंडियों की बात की जाए तो यहां पर एक्सपोर्ट से नीचे की क्वालिटी का माल ही बिकने के लिए पहुंचता है. ऐसे में वहां भी भाव 150 से 200 रुपए किलो के आसपास पहुंच गए. भामाशाह मंडी में लहसुन के खरीदार अशोक काला का कहना है कि लगातार दामों में बढ़ोतरी हो रही है. 2 सप्ताह पहले जो लहसुन के दाम थे, उनमें दोगुनी बढ़ोत्तरी हुई है.

Garlic Prices in Rajasthan
देखिए क्या रहे 7 महीनों में लहसुन के भाव

इसलिए बढ़ रहे दाम : भामाशाह कृषि उपज मंडी की ग्रैंड एंड सीड्स मर्चेंट एसोसिएशन के अध्यक्ष अविनाश राठी का कहना है कि दाम, डिमांड और सप्लाई का अंतर होने के चलते बढ़े हैं. दूसरी तरफ लहसुन को फ्लेक्स और पाउडर के रूप में भी विदेशों में भेजा जा रहा है. देश में सभी जगह पर लहसुन का उत्पादन कम था, इसलिए दाम लगातार बढ़ रहे है. लहसुन सब्जी की श्रेणी में आने के चलते 2 से 3 महीने तक ही इसे रखा जा सकता है, इसलिए भी स्टॉक ज्यादा नहीं रख सकते हैं, इसीलिए भी दाम बढ़े हैं. वहीं, लहसुन का ज्यादा निर्यात बांग्लादेश को किया जा रहा है. इसके अलावा मलेशिया, वियतनाम, यूएई, अफगानिस्तान को भी लहसुन भेजा जा रहा है. विदेशों में डिमांड होने के चलते भी लहसुन के दाम बढ़ रहे हैं.

Garlic Prices in Rajasthan
एक्सपोर्ट क्वालिटी वाला लहसुन 6-8 हजार रुपए प्रति क्विंटल बिक रहा

कम हो गया था 2022 में रकबा : उद्यानिकी विभाग के उपनिदेशक कोटा आनंदी लाल मीणा के अनुसार बीते साल उत्पादन काफी ज्यादा कम था. साल 2021 में किसानों ने 1,15,445 हेक्टेयर में लहसुन की खेती की थी. इससे उत्पादन भी साल 2022 में 7.25 लाख मीट्रिक टन के आसपास हुआ था. इसकी क्वालिटी भी कमजोर थी व उत्पादन ज्यादा होने के चलते दाम भी किसानों को कम मिले थे. साल 2022 में 79 हजार हेक्टेयर में खेती हुई थी. ऐसे में उत्पादन भी करीब 5 लाख मीट्रिक टन अनुमानित हैं, इसलिए दाम किसानों को अच्छे मिलने लगे हैं.

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