ETV Bharat / state

गहलोत बोले हिमाचल में OPS का जादू चला तो BJP बोली फिर गुजरात में क्यों निकली हवा...क्या राजस्थान में चलेगा 'OPS' का दांव

author img

By

Published : Dec 10, 2022, 6:08 PM IST

हिमाचल के चुनाव परिणाम आने के बाद सीएम गहलोत ने दावा किया कि कांग्रेस की जीत में OPS की महत्वपूर्ण भूमिका (magic of OPS worked in Himachal Pradesh) रही है. जबकि बीजेपी ने कहा कि फिर ये गहलोत के OPS का जादू गुजरात मे क्यों नही चला. सियासी बयान बाजी अलग बात है. लेकिन ओपीएस को लेकर अब प्रदेश के कर्मचारी भी कंफ्यूज नजर आ रहे हैं. इसकी क्या है वजह यहां जानिए.

magic of OPS worked in Himachal Pradesh
magic of OPS worked in Himachal Pradesh

गहलोत बोले हिमाचल में OPS का जादू चला

जयपुर. हिमाचल और गुजरात के चुनाव में कांग्रेस ने OPS यानी ओल्ड पेंशन स्कीम को लागू करने की घोषणा करके एक बड़ा (Political tussle over OPS in Rajasthan) दांव खेला. गुजरात हिमाचल में कांग्रेस एक-एक से बराबर रही, लेकिन सूबे के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत दावा कर रहे हैं कि हिमाचल प्रदेश में कांग्रेस को विधानसभा चुनावों में जीत दिलवाने में, ‘ओल्ड पेंशन स्कीम’ यानी OPS की बहुत महत्वपूर्ण भूमिका रही. जबकि गहलोत के इस बयान पर बीजेपी ने तंज कसा , बीजेपी ने कहा गहलोत के राजस्थान मॉडल को गुजरात की जनता ने क्यों नकारा. अब सियासी बयान बाजी और गुणाभाग से बाहर निकल कर देखें तो क्या राजस्थान में कांग्रेस को OPS का लाभ मिलेगा, इसको लेकर कर्मचारियों का अपना तर्क है. कर्मचारियों को लगने लगा है कि इस निर्णय का लाभ लांग टर्म नहीं है. आइए समझते हैं क्या OPS का लाभ प्रदेश में कांग्रेस को आने वाले एक साल बाद के चुनाव में मिलेगा .

ओल्ड पेंशन स्कीम और नई पेंशन स्कीम क्या है... ओल्ड पेंशन स्कीम के तहत कर्मचारी को रिटायर के बाद भी प्रत्येक महीने पेंशन राशि मिलती है, जबकि नई पेंशन स्कीम में रिटायर होने (New pension scheme flaws) के बाद प्रत्येक महीने मिलने वाली पेंशन बंद हो जाती है. इसके अलावा ओल्ड पेंशन स्कीम में पेंशन देने का खर्च सरकार की ओर से उठाया जाता है. वहीं नई पेंशन स्कीम में जिन कर्मचारियों को पेंशन चाहिए, उन्हें इसका वित्तीय भार भी खुद ही उठाना पड़ता है. लेकिन ओल्ड पेंशन स्कीम पूरे देश में 31 मार्च 2004 तक लागू थी. एक अप्रैल 2004 से पूरे देश में केंद्रीय और राज्य कर्मचारियों के लिए नई पेंशन स्कीम लागू की गई.

इसके लिए तत्कालीन एनडीए सरकार ने संसद में एक बिल पेश कर देश में ओल्ड पेंशन स्कीम को खत्म कर दिया. इस बिल को मई 2004 में केंद्र में सत्ता में आई यूपीए सरकार ने भी लगातार 10 साल जारी रखा . बाद में साल 2014 से अब तक केंद्र में स्थापित बीजेपी सरकार ने भी इसे जारी रखा हुआ है. लेकिन मार्च 2022 में अशोक गहलोत ने विधानसभा में बजट पेश करते वक्त प्रदेश के कर्मचारियों के लिए ओल्ड पेंशन स्कीम लागू करने की घोषणा की. 2004 के बाद राज्य में नोकरी लगने वाले करीब चार लाख कर्मचारियों को भी अब ओल्ड पेंशन स्कीम का लाभ मिलेगा , साथ ही इन चार लाख कर्मचारियों के केंद्र में जमा PFRDA यानी पेंशन निधि विनायक और विकास प्राधिकरण के पैसे भी वापस देने की घोषणा हुई.

इसे भी पढ़ें - सतीश पूनिया का राहुल से छठा सवाल: राजस्थान में अवैध खनन पर कब लगेगी लगाम?

