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Kota Thermal Units: संकट में मदद करने वाले थर्मल की 4 इकाइयां बंद...क्षमता का केवल 30 फ़ीसदी ही उत्पादन

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Published : Nov 6, 2021, 5:27 PM IST

Updated : Nov 6, 2021, 6:26 PM IST

Kota News, Rajasthan News
कोटा थर्मल पावर स्टेशन

प्रदेश में कोयला संकट (Coal crisis in rajasthan) दूर होने के बाद राजस्थान स्टेट लोड डिस्पैच ने कोटा थर्मल (Kota Thermal) की चार इकाइयों को बंद कर दिया है. इसके चलते अब 1240 मेगावाट की जगह महज 385 मेगावाट ही उत्पादन हो रहा है.

कोटा. कोटा थर्मल पावर स्टेशन ने हाल ही में कोयले की कमी से उत्पन्न हुए बिजली संकट के दौरान डटकर मुकाबला किया था. पूरी क्षमता से यहां पर उत्पादन हुआ, लेकिन कोयले का संकट दूर होने के बाद राजस्थान स्टेट लोड डिस्पैच ने कोटा थर्मल की चार इकाइयों को बंद कर दिया है. जबकि तीन इकाइयों से ही उत्पादन किया जा रहा है.

इसके चलते अब 1240 मेगावाट की जगह पर महज 385 मेगावाट ही उत्पादन हो रहा है. वर्तमान में कोटा थर्मल की 110-110 मेगा वाट की 1 व 2 नंबर यूनिट संचालित की जा रही है. इसके साथ ही 210 मेगा वाट की 4 नंबर यूनिट से भी उत्पादन हो रहा है.

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जबकि 210 मेगा वाट के 3 व 5 नंबर और 195 मेगा वाट की 6 व 7 नंबर यूनिट बंद है. कोटा थर्मल के चीफ इंजीनियर विजय कुमार गोलानी का कहना है कि स्टेट लोड डिस्पैच सेंटर के निर्देश पर यूनिटों को बंद किया है.

7 दिन से भी ज्यादा का है कोयले का स्टॉक

विजय कुमार गोलानी का कहना है कि उनके पास 1 लाख मीट्रिक टन से भी ज्यादा कोयले का स्टॉक है. इस स्टॉक के जरिए कोटा थर्मल की सभी यूनिटों को 7 दिन तक संचालित किया जा सकता है. साथ ही उन्होंने कहा कि नवंबर महीने में भी चार कोयले की रैक प्रतिदिन आएगी, जिसके अनुसार 120 रैक पूरे माह मिलेगी. बंद पड़ी यूनिट को दोबारा लाइट अप करने के लिए भी काफी खर्चा कोटा थर्मल को करना पड़ता है. यूनिट सिंक्रोनाइज करने के लिए बड़ी मात्रा में फ्यूल और कोयले को जलाना पड़ता है. ऐसे में करीब 25 लाख से ज्यादा का खर्चा इसमें होता है.

Last Updated :Nov 6, 2021, 6:26 PM IST
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