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प्रबोधन कार्यक्रम में लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला ने जताई चिंता, कहा आज-कल विधायक सदन में नहीं बैठते

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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Jan 16, 2024, 8:12 PM IST

विधानसभा में मंगलवार को नवनिर्वाचित विधायकों के कार्यशाला के समापन सत्र में लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला का संबोधन हुआ. ओम बिड़ला ने सदन में विधायकों की अनुपस्थति और कम सीटिंग पर चिंता जाहिर की.

नवनिर्वाचित विधायकों का कार्यशाला
नवनिर्वाचित विधायकों का कार्यशाला
लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला ने जताई चिंता

जयपुर. विधानसभा में मंगलवार को नवनिर्वाचित विधायकों के प्रबोधन कार्यक्रम के समापन सत्र को लोकसभा स्पीकर ओम बिड़ला ने संबोधित किया. विधानसभा में विधायकों की कमी पर लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला ने चिंता जाहिर की. विधानसभा में नवनिर्वाचित विधायकों के प्रबोधन कार्यक्रम के समापन सत्र में बोलते हुए ओम बिड़ला ने कहा कि सदन में विधायकों की अनुपस्थति और कम सीटिंग चिंता का विषय है.

स्पीकर बिड़ला ने कहा कि जनता ने बड़ी अपेक्षाओं के साथ विधायक को चुन के विधानसभा भेजा है, लेकिन आजकल सदन में 20 -25 सदस्य ही मौजूद रहते हैं. उन्होंने कहा कि पूर्व मुख्यमंत्री भैरोंसिंह शेखावत , पूर्व नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया और राजेंद्र राठौड़ ये वो नेता रहे हैं जो सदन में 10 से 12 घंटे बैठते थे. सदन में विधायक समय देगा तब ही सदन की कार्यवाही को समझ सकेगा .

पढ़ें: उपराष्ट्रपति धनखड़ बोले- भजनलाल का सीएम पद तक पहुंचना बदलते भारत का इशारा, ममता बनर्जी-गहलोत पर कही ये बड़ी बात

सौभाग्य है कि सदन का सदस्य बनने का अवसर मिला : ओम बिड़ला ने कहा कि राजाओं के राज के समय भी लोकतांत्रिक व्यवस्था थी. सौभाग्य है कि आप सबकों इस विधानसभा का सदस्य बनने का अवसर मिला. दुनिया को अचंभित करता है कि इतने बड़े देश में लोकतांत्रिक प्रणाली है, यहां पंचायत से लेकर दिल्ली तक की व्यवस्था लोकतांत्रिक व्यवस्था से चलती है, चुनाव प्रक्रिया है. जनता ने आप को बड़ी उम्मीदों के साथ सदन में चुन कर भेजा ,आपकी जिम्मेदारी बनती है कि अपने विधानसभा के विकास के लिए लोगों की आकांक्षा और अपेक्षा की तार्किक बात करें. बिड़ला ने कहा कि सत्ता हो या विपक्ष सहमति और असहमति हो सकती है, लेकिन विपक्ष अगर कोई मुद्दा उठता है तो उसे सरकार को भी सकारात्मक तौर पर लेना चाहिए .

पढ़ें: गहलोत सरकार में मंत्री रहे टीकाराम जूली होंगे कांग्रेस के नेता प्रतिपक्ष, डोटासरा बने रहेंगे पीसीसी चीफ

सदन में विधायक नहीं आते: ओम बिड़ला ने सदन में विधायकों की अनुपस्थति पर चिंता जाहिर करते हुए कहा कि आजकल विधानसभा में 20 -25 सदस्य रहते हैं. बिड़ला ने कहा कि आपको जनता ने बड़ी अपेक्षा से भेजा है. खास कर नए विधायक भी सदन में नहीं बैठते हैं. उन्होंने कहा कि अगर सदन में विधायक समय देगा तब ही सदन की कार्यवाही को समझ सकेग. कई बार न जनता को पता न विधायकों को पता कि कानून बनने का असर क्या होगा ?, जबकि उसका बहुत असर पड़ता है, इसलिए कानून बनाते समय और नियम बनाते समय विशेष ध्यान देना चाहिए. कानून बनाते समय जितनी सार्थक चर्चा होगी, उतना ही बेहतर नतीजा आएगा . ओम बिड़ला ने ने मुख्यमंत्री को लेकर कहा कि भजन लाल शर्मा का लंबा संगठन का अनुभव है उस कार्यप्रणाली का फायदा सबको मिलेगा .

लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला ने जताई चिंता

जयपुर. विधानसभा में मंगलवार को नवनिर्वाचित विधायकों के प्रबोधन कार्यक्रम के समापन सत्र को लोकसभा स्पीकर ओम बिड़ला ने संबोधित किया. विधानसभा में विधायकों की कमी पर लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला ने चिंता जाहिर की. विधानसभा में नवनिर्वाचित विधायकों के प्रबोधन कार्यक्रम के समापन सत्र में बोलते हुए ओम बिड़ला ने कहा कि सदन में विधायकों की अनुपस्थति और कम सीटिंग चिंता का विषय है.

स्पीकर बिड़ला ने कहा कि जनता ने बड़ी अपेक्षाओं के साथ विधायक को चुन के विधानसभा भेजा है, लेकिन आजकल सदन में 20 -25 सदस्य ही मौजूद रहते हैं. उन्होंने कहा कि पूर्व मुख्यमंत्री भैरोंसिंह शेखावत , पूर्व नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया और राजेंद्र राठौड़ ये वो नेता रहे हैं जो सदन में 10 से 12 घंटे बैठते थे. सदन में विधायक समय देगा तब ही सदन की कार्यवाही को समझ सकेगा .

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सौभाग्य है कि सदन का सदस्य बनने का अवसर मिला : ओम बिड़ला ने कहा कि राजाओं के राज के समय भी लोकतांत्रिक व्यवस्था थी. सौभाग्य है कि आप सबकों इस विधानसभा का सदस्य बनने का अवसर मिला. दुनिया को अचंभित करता है कि इतने बड़े देश में लोकतांत्रिक प्रणाली है, यहां पंचायत से लेकर दिल्ली तक की व्यवस्था लोकतांत्रिक व्यवस्था से चलती है, चुनाव प्रक्रिया है. जनता ने आप को बड़ी उम्मीदों के साथ सदन में चुन कर भेजा ,आपकी जिम्मेदारी बनती है कि अपने विधानसभा के विकास के लिए लोगों की आकांक्षा और अपेक्षा की तार्किक बात करें. बिड़ला ने कहा कि सत्ता हो या विपक्ष सहमति और असहमति हो सकती है, लेकिन विपक्ष अगर कोई मुद्दा उठता है तो उसे सरकार को भी सकारात्मक तौर पर लेना चाहिए .

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सदन में विधायक नहीं आते: ओम बिड़ला ने सदन में विधायकों की अनुपस्थति पर चिंता जाहिर करते हुए कहा कि आजकल विधानसभा में 20 -25 सदस्य रहते हैं. बिड़ला ने कहा कि आपको जनता ने बड़ी अपेक्षा से भेजा है. खास कर नए विधायक भी सदन में नहीं बैठते हैं. उन्होंने कहा कि अगर सदन में विधायक समय देगा तब ही सदन की कार्यवाही को समझ सकेग. कई बार न जनता को पता न विधायकों को पता कि कानून बनने का असर क्या होगा ?, जबकि उसका बहुत असर पड़ता है, इसलिए कानून बनाते समय और नियम बनाते समय विशेष ध्यान देना चाहिए. कानून बनाते समय जितनी सार्थक चर्चा होगी, उतना ही बेहतर नतीजा आएगा . ओम बिड़ला ने ने मुख्यमंत्री को लेकर कहा कि भजन लाल शर्मा का लंबा संगठन का अनुभव है उस कार्यप्रणाली का फायदा सबको मिलेगा .

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