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बीएमडब्ल्यू हिट एंड रन प्रकरण में ट्रायल पर रोक

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Published : Oct 4, 2019, 9:16 PM IST

सी स्कीम में तीन साल पहले हुए बीएमडब्ल्यू हिट एंड रन मामले में पूर्व विधायक के पुत्र सिद्धार्थ महरिया और दो अन्य के खिलाफ निचली अदालत में चल रहे ट्रायल पर राजस्थान हाईकोर्ट ने रोक लगा दी है. साथ ही अदालत ने मामले में शिकायतकर्ता और राज्य सरकार को नोटिस जारी किया है.

राजस्थान हाईकोर्ट, rajasthan highcourt

जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने तीन साल पहले सी स्कीम में हुए बीएमडब्ल्यू हिट एंड रन मामले में पूर्व विधायक के पुत्र सिद्धार्थ महरिया और दो अन्य के खिलाफ निचली अदालत में चल रहे ट्रायल पर रोक लगा दी है. इसके साथ ही अदालत ने मामले में शिकायतकर्ता और राज्य सरकार को नोटिस जारी किया है. न्यायाधीश पंकज भंडारी की एकलपीठ ने यह आदेश आरोपी सिद्धार्थ महरिया और अन्य की ओर से दायर आपराधिक याचिका पर सुनवाई करते हुए दिए.

राजस्थान हाईकोर्ट, rajasthan highcourt
राजस्थान हाईकोर्ट

याचिका में कहा गया कि पुलिस ने मामले में याचिकाकर्ता के खिलाफ गैर इरादतन हत्या और शराब पीकर वाहन चलाने का मामला दर्ज कर आरोप पत्र पेश किया था. जिसमें 22 जनवरी 2018 को निचली अदालत ने याचिकाकर्ता के खिलाफ इन्हीं धाराओं में आरोप तय किए. याचिका में कहा गया कि घटना की रात ऑटो के तेज गति से अशोक मार्ग से मुख्य मार्ग पर आने के चलते दुर्घटना हुई.

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वहीं एफएसएल रिपोर्ट के अनुसार घटना के वक्त याचिकाकर्ता शराब के नशे में नहीं था. याचिकाकर्ता के पिता फतेहपुर से निर्दलीय विधायक थे. जिसके चलते सत्तारूढ़ दल उनसे द्वेष रखता था. ऐसे में साधारण दुर्घटना को गैर इरादतन हत्या का मामला बनाया गया.

गौरतलब है कि 1 जुलाई 2016 को देर रात सी स्कीम इलाके में बीएमडब्ल्यू और ऑटो की टक्कर में ऑटो सवार तीन लोगों की मौत हो गई थी. इस कार में सिद्धार्थ महरिया, दिविक सिंह और कमल मीणा सवार थे. मामले में पुलिस ने महरिया पर गैर इरादतन हत्या, मारपीट और शराब के नशे में वाहन चलाने का आरोप लगाया था. वहीं दोनों अन्य आरोपियों को अपराध की जानकारी होने के बावजूद उसकी सूचना पुलिस को नहीं देने का आरोपी माना था.

Intro:जयपुर। राजस्थान हाईकोर्ट ने तीन साल पहले सी स्कीम में हुए बीएमडब्ल्यू हिट एंड रन मामले में पूर्व विधायक के पुत्र सिद्धार्थ महरिया व दो अन्य के खिलाफ निचली अदालत में चल रही ट्रायल पर रोक लगा दी है। इसके साथ ही अदालत ने मामले में शिकायतकर्ता और राज्य सरकार को नोटिस जारी किए हैं। न्यायाधीश पंकज भंडारी की एकलपीठ ने यह आदेश आरोपी सिद्धार्थ महरिया व अन्य की ओर से दायर आपराधिक याचिका पर सुनवाई करते हुए दिए।
Body:याचिका में कहा गया कि पुलिस ने मामले में याचिकाकर्ता के खिलाफ गैर इरादतन हत्या और शराब पीकर वाहन चलाने का मामला दर्ज कर आरोप पत्र पेश किया था। जिसमें 22 जनवरी 2018 को निचली अदालत ने याचिकाकर्ता के खिलाफ इन्हीं धाराओं में आरोप तय किए। याचिका में कहा गया कि घटना की रात ऑटो के तेज गति से अशोक मार्ग से मुख्य मार्ग पर आने के चलते दुर्घटना हुई। वहीं एफएसएल रिपोर्ट के अनुसार घटना के वक्त याचिकाकर्ता शराब के नशे में नहीं था। याचिकाकर्ता के पिता फतेहपुर से निर्दलीय विधायक थे। जिसके चलते सत्तारूढ़ दल उनसे द्वेष रखता था। ऐसे में साधारण दुर्घटना को गैर इरादतन हत्या का मामला बनाया गया।
गौरतलब है कि 1 जुलाई 2016 की देर रात सी स्कीम इलाके में बीएमडब्ल्यू और ऑटो की टक्कर में ऑटो सवार तीन लोगों की मौत हो गई थी। इस कार में सिद्धार्थ महरिया, दिविक सिंह और कमल मीणा सवार थे। मामले में पुलिस ने महरिया पर गैर इरादतन हत्या, मारपीट और शराब के नशे में वाहन चलाने का आरोप लगाया था। वहीं दोनों अन्य आरोपियों को अपराध की जानकारी होने के बावजूद उसकी सूचना पुलिस को नहीं देने का आरोपी माना था। Conclusion:
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