अपने-अपने दावेः राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने हिमाचल चुनाव के बाद करीब 3 से 4 बार इस बात का जिक्र किया कि हिमाचल प्रदेश में कांग्रेस को विधानसभा चुनावों में जीत दिलवाने में, ‘ओल्ड पेंशन स्कीम’ की बड़ी भूमिका थी. गहलोत ने कहा कि प्रियंका गांधी खुद प्रचार करने पहुंचीं, पर साथ में वहां चुनाव जिताने में ‘ओपीएस’ की भी बहुत बड़ी भूमिका थी. गहलोत OPS का जिक्र कर रहे हैं तो बीजेपी के राज्य सभा सांसद किरोड़ी लाल मीणा ने कहा कि ओल्ड पेंशन स्कीम का अगर हिमाचल में लाभ मिला है तो फिर गुजरात में यह जादू क्यों नहीं चला. गुजरात में तो सीएम गहलोत राजस्थान मॉडल को लागू करने की बात कर रहे थे , जिसे जनता ने किस कदर नकारा यह सबके सामने है . आनन-फानन में शुरू की गई ओल्ड पेंशन स्कीम से सिर्फ और सिर्फ कांग्रेस वोट लेना चाहती हैं , लेकिन इस योजना का असर 2030 के बाद दिखाई देखा . सीएम गहलोट को इससे क्या वो तो 2030 रहने वाले नहीं हैं.

कर्मचारियों में भ्रम की स्थितिः अखिल राजस्थान राज्य कर्मचारी संयुक्त महासंघ के प्रदेश महामंत्री तेज सिंह राठौड़ ने कहा कि न्यू पेंशन स्कीम को लेकर लगातार कर्मचारियों में भ्रम की स्थिति उत्पन्न होती जा रही है. भारत सरकार ने सीएफआरडी के तहत जो कर्मचारियों का पैसा है केंद्र सरकार के पास जमा है, उसे देने के लिए लगभग मना कर चुकी है. मतलब साफ है कि केंद्र सरकार न्यू पेंशन स्कीम में कोई बदलाव नही करना चाहती . प्रदेश में सत्ता बदलती है तो फिर से न्यू पेंशन स्कीम लागू हो सकती है. राठौड़ ने कहा कि राज्य सरकार जिन कर्मचारियों PFRDA के अपने पैसे पर लिए गए लोन की जबरन वसूली कर रही है, उससे राज्य के कर्मचारी सरकार से नाराज हैं.

उन्होंने कहा राज्य सरकार ने निर्देश दे दिए कि अगर कर्मचारी PFRDA फंड से लिया गया लोन वापस जमा नहीं हुआ तो ओल्ड पेंशन स्कीम के लाभ से वंचित करने के लिए कहा है. उन्होंने कहा कि कर्मचारियों को बीजेपी और कांग्रेस सिर्फ और सिर्फ वोट बैंक के हिसाब से आंकलन कर रही है. उन्होंने राजस्थान सरकार से मांग करते हुए कहा कि जो कर्मचारियों ने अपने पैसे में से लोन लिया है उसकी वसूली पर रोक लगाएं. उससे अनावश्यक रुप से कर्मचारियों में भ्रम बन रहा है. आने वाले चुनाव में कर्मचारी इसके पक्ष में जाएंगे या नहीं यह तो आने वाला वक्त तय करेगा. फिलहाल जिस तरह से राज्य सरकार ऋण वसूली को लेकर सख्ती दिखा रही है , उससे कर्मचारियों में ओल्ड पेंशन स्कीम लागू होने की खुशी कम और वसूली को लेकर गुस्सा ज्यादा है.

बड़े वोट बैंक पर नजरः चुनाव में सभी पार्टियों की नजर हर राज्य के कर्मचारी वर्ग के बड़े वोट बैंक रहती है. राजस्थान में करीब 8 करोड़ की आबादी में 8 लाख कर्मचारी हैं, जिनमें से केवल 4 लाख कर्मचारियों को ही ओपीएस का लाभ मिल रहा था. एक अप्रैल 2004 के बाद नियुक्ति पाने वाले करीब 4 लाख कर्मचारी न्यू पेंशन स्कीम के दायरे में थे. इन्हें पेंशन का पुराना कवर देने के लिए ही सीएम गहलोत ने ओपीएस को लागू किया है. इस फैसले के साथ सीएम गहलोत ने एक बड़े वोट बैंक को साधने के काम किया. 4 लाख कर्मचारियों के साथ परिवार के 5 सदस्य भी है यानी करीब 20-25 लाख लोगों को साधने की कोशिश की गई है , लेकिन अब केंद्र सरकार के नीति आयोग ने PFRDA के पैसे लौटने से साफ इनकार कर दिया.

ये है नीति आयोग की आपत्तियां...

  • राज्यों के पास इस स्कीम को लागू करने के लिए पर्याप्त पैसा नहीं है. आखिरकार इसका भार केंद्र सरकार पर ही आएगा.
  • कर्मचारियों की पेंशन का भार पहले की तरह आम नागरिकों पर ही पड़ेगा.
  • शिक्षा, चिकित्सा, परिवहन, पानी और बिजली जैसी मूलभूत योजनाओं के बजट में कटौती होगी.
  • प्लान राज्यों ने केंद्र सरकार को भेजा ही नहीं है कि पैसा कहां से और किस प्रकार जनरेट करेंगे.
  • पहले से ही हजारों करोड़ रुपयों के कर्ज भार तले दबे राज्य किस प्रकार से यह नया आर्थिक भार उठाएंगे.
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.