जयपुर. भारतीय जनता पार्टी ने किशनपोल सीट से राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से जुड़े रहे चंद्रमनोहर बटवाड़ा पर दांव खेला है. तो वहीं, किशनपोल सीट पर अमीन कागजी को कांग्रेस ने अपना उम्मीदवार बनाया है. किशनपोल विधानसभा सीट अल्पसंख्यक वोटर के हिसाब से सबसे ज्यादा मजबूत मानी जाती है. पिछले तीन चुनाव के समीकरण पर गौर करें तो यहां दो बार बीजेपी जबकि एक बार कांग्रेस को जीत मिली है.
ईटीवी भारत से खास बातचीत में चंद्रमनोहर बटवाड़ा ने कहा कि ये सोचना गलत है कि किशनपोल माइनॉरिटी या मेजोरिटी की सीट नहीं, बल्कि वास्तव में ये सीट किशनपोल विधानसभा क्षेत्र के निवासियों की सीट है. उन्होंने कहा कि यहां कि जनता को तय करना है कि वास्तव में जो सेवा भाव से काम करने वाले लोग हैं, उन्हें चुनें या किसी और को.
पलायन को रोकेंगे: चंद्रमनोहर ने कहा कि क्षेत्र में विकास एक निरंतर प्रक्रिया है, लेकिन आज विकास से ज्यादा देश के आंतरिक और बाह्य सुरक्षा की आवश्यकता है, वास्तव में मुद्दे ये होने चाहिए. बीते दिनों किशनपोल विधानसभा क्षेत्र से हिंदुओं के पलायन के मामले सामने आने के मुद्दे पर बटवाड़ा ने कहा कि ये सबसे महत्वपूर्ण मुद्दा है. इसके लिए पुरजोर तरीके से जुटते हुए उनके क्षेत्र में इस तरह की कोई घटना न हो इसके लिए भरसक प्रयास करेंगे.
एकजुट होकर लड़ेंगे चुनाव: किशनपोल सीट लगातार चार बार पार्टी का चेहरा रहे मोहनलाल गुप्ता का टिकट कटने पर बटवाड़ा ने कहा कि मोहनलाल गुप्ता उनके साथी हैं. पार्टी ने ये सोचा कि चेहरा बदल लेना चाहिए, गुप्ता और उनमें कोई अंतर नहीं है.अल्पसंख्यकों तक वोट मांगने जाने के सवाल पर उन्होंने कहा कि पूरा किशनपोल विधानसभा क्षेत्र उनका है. यहां रहने वाला हर एक सदस्य चाहे वो किसी भी जाति, धर्म, वर्ग से आता हो उनका वो प्रतिनिधित्व करने वाले हैं. इसलिए सभी से संपर्क रखना जरूरी है. ऐसे में मन में कोई इस तरह का भाव नहीं है.