ETV Bharat / state

सम्मेद शिखर को बचाने के लिए अनशन पर बैठे जैन मुनि सुज्ञेयसागर ने त्यागे प्राण

author img

By

Published : Jan 3, 2023, 12:56 PM IST

Updated : Jan 3, 2023, 2:13 PM IST

Sugyeyasagar Samadhi Maran in Jaipur
Sugyeyasagar Samadhi Maran in Jaipur

झारखंड के सम्मेद शिखर को पर्यटन स्थल घोषित करने के खिलाफ अनशन पर बैठे जैन मुनि सुज्ञेयसागर ने मंगलवार को अपने प्राण त्याग दिए. मुनि सुज्ञयसागर ने सांगानेर स्थित जैन मंदिर में अंतिम सांस ली.

जैन मुनि सुज्ञेयसागर ने त्यागे प्राण

जयपुर. विश्व विख्यात जैन तीर्थ सम्मेद शिखर को पर्यटन स्थल घोषित करने का देशभर में विरोध जारी है. इसी क्रम में उपवास कर रहे 72 वर्षीय जैन मुनि सुज्ञेयसागर ने मंगलवार सुबह संघी जी जैन मंदिर में प्राण त्याग दिए. मुनि सम्मेद शिखर मामले को लेकर 25 दिसम्बर से अन्न जल त्याग कर आमरण अनशन पर थे. जिसके चलते आचार्य के सानिध्य में पंच परमेष्ठि का ध्यान करते हुए उन्होंने अपना देह त्याग (Sugyeyasagar Samadhi Maran in Jaipur) दिया. वो मध्यम सिंहनिष्क्रिड़ित व्रत में उतरते हुए उपवास कर रहे थे. मुनि सुज्ञेय सागर सांगानेर स्थित संघी जी मन्दिर में विराजित पूज्य चतुर्थ पट्टाधीश आचार्य सुनील सागर के शिष्य थे.

झारखंड में जैन तीर्थ सम्मेद शिखर को टूरिस्ट प्लेस बनाए जाने का विरोध (Opposition to making Sammed peak a tourist place) कर रहे जैन मुनि सुज्ञेयसागर महाराज ने मंगलवार को प्राण त्याग दिए. वे झारखंड सरकार के फैसले के खिलाफ पिछले 10 दिनों से आमरण अनशन कर रहे थे. वे 72 साल के थे. उनकी डोल यात्रा संघी जी मन्दिर सांगानेर से जैन नसिया रोड अतिशय तीर्थ वीरोदय नगर सांगानेर में अंतिम संस्कार हुआ. मुनि के दर्शन करने के लिए जनसैलाब उमड़ पड़ा. सम्मेद शिखर को पर्यटन स्थल घोषित किए जाने के बाद से मुनि ने आमरण अनशन शुरू किया था. उन्होंने सम्मेद शिखर को बचाने के लिए बलिदान दिया. मुनि सम्मेद शिखर से भी जुड़े हुए थे.

पढ़ें- सम्मेद शिखर को पर्यटन स्थल घोषित करने से नाराज जैन समाज उतरा सड़कों पर, निकाला मौन जुलूस

आचार्य शंशाक ने कहा कि जैन समाज अभी अहिंसामयी तरीके से आंदोलन कर रहा है, आगामी दिनों में आंदोलन को तेज किया जाएगा. मुनि सुज्ञेय सागर महाराज के धर्म के लिए अपना समर्पण करने के बाद उनका अनुसरण करते हुए मुनि समर्थ सागर ने भी अन्न का त्याग कर तीर्थ को बचाने के लिए पहल की है. आचार्य सुनील सागर ने कहा कि जो कदम सुज्ञेयसागर ने उठाया उनके भाव बहुत अच्छे थे, उनके अच्छे भावों का अच्छा फल होगा और सम्मेद शिखरजी का जो आंदोलन चल रहा है वो सफल होगा.

बता दें कि झारखंड के गिरिडीह जिले में स्थित पारसनाथ पहाड़ी को पर्यटन स्थल घोषित किए जाने के खिलाफ देशभर में विरोध-प्रदर्शन का सिलसिला जारी है. पारसनाथ पहाड़ी दुनिया भर के जैन धर्मावलंबियों के बीच सर्वोच्च तीर्थ सम्मेद शिखरजी के रूप में विख्यात है.

Last Updated :Jan 3, 2023, 2:13 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.