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कौन बनेगा राजस्थान का मुख्यमंत्री ? कांग्रेस में तीन चेहरे तो भाजपा में लगी लंबी कतार!

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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Nov 29, 2023, 7:57 PM IST

Updated : Nov 29, 2023, 9:21 PM IST

Kaun Banega Rajasthan ka Agala Mukhyamantri
Kaun Banega Rajasthan ka Agala Mukhyamantri

Kaun Banega Rajasthan ka Agala Mukhyamantri, राजस्थान में विधानसभा चुनाव के लिए मतदान हो चुका है. अब 3 दिसंबर को मतगणना होगी, लेकिन राज्य की दोनों ही प्रमुख पार्टियों की ओर से की जा रही जीत के दावों के बीच अगले सीएम को लेकर चर्चाओं का बाजार एकदम से गर्म हो गया है. मौजूदा आलम यह है कि आम से लेकर खास तक इसको लेकर खुलेआम सड़कों पर चर्चा कर रहे हैं.

जयपुर. प्रदेश में विधानसभा चुनाव के लिए 25 नवंबर को मतदान संपन्न हो गया. मतदाताओं ने इस बार बढ़ चढ़कर लोकतंत्र के इस महापर्व में अपनी भागीदारी सुनिश्चित कराई, जिसके कारण पिछले चुनावों की तुलना में अबकी अधिक मतदान संभव हो सका है. वहीं, अब भाजपा ऐतिहासिक बहुमत पाने का दावा कर रही है तो कांग्रेस भी अपनी गारंटियों पर भरोसा जताते हुए एक बार फिर से राज्य में सरकार रिपीट होने की बात कह रही है. हालांकि आगामी 3 दिसंबर को मतगणना के साथ ही सभी के दावों से पर्दा उठ जाएगा और साफ हो जाएगा कि राज्य में अगली सरकार किसकी बनेगी, लेकिन इस बीच अब सीएम फेस को लेकर दुकानों, थड़ी और जमघटों पर चर्चाओं का दौर शुरू हो गया है.

एक ओर कांग्रेस से तीन चेहरे चर्चा के केंद्र में हैं तो वहीं, दूसरी ओर भाजपा में चेहरों की भरमार नजर आ रही है. सबसे खास बात यह है कि इस बार के चुनाव में कांग्रेस और भाजपा दोनों ही दलों ने सीएम फेस घोषित नहीं किए हैं. यही वजह है कि सीएम फेस को लेकर चर्चाएं हो रही हैं. हालांकि, भाजपा की ओर से बार-बार पार्टी संसदीय बोर्ड का हवाला दिया जाता रहा है और कहा जाता रहा है कि पार्लियामेंट्री बोर्ड चुनाव परिणाम के बाद विधायकों से चर्चा कर मुख्यमंत्री तय करेगा. वहीं, अगर भाजपा को बहुमत मिला तो पार्टी में एक दर्जन ऐसे नेता हैं, जो इस दौड़ में शामिल बताए जा रहे हैं.

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मतदान प्रतिशत बढ़ने से भाजपा उत्साहित : मतदान प्रतिशत बढ़ने से भाजपा में उत्साह दिख रहा है. साथ ही पार्टी की ओर से ऐतिहासिक बहुमत हासिल होने का दावा भी किया जा रहा है, लेकिन पार्टी ने अभी तक सीएम फेस घोषित नहीं किया है. ऐसे में इसे लेकर कश्मकश की स्थिति बनी हुई है. हालांकि, पार्टी नेतृत्व बार-बार पार्लियामेंट्री बोर्ड के अंतिम निर्णय की बात करता रहा है, लेकिन अगर भाजपा को बहुमत मिला तो पार्टी में सीएम पद के एक दर्जन दावेदार दिख रहे हैं. इसमें पूर्व सीएम वसुंधरा राजे, लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला, केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत, केंद्रीय मंत्री अर्जुन राम मेघवाल, सांसद दीया कुमारी, नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़, भाजपा के वरिष्ठ नेता ओम माथुर से लेकर अश्विनी वैष्णव तक के नाम चर्चा के केंद्र में है. वहीं, कुछ लोग प्रदेश अध्यक्ष सीपी जोशी को डार्क हॉर्स मान रहे हैं.

Kaun Banega Rajasthan ka Agala Mukhyamantri
भाजपा में इन नामों की चर्चा

राजे सबसे आगे : भाजपा में सीएम पद के दावेदारों की बात करें तो सबसे पहला नाम पूर्व सीएम वसुंधरा राजे का है, क्योंकि वो दो बार मुख्यमंत्री रह चुकी हैं. साथ ही वर्तमान में भाजपा की राष्ट्रीय उपाध्यक्ष भी हैं. इसके अलावा उनका प्रदेश की सियासत व खास कर पार्टी नेताओं व कुशल प्रबंधन पर अच्छा कमांड है. हालांकि पार्टी ने इस बार उन्हें सीएम फेस नहीं बनाया, लेकिन सियासी पंडितों की मानें तो पार्टी शीर्ष नेतृत्व को वसुंधरा राजे को आगे करना ही होगा. ऐसा इसलिए क्योंकि छह माह बाद लोकसभा चुनाव होना है. ऐसे में अगर राजे को पार्टी नजरअंदाज करती है तो उसे इसका खामियाजा भुगतना पड़ सकता है.

