दुनिया की सबसे बड़े घंटे की कास्टिंग करने वाले इंजीनियर की मौत पर गरमाई सियासत, भाजपा ने हादसे को बताया हत्या

दुनिया की सबसे बड़े घंटे की कास्टिंग करने वाले इंजीनियर की मौत पर गरमाई सियासत, भाजपा ने हादसे को बताया हत्या
Politics over death of engineer Devendra Arya, कोटा में दुनिया की सबसे बड़े घंटे की कास्टिंग करने वाले इंजीनियर की मौत पर सियासत गरमा गई है. भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता शहजाद पूनावाला ने सोमवार को बयान जारी कर कहा कि ये हादसा में हुई मौत नहीं है, बल्कि हत्या है. कांग्रेस नेताओं की ओर से जल्दबाजी के लिए बनाए गए दबाव की वजह से देश ने एक बेहतरीन इंजीनियर को खो दिया.
जयपुर. कोटा स्थित चंबल रिवरफ्रंट में रविवार को बड़ा हादसा हो गया. रिवरफ्रंट पर विश्व के सबसे बड़े घंटे के सांचे को खोलते समय प्रोजेक्ट डिजाइनर देवेन्द्र आर्य और उनके सहायक रामकेश की हादसे में मौत हो गई. चुनावी माहौल में देश के बेहतरीन इंजीनियर की मौत पर अब सियासी पारा चढ़ गया है. हादसे में हुई इस मौत को भाजपा ने हत्या करार दिया. साथ ही आरोप लगाया गया कि कांग्रेस नेता चुनावी लाभ हासिल करने के लिए जो जल्दबाजी का दबाव बना रहे थे, उसकी वजह से ही ये हादसा हुआ, जिसकी जद में आने से प्रोजेक्ट डिजाइनर देवेन्द्र आर्य और उसके सहायक रामकेश की मौत हो गई. ऐसे में अब इस मामले की जांच होनी चाहिए.
मौत नहीं, ये हत्या है : भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता शहजाद पूनावाला ने रविवार को कोटा स्थित चंबल रिवरफ्रंट पर सबसे बड़े घंटे की कास्टिंग करने वाले इंजीनियर देवेंद्र आर्य और उनके सहयोगी की मौत को हत्या करार दिया. उन्होंने कहा- ''दर्दनाक तरीके से हुई ये मौत कोई हादसा नहीं है, बल्कि हत्या है. हत्या इसलिए कह रहे हैं, क्योंकि स्वयं देवेंद्र आर्य के पुत्र ने वीडियो जारी करके बताया है कि किस प्रकार से उनके पिता पर दबाव डाला गया. साथ ही उन्हें धमकाया गया कि जल्द से जल्द इस सबसे बड़े घंटे को बॉक्स से निकाले, जबकि ऐसा करना मुनासिब नहीं था.''
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इंजीनियर को दी गई थी धमकी : उन्होंने आरोप लगाया कि ''अगस्त 2023 में देवेंद्र आर्य ने एक पत्र भी लिखा था, जिसमें उन्होंने कहा था कि उन पर दबाव डाला जा रहा है और उन्हें धमकियां मिल रही है कि वो जल्द से जल्द इस घंटे को लगाएं, जबकि ऐसा नहीं किया जाना चाहिए. इसके बावजूद भी अगर ऐसा कराया जा रहा है तो किसी भी तरह के हादसे की जिम्मेदारी उनकी नहीं होगी.''
हादसे पर कांग्रेस को देना चाहिए जवाब : पूनावाला ने आरोप लगाया कि पत्र में उन्होंने दबाव डालने की भी बात कही थी. साथ ही बताया था कि उन्हें धमकी दी गई थी कि चुनाव से पहले (25 नवंबर) अगर ये घंटा नहीं खुला तो उसका खामियाजा उन्हें भुगतना पड़ेगा. इसी दबाव और धमकी के कारण देवेन्द्र आर्य और उनके सहायक रामकेश की जान चली गई. ऐसे में अब इस हादसे पर कांग्रेस को जवाब देना चाहिए.
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नियमों का किया उल्लंघन : पूनावाला ने कहा- ''ये वही चंबल रिवरफ्रंट है, जिसमें अनेक संवैधानिक और पर्यावरण से जुड़े प्रावधानों को तार-तार किया गया है. एनजीटी ने भी इसको लेकर संज्ञान लिया है कि कैसे कानून को तोड़ा गया है ? यहां किन नियमों के तहत काम किया गया?'' पूनावाला ने आगे कहा- ''इस प्रोजेक्ट में 1400 करोड़ का भ्रष्टाचार हुआ है और भ्रष्टाचार ऐसा हुआ है कि आज लोग CWG गेम्स को याद कर रहे हैं. जैसे वहां टूट फूट हुई थी, ठीक उसी तरह यहां भी पहली बारिश में प्रोजेक्ट की सच्चाई सबके सामने आ जाएगी. यही वजह है कि अब मंत्री धारीवाल को कोटा का कलमाड़ी कहा जा रहा है.
