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जोधपुर में नहीं रुक रही ऑनलाइन ठगी की वारदातें, संसाधनों की कमी के चलते पुलिस नाकाम

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Published : Jul 15, 2019, 7:55 PM IST

जोधपुर पुलिस कमिश्नर के अंतर्गत आने वाले पुलिस थानों में इन दिनों ऑनलाइन ठगी की कई वारदातें देखने को मिल रही है. अलग-अलग पुलिस थानों में निरंतर रूप से ऑनलाइन ठगी होने की मामले दर्ज किये जा रहे हैं. वहीं पुलिस की कोशिशें संसाधनों की कमी के चलते नाकाम नजर आ रही हैं.

जोधपुर पुलिस के पास संसाधनों की कमी के चलते ऑनलाइन ठगी को रोकने में नाकाम...

जोधपुर. जानकारी के अनुसार मोबाइल पर एक लिंक भेज कर ठग द्वारा लोगों के बैंक खाते से हजारों रुपए निकाल लिए जाते हैं. साथ ही क्रेडिट कार्ड सहित अन्य दूसरे कार्डों की बिना जानकारी लिए भी आम जनता के अकाउंट से अपने आप पैसे निकल रहे हैं. लेकिन अभी तक ऑनलाइन ठगी करने वाले गिरोह के बारे में कुछ पता नहीं लग पाया है.

ऑनलाइन ठगी को लेकर जोधपुर पुलिस द्वारा अज्ञात ठगों के खिलाफ आईटी एक्ट में मामले दर्ज कर लिए जाते हैं लेकिन उन मामले का खुलासा करने में कहीं ना कहीं जोधपुर पुलिस सक्षम नहीं है. ऑनलाइन ठगी के मामले में गत 6 माह में कई मामले दर्ज हुए हैं लेकिन पुलिस को एक भी सफलता हाथ नहीं लगी है. पुलिस सिर्फ आईटी एक्ट सहित अन्य धाराओं में मामले दर्ज कर लेती है.

जोधपुर में नहीं रुक रही ऑनलाइन ठगी की वारदातें

जोधपुर पुलिस कमिश्नर की बात करें तो 2018 में एक पुलिस थाने में लगभग 15 से 20 मामले दर्ज हुए हैं. जिसमें से 90% मामलों में पुलिस ने फाइल बंद कर दी हैं और उन फाइलों पर एफआर लगा दी. पुलिस को इन मामलों को खोलने में कोई कामयाबी हासिल नहीं लगी जिसके चलते मामलों को बंद कर दिया गया एक पुलिस थाने में अगर 1 साल में 20 मामले दर्ज हुए हैं तो पुलिस कमिश्नरेट के कुल 24 पुलिस थानों में लगभग 500 से अधिक मामले दर्ज हुए हैं जिनमें से पुलिस को 90% मामलों में एफआर लगानी पड़ी है.

पुलिस द्वारा मामले में खुलासा नहीं होने का मुख्य कारण संसाधनों की कमी और साइबर एक्सपर्ट की कमी बताई जा रही है. जोधपुर पुलिस कमिश्नरेट में पिछले 60 दिनों में 50 से अधिक लोगों के साथ ऑनलाइन ठगी की वारदात हो चुकी है.जोधपुर पुलिस कमिश्नरेट में साइबर क्राइम की वारदात खोलने को लेकर कोई अलग से टीम काम नहीं कर रही है जिसके चलते पुलिस इन मामलों को खोलने में और सक्षम नही है. जोधपुर में बढ़ रही साइबर क्राइम की वारदातों को लेकर जोधपुर पुलिस कमिश्नर प्रफुल्ल कुमार का कहना है कि यह पुलिस के सामने एक बहुत बड़ा चैलेंज है.

जिसे अब पूरा किया जाएगा. पुलिस कमिश्नर ने बताया कि संसाधनों की कमी होने के कारण पुलिस की टीम इन साइबर एक्सपर्ट ठगों को पकड़ने में नाकाम साबित हो रही है. लेकिन सरकार द्वारा पुलिस विभाग को कुछ इनफॉरमेशन टेक्नोलॉजी के संसाधन उपलब्ध कराए गए हैं. जिनका प्रयोग करके अप पुलिस इन ऑनलाइन ठगी करने वाले गिरोह का जल्द पता लगा लेगी.

तो वही ऑनलाइन ठगी के मामले को लेकर जोधपुर डीसीपी वेस्ट प्रीति चंद्रा का कहना है कि यह ठग गिरोह इनफार्मेशन टेक्नोलॉजी का गलत प्रयोग करके ठगी की वारदात को अंजाम देते हैं और लोगों के बैंक अकाउंट से लाखों रुपए की ठगी कर लेते हैं. ठगी की वारदात को लेकर डीसीपी वेस्ट प्रीति चंद्रा ने कहा कि पुलिस ठगी की वारदातों को खोलने का प्रयास तो कर रही है लेकिन कहीं ना कहीं ऐसे मामलों में आम जनता को भी जागरूक होना पड़ेगा.

सरकार और बैंकों द्वारा समय-समय पर जनता ऑनलाइन ठगी के शिकार ना हो इसकी जागरूकता को लेकर मैसेज किए जाते हैं लेकिन उसके बावजूद भी आम जनता जागरूक नहीं हो रही है और ठगों द्वारा उनके बैंक खातों में से पैसे निकाले जा रहे हैं. कहीं ना कहीं देखा जाए तो जोधपुर पुलिस कमिश्नरेट में जब तक साइबर क्राइम रोकने को लेकर एक अलग टीम का संस्था संसाधनों के साथ गठन नहीं किया जाएगा तब तक जोधपुर में ऐसी वारदातें होती रहेगी और साथ ही ऐसे मामलों में जनता को भी जागरूक होने की जरूरत है.

