जयपुर. Honesty Makes Person Fearless - ईमानदारी व्यक्ति को निडर बनाती है. मुनेश गुर्जर के नाम के साथ हेरिटेज नगर निगम के महापौर चेंबर में ये वाक्य चस्पा है, लेकिन शुक्रवार को खुद मुनेश गुर्जर के पति सुशील गुर्जर को 2 लाख की रिश्वत प्रकरण में एसीबी ने ट्रैप किया. ऐसे में फिलहाल मेयर के चेंबर में लगी इन पंक्तियों पर विपक्ष जमकर चुटकी ले रहा है. वहीं, शनिवार देर रात सरकार ने मुनेश गुर्जर को भी महापौर पद से सस्पेंड कर दिया. स्वायत्त शासन विभाग की ओर से जारी आदेशों में जांच प्रभावित होने का अंदेशा जाहिर करते हुए, पद का दुरुपयोग ना हो, इसे मद्देनजर रखते हुए महापौर और वार्ड 43 पार्षद पद से निलंबित किया गया है.
उधर, एसीबी की टीम ने हेरिटेज निगम मुख्यालय पहुंच मेयर कार्यालय में रखी फाइलों को भी जब्त किया है, साथ ही निगम की ओर से पूर्व में जारी किए गए पट्टों में सुशील गुर्जर की संलिप्तता की भी पड़ताल की जाएगी. इससे पहले सुशील गुर्जर ने खुद पर लगे भ्रष्टाचार के आरोपों को सिरे से खारिज करते हुए कांग्रेस के बड़े नेता के इशारे पर साजिश कर फंसाने और सिविल लाइन से पार्षद मनोज मुद्गल डिप्टी मेयर बनने की कोशिश में उनके लिए लगातार साजिश रचने का भी आरोप लगाया. साथ ही घर में मिले नकदी को वैशाली नगर में बेचे गए प्लॉट की कीमत बताते हुए, निष्पक्ष जांच की उम्मीद जताई.
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चूंकि हेरिटेज नगर निगम में महापौर का पद ओबीसी महिला वर्ग के लिए आरक्षित है. ऐसे में राज्य सरकार की ओर से जल्द ही कांग्रेस से आने वाली किसी वरिष्ठ ओबीसी महिला पार्षद को कार्यवाहक पद सौंपा जा सकता है, ताकि निगम के काम प्रभावित ना हो.