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ओम बिड़ला : दूसरे बड़े दावेदार के रूप में लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला को देखा जा रहा है. कोटा दक्षिण से तीन बार विधायक और दो बार कोटा-बूंदी लोकसभा से सांसद और मौजूदा समय में लोकसभा अध्यक्ष हैं. साथ ही बिरला वैश्य समाज से आते हैं और इस वर्ग में उनकी अच्छी पड़ है. अपने कुशल प्रबंधन के चलते ही वो पीएम मोदी के करीबी व विश्वास पात्र बने हुए हैं.

दीया कुमारी : जयपुर पूर्व राजपरिवार से आने वाली दीया कुमारी को भी सीएम की रेस में आगे माना जा रहा है. एक बार विधायक और एक बार सांसद रही दीया कुमारी को पार्टी ने प्रदेश की सबसे सुरक्षित सीट विद्याधर नगर से मैदान में उतारा है. बताया जा रहा है कि वसुंधरा राजे के विकल्प के तौर पर उन्हें देखा जा रहा है, ताकि आगामी लोकसभा चुनाव में राजपूत मतदाताओं को साधा जा सके.

अर्जुन राम मेघवाल : दलित चेहरे के लिहाज से देखा जाए तो केंद्रीय मंत्री अर्जुन राम मेघवाल भी इस दौड़ में शामिल हैं. केंद्रीय कानून मंत्री मेघवाल के पास इस बार राजस्थान विधानसभा चुनाव का सबसे ज्यादा जिम्मा रहा. वे घोषणा पत्र समिति के अध्यक्ष भी थे. इसके अलावा पार्टी में अन्य नेताओं को शामिल करने या बागियों की वापसी को लेकर भी फैसला लेने के लिए बनी कमेटी की जिम्मेदारी भी उनके ही थी. हालांकि, उन्हें पार्टी ने चुनावी मैदान में नहीं उतारा.

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गजेंद्र सिंह शेखावत : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के करीबी और विश्वासपात्रों में शामिल केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत को भी सीएम फेस के लिहाज से मजबूत माना जा रहा है. हालांकि न तो शेखावत को चुनावी मैदान में प्रत्याशी बनाया गया और न ही सीधे तौर पर विधानसभा चुनाव में उन्हें कोई बड़ी जिम्मेदारी दी गई. बावजूद इसके वो पूरे चुनाव में सक्रिय दिखे.

अश्विनी वैष्णव : केंद्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव को भी सीएम पद का दावेदार माना जा रहा है. वैष्णव के जयपुर से चुनाव लड़ने की चर्चा भी थी, लेकिन पार्टी ने उन्हें मैदान में नहीं उतारा. वैष्णव की पार्टी शीर्ष नेतृत्व में अच्छी पकड़ मानी जाती है. बताया यह भी जा रहा है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के पसंदीदा मंत्रियों में वो शामिल हैं.

ओम माथुर : यूपी, गुजरात और महाराष्ट्र के बाद अब छत्तीसगढ़ जैसे राज्य का प्रदेश प्रभारी पद संभालने वाले भाजपा के वरिष्ठ नेता ओम माथुर के नाम की भी चर्चा है. ओम माथुर इन दिनों जयपुर में डेरा डाले हुए हैं. बड़ी बात यह है कि विधानसभा चुनावों के दौरान ओम माथुर ने राजस्थान से दूरी बनाई रखी हुई थी, लेकिन 25 नवंबर को मतदान के बाद वो फिर से राजस्थान में सक्रिय हो गए हैं. कार्यकर्ताओं और नेताओं से लगातार मुलाकात कर रहे हैं. यही वजह है कि उनके नाम की भी चर्चा शुरू हो गई है.

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ये नाम भी हैं चर्चा में : इसके अलावा नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़, उपनेता प्रतिपक्ष डॉ. सतीश पूनिया, राज्यवर्धन सिंह राठौड़, नारायण पंचारिया और सांसद बाबा बालकनाथ तक के नाम चर्चा में हैं, लेकिन कुछ लोग प्रदेश अध्यक्ष सीपी जोशी को डार्क हॉर्स मान रहे हैं.

Kaun Banega Rajasthan ka Agala Mukhyamantri
कांग्रेस में इन नामों की चर्चा

कांग्रेस से ये तीन नाम हैं चर्चा में : कांग्रेस की बात करें तो तीन नामों की चर्चा है, जिसमें मौजूदा सीएम अशोक गहलोत के अलावा दूसरे सचिन पायलट मजबूत दावेदार माने जा रहे हैं. हालांकि चर्चाएं यह भी है कि अशोक गहलोत और सचिन पायलट में सहमति न बनने पर पूर्व मंत्री व पंजाब प्रभारी हरीश चौधरी के नाम को पार्टी आगे कर सकती है. ऐसा इसलिए क्योंकि आगे लोकसभा चुनाव है और कांग्रेस हरीश चौधरी के जरिए जाट वोटरों को साधने की कोशिश कर सकती है.

Last Updated :Nov 29, 2023, 9:21 PM IST
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