Intro:जोधपुर
जोधपुर पुलिस कमिश्नर के अंतर्गत आने वाले पुलिस थानों में इन दिनों ऑनलाइन ठगी की कई वारदातें देखने को मिल रही है अलग अलग पुलिस थानों में निरंतर रूप से ऑनलाइन ठगी होने की मामले दर्ज हो रहे हैं मोबाइल पर एक लिंक भेज कर ठग द्वारा लोगों के बैंक खाते से हजारों रुपए निकाल लिए जाते हैं साथ ही क्रेडिट कार्ड सहित अन्य दूसरे कार्डों की बिना जानकारी लिए भी आम जनता के अकाउंट से अपने आप पैसे निकल रहे हैं लेकिन अभी तक ऑनलाइन ठगी करने वाले गिरोह के बारे में कुछ पता नहीं लग पाया है।


Body:ऑनलाइन ठगी को लेकर जोधपुर पुलिस द्वारा अज्ञात ठगों के खिलाफ आईटी एक्ट में मामले दर्ज कर लिए जाते हैं लेकिन उन मामले का खुलासा करने में कहीं ना कहीं जोधपुर पुलिस सक्षम नहीं है। ऑनलाइन ठगी के मामले में गत 6 माह में कई मामले दर्ज हुए हैं लेकिन पुलिस को एक भी सफलता हाथ नहीं लगी है पुलिस सिर्फ आईटी एक्ट सहित अन्य धाराओं में मामले दर्ज कर लेती है। जोधपुर पुलिस कमिश्नर की बात करें तो 2018 में एक पुलिस थाने में लगभग 15 से 20 मामले दर्ज हुए हैं जिनमें से 90% मामलों में पुलिस ने फाइल बंद कर दी और उन फाइलों पर एफआर लगा दी। पुलिस को इन मामलों को खोलने में कोई कामयाबी हासिल नहीं लगी जिसके चलते मामलों को बंद कर दिया गया एक पुलिस थाने में अगर 1 साल में 20 मामले दर्ज हुए हैं तो पुलिस कमिश्नरेट के कुल 24 पुलिस थानों में लगभग 500 से अधिक मामले दर्ज हुए हैं जिनमें से पुलिस को 90% मामलों में एफआर लगानी पड़ी है। पुलिस द्वारा मामले में खुलासा नहीं होने का मुख्य कारण संसाधनों की कमी और साइबर एक्सपर्ट की कमी बताई जा रही है । जोधपुर पुलिस कमिश्नरेट में पिछले 60 दिनों में 50 से अधिक लोगों के साथ ऑनलाइन ठगी की वारदात हो चुकी है।जोधपुर पुलिस कमिश्नरेट में साइबर क्राइम की वारदात खोलने को लेकर कोई अलग से टीम काम नहीं कर रही है जिसके चलते पुलिस इन मामलों को खोलने में और सक्षम नही है। जोधपुर में बढ़ रही साइबर क्राइम की वारदातों को लेकर जोधपुर पुलिस कमिश्नर प्रफुल्ल कुमार का कहना है कि यह पुलिस के सामने एक बहुत बड़ा चैलेंज है जिसे अब पूरा किया जाएगा। पुलिस कमिश्नर ने बताया कि संसाधनों की कमी होने के कारण पुलिस की टीम इन साइबर एक्सपर्ट ठगों को पकड़ने में नाकाम साबित हो रही है लेकिन सरकार द्वारा पुलिस विभाग को कुछ इनफॉरमेशन टेक्नोलॉजी के संसाधन उपलब्ध कराए गए हैं जिनका प्रयोग करके अप पुलिस इन ऑनलाइन ठगी करने वाले गिरोह का जल्द पता लगा लेगी। तो वही ऑनलाइन ठगी के मामले को लेकर जोधपुर डीसीपी वेस्ट प्रीति चंद्रा का कहना है कि यह ठग गिरोह इनफार्मेशन टेक्नोलॉजी का गलत प्रयोग करके ठगी की वारदात को अंजाम देते हैं और लोगों के बैंक अकाउंट से लाखों रुपए की ठगी कर लेते हैं ठगी की वारदात को लेकर डीसीपी वेस्ट प्रीति चंद्रा ने कहा कि पुलिस ठगी की वारदातों को खोलने का प्रयास तो कर रही है लेकिन कहीं ना कहीं ऐसे मामलों में आम जनता को भी जागरूक होना पड़ेगा। सरकार और बैंकों द्वारा समय-समय पर जनता ऑनलाइन ठगी के शिकार ना हो इसकी जागरूकता को लेकर मैसेज किए जाते हैं लेकिन उसके बावजूद भी आम जनता जागरूक नहीं हो रही है और ठगों द्वारा उनके बैंक खातों में से पैसे निकाले जा रहे हैं। कहीं ना कहीं देखा जाए तो जोधपुर पुलिस कमिश्नरेट में जब तक साइबर क्राइम रोकने को लेकर एक अलग टीम का संस्था संसाधनों के साथ गठन नहीं किया जाएगा तब तक जोधपुर में ऐसी वारदातें होती रहेगी और साथ ही ऐसे मामलों में जनता को भी जागरूक होने की जरूरत है।


Conclusion:बाईट प्रफुल्ल कुमार पुलिस कमिश्नर
बाईट प्रीति चंद्रा डीसीपी वेस्ट
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