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सतीश पूनिया का राहुल से छठा सवाल: राजस्थान में अवैध खनन पर कब लगेगी लगाम?

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Published : Dec 10, 2022, 2:25 PM IST

प्रदेश भाजपा अध्यक्ष डॉ. सतीश पूनिया ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी से छठा सवाल (Satish Poonia sixth question to Rahul Gandhi) किया. जिसमें उन्होंने राजस्थान में अवैध खनन पर लगाम लगाने के बाबत सवाल किया. साथ ही उन्होंने कहा यह सवाल उनका नहीं, बल्कि कांग्रेस के ही एक मौजूदा विधायक का है.

Satish Poonia sixth question to Rahul Gandhi
Satish Poonia sixth question to Rahul Gandhi

जयपुर. कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष व सांसद राहुल गांधी की ओर से प्रदेश में निकाली जा रही 'भारत जोड़ो यात्रा' के बीच प्रदेश भाजपा की ओर से हर दिन उनसे एक सवाल पूछा जा रहा है. सूबे में भारत जोड़ो यात्रा का आज छठा दिन है और अब प्रदेश भाजपा अध्यक्ष सतीश पूनिया ने राहुल गांधी से छठा (Satish Poonia sixth question to Rahul Gandhi) सवाल पूछा है कि आखिर प्रदेश में अवैध खनन पर लगाम कब लगेगी?साथ ही उन्होंने कहा कि यह सवाल उनका नहीं है, बल्कि कांग्रेस पार्टी के मौजूदा विधायक भरत सिंह का है.

छठा सवाल - प्रदेश भाजपा अध्यक्ष सतीश पूनिया ने वीडियो जारी करते (Satish Poonia released video) हुए राहुल गांधी से अब तक 5 सवाल किए, जिनका जवाब तो नहीं आया. लेकिन इसी कड़ी में शनिवार को एक बार फिर पूनिया ने राहुल गांधी से सवाल किया. पूनिया ने कहा कि गुस्ताखी माफ कीजिएगा, लेकिन आपकी पार्टी में जो यहां सरकार चला रही है, उसके भीतर और सरकार के भीतर जो मुद्दे हैं, वह आप तक ठीक तरीके से पहुंचा रहा हूं. जिस कोटा संभाग से आपने यात्रा शुरू की, आज उसी संभाग से आप यात्रा को पूरा करके जाएंगे. ऐसे उसी संभाग से जुड़ा (Rahul Gandhi Bharat Jodo Yatra) हुआ प्रश्न मेरा नहीं है, बल्कि आप ही की कांग्रेस पार्टी के वरिष्ठ नेता व पूर्व मंत्री भरत सिंह कुंदनपुर का है, वो अक्सर चिट्ठी पत्री करते हैं.

  • राहुल गांधी जी से छठवां सवाल है:-

    राजस्थान में अवैध खनन पर लगाम कब लगेगी? pic.twitter.com/553t83pSfu

    — Satish Poonia (@DrSatishPoonia) December 10, 2022 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

इसे भी पढ़ें - पूनिया का राहुल से पांचवा सवाल: रामनवमी और हिंदू नववर्ष पर गहलोत सरकार ने प्रतिबंध क्यों लगाया?

भरत सिंह कुंदनपुर ने (Bharat Singh Kundanpur) जिस बात को सबसे ज्यादा उठाया, उसमें दो मसले थे. जिसमें खास तौर पर बड़ा मसला अवैध खनन का रहा. उन्होंने मुख्यमंत्री से इस मामले की जांच के साथ ही मंत्री की बर्खास्तगी तक की मांग (Illegal mining case in Rajasthan) की. ऐसे में क्या भरत सिंह की उस मांग पर आप संज्ञान लेंगे, पूनिया ने कहा कि हमारी और जनता की तो राहुल गांधी नहीं सुन रहे, लेकिन उनकी अपनी पार्टी के भरत सिंह की जिज्ञासा को शांत कर पाएंगे ? क्या उस मामले को लेकर एक्शन ले पाएंगे ? पूनिया ने कहा कि अवैध खनन केवल भरत सिंह के शब्दों से ही नहीं, बल्कि राजस्थान में जितना माफिया पनपा, उसमें अशोक गहलोत की सरकार के शासन में सबसे अधिक रहे हैं.

अब तक पूछे ये सवाल

पहला सवाल - 2018 में विधानसभा चुनाव से पहले राजस्थान में कई जनसभाओं में यह सपना दिखाया गया था कि कांग्रेस पार्टी सत्ता में आती है तो राजस्थान के किसानों का पूरा कर्जा माफ करेंगे. किसानों का कर्जा कब माफ होगा?

