कोटा. भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो की जयपुर टीम ने आय से अधिक संपत्ति के आरोप में बुधवार को कोटा के एक सरकारी इंजीनियर के ठिकानों पर छापा मारा है. टीम नगर विकास न्यास के अधिशासी अभियंता कमल मीणा के निवास, यूआईटी में बने उनके दफ्तर और हॉस्टल के अलावा बैंक भी पहुंची है. एसीबी की टीम स्टेट बैंक ऑफ इंडिया के लॉकर को खुलवाने के लिए पहुंची है.
भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो के उप महानिरीक्षक कोटा कल्याणमल मीणा ने बताया कि एसीबी हेड क्वार्टर को कमल मीणा के बारे में इनपुट मिला था. इसके बाद कोऑर्डिनेटर करते हुए कोटा से तीन टीमें गठित की गई और उन्हें कमल मीणा के निवास, हॉस्टल और यूआईटी दफ्तर में कार्रवाई के लिए भेजा गया. एसीबी को अभी तक जांच में 29 भूखंड के कागजात मिले हैं, इनमें व्यावसायिक और आवासीय भूखंड दोनों शामिल हैं. यह कमल मीणा ने अपनी पत्नी रंजना और बच्चों के नाम ले रखे थे. इसके अलावा 37 तोला सोना और डेढ़ किलो चांदी भी उसके पास से मिली है. अभी कार्रवाई जारी है. बड़े स्तर पर आय से अधिक संपत्ति का खुलासा हो सकता है.
प्रहलाद गुंजल ने लगाए हैं आरोप : भाजपा की ओर से हेरिटेज रिवरफ्रंट के निर्माण में कांग्रेस सरकार पर भ्रष्टाचार के आरोप लगते रहे हैं. पूर्व विधायक प्रहलाद गुंजल ने आरोप लगाए हैं कि रिवरफ्रंट में महंगे दामों पर ठेके दिए गए हैं. करोड़ों रुपए का घोटाला किया गया है. उन्होंने यह भी आरोप लगाया था कि बीएसआर दरों की जगह केवल प्रोपराइटर आइटम बनाकर निर्माण करवाया गया है. रिवरफ्रंट की डीपीआर 600 करोड़ रुपए की थी और इसे 1442 करोड़ तक पहुंचा दिया गया था. विश्व के सबसे बड़े घंटे के विवाद में भी कमल मीणा ही इसके प्रभारी रहे हैं.
मंत्री धारीवाल के करीबी, आरडी मीणा के खासम खास : कमल मीणा वर्तमान में सहायक अभियंता हैं, लेकिन उनके पास अधीशासी अभियंता का चार्ज है. नगर विकास न्यास में कांग्रेस की सरकार बनते ही 2018 में ही कमल मीणा को प्रतिस्थापित किया गया था. उनके सीधे संबंध नगर विकास न्यास के सलाहकार और पूर्व आरएएस अधिकारी आरडी मीणा से रहे हैं. आरडी मीणा को यूडीएच मंत्री शांति धारीवाल का करीबी माना जाता है. वहीं, कमल मीणा को आरडी मीणा का खासमखास भी माना जाता है. मीणा बीते पांच सालों से नगर विकास न्यास में ही पदस्थापित हैं. उन्होंने रिवर फ्रंट के अति महत्वपूर्ण सभी कार्यों में जिम्मेदारी भी निभाई है.