दूसरा सवाल - राजनीतिक पर्यटन पर आए राहुल गांधी राजस्थान की जनता को अपराधों से मुक्ति कब दिलाएंगे ?

तीसरा सवाल - राजस्थान के लोगों की मौतों का सिलसिला कब रुकेगा. दूषित पानी से मौतों का सिलसिला कब रुकेगा, राजस्थान की जो 30% जनता दूषित पानी पी रही है, उसे स्वच्छ पानी कब मिलेगा ?

चौथा सवाल - रोजगार की मंशा कब पूरी होगी. बेरोजगारी भत्ते की विसंगती कब दूर होगी. राजस्थान के नौजवानों को जो कहा गया, उनसे जो वादे किए उस पर कांग्रेस पार्टी की सरकार और राहुल गांधी कब खरा उतरेंगे?

पांचवा सवाल - पुराने तोड़े गए भगवान शिवजी के मंदिर का संज्ञान क्यों नहीं लिया , क्या राहुल गांधी के पास जवाब है कि रामनवमी और हिंदू नववर्ष पर आपकी कांग्रेस की सरकार ने प्रतिबंध क्यों लगाए

30 से ज्यादा BJP के बड़े नेता संभालेंगे जन आक्रोश यात्रा की कमान: गहलोत सरकार के 4 साल पूरे होने पर भाजपा की ओर (BJP Jan Aakrosh Yatra) से निकाली जा रही जन आक्रोश यात्रा लगातार विधानसभा क्षेत्रों में सरकार की नाकामी गिना रही है. पार्टी ने अब इस यात्रा को और विस्तृत और प्रभावी बनाते हुए अपने (Vasundhara away from Jan Aakrosh Yatra) बड़े नेताओं को यात्रा की कमान सौंपी है. शनिवार से अगले 2 दिनों तक पार्टी के तमाम बड़े नेता इस यात्रा का मोर्चा संभालेंगे और विधानसभा क्षेत्रों में जनाक्रोश आंदोलन करेंगे. भाजपा ने 33 बड़े नेताओं को इस यात्रा में शामिल में करते हुए उनके दौरे तय किए हैं. लेकिन नेताओं के विधानसभावार दौरों में फिलहाल पूर्व सीएम वसुंधरा राजे का नाम शामिल नहीं है.

50 हजार किलोमीटर से ज्यादा चल चुकी यात्रा: एक दिसंबर से शुरू हुई भाजपा की जन आक्रोश यात्रा 200 विधानसभा में जा रही है. यह यात्रा 50 हजार किलोमीटर से ज्यादा अभी तक चल चुकी है. साथ ही फिलहाल तक 6750 से ज्यादा सभाएं हुई है और लाखों पत्रक बांटे जा चुके हैं. यात्रा के दौरान शिकायत बॉक्स में 90 हजार शिकायतें आईं हैं. इस यात्रा के जरिए पार्टी आमजन तक मौजूदा गहलोत सरकार की नाकामियों को पहुंचा रही है.

BJP Jan Aakrosh Yatra
दौरे से वसुंधरा ने बनाई दूरी

बड़े नेताओं के दौरे तय: बता दें कि गहलोत सरकार की चौथी वर्षगांठ के खिलाफ 200 विधानसभा क्षेत्रों में भाजपा की जन आक्रोश रथ यात्रा निकाल रही है. पार्टी ने अब यात्रा को और आक्रामक बनाने के लिए विधानसभावार बड़े नेताओं के दौरे तय किए गए हैं. प्रदेश मंत्री और जन आक्रोश आंदोलन के प्रवास प्रभारी श्रवण सिंह बगड़ी ने प्रदेशाध्यक्ष सतीश पूनिया के निर्देश पर 10 और 11 दिसंबर को 33 वरिष्ठ पार्टी नेताओं के दौरे तय किए हैं. यह सभी बड़े नेता जनाक्रोश रथ पर सवार होकर आम जनता तक पहुंचेंगे.

दौरे से वसुंधरा ने बनाई दूरी: भाजपा ने जिन बड़े नेताओं के दौरे तय किए हैं. उसमें प्रदेशाध्यक्ष सतीश पूनिया, प्रदेश प्रभारी अरुण सिंह, नेता प्रतिपक्ष गुलाबचन्द कटारिया, प्रदेश संगठन महामंत्री चन्द्रशेखर, उपनेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़, केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत, कैलाश चौधरी समेत कई सांसद, विधायक और पार्टी पदाधिकारी शामिल हैं. लेकिन नेताओं के विधानसभावार दौरों में फिलहाल पूर्व सीएम वसुंधरा राजे का नाम शामिल नहीं है.

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