जयपुर. हेरिटेज नगर निगम की महापौर मुनेश गुर्जर की मुश्किलें बढ़ सकती हैं. मेयर के पास कौनसी फाइलें चल रही हैं, फाइल पेंडेंसी और पूर्व में जारी किए पट्टों की भी जांच होगी. इनमें सुशील गुर्जर की संलिप्तता की भी पड़ताल होगी, और यह जांच प्रभावित न हो इसके लिए महापौर को पद से निलंबित करने की मांग उठ रही है. इस बीच पूरे प्रकरण पर जहां कैबिनेट मंत्री महेश जोशी ने चुप्पी साधी है, वहीं मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास ने कहा है कि करप्शन को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. मेयर को बर्खास्त करने की जरूरत पड़ी तो बर्खास्त भी किया जाएगा.
कांग्रेस दो धड़ों में नजर आईः हेरिटेज मेयर मुनेश गुर्जर के घर पर एसीबी के एक्शन के बाद जहां विपक्ष हमलावर है. वहीं कांग्रेस दो धड़ों में नजर आ रही है. एक ओर जहां पूरे मामले पर कैबिनेट मंत्री महेश जोशी ने चुप्पी साधी है. वहीं मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास ने सख्त से सख्त कार्रवाई की बात कहते हुए कहा कि करप्शन के मामले में किसी को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. हेरिटेज नगर निगम के क्रियाकलाप को लेकर पहले से ही नाराजगी है.
ये शिकायत मुख्यमंत्री, प्रदेश प्रभारी और प्रदेश अध्यक्ष से भी की. अधिकतर पार्षद, विधायक रफीक खान, अमीन कागजी सभी नाराज हैं. लोगों के पट्टे बनाने में देरी हो रही थी. उन्होंने कहा कि 10-10 बार पट्टे लौटाए जा रहे थे, लोग आकर शिकायत कर रहे थे कि पैसे मांगे जा रहे हैं. उन्होंने कहा कि जिन्हें पार्षद बनाया, मेयर बनाया, उनकी शिकायत आए तो क्या किया जाए?. नाक के नीचे जनता से जबरन वसूली होने लगी. इसलिए लोगों को कहा कि वो खुद 1064 मिलाएं, परिवादी बनकर एसीबी में मुकदमा दर्ज कराएं.
एसीबी के पास कई घंटों की रिकॉर्डिंगः खाचरियावास ने कहा कि उनके हिसाब से एसीबी के पास में कई घंटों की रिकॉर्डिंग है, यदि ये रिकॉर्डिंग बाहर आएगी, तो एक मिसाल बनेगी. एसीबी के अधिकारियों को धन्यवाद देते हैं हुए उन्होंने कहा कि बड़ी तसल्ली से ये कार्रवाई की है, ये दिन की नहीं, लंबी कार्रवाई है. यहां एसपी पकड़े, बड़े अधिकारी भी पकड़े, पहले भी पार्षद पति और मेयर के खिलाफ कार्रवाई की है. ये कोई नई कार्रवाई नहीं है. राजस्थान सरकार जीरो टॉलरेंस पर काम कर रही है, जो भ्रष्टाचार करते हैं, उनको छोड़ा नहीं जाएगा. किसी को बर्खास्त करना पड़े, हटाना पड़े वो सब करेंगे.
कोई रिलीफ नहींः कैबिनेट मंत्री ने कहा कि जो भी कार्रवाई हुई है वो मेयर के घर पर हुई है. कोई ये समझे कि वो कांग्रेस का है, उन्हें रिलीफ मिल जाएगा, तो कोई रिलीफ नहीं है. करप्शन के खिलाफ सख्त कार्रवाई राजस्थान सरकार की ओर से की जा रही है. जहां तक मेयर पर एक्शन का सवाल है, मेयर पर सख्त एक्शन की बात पहले भी तीन एमएलए कह चुके हैं. पार्षद उनके साथ है, नहीं, सीएम इस पूरे मामले को देख रहे हैं. बर्खास्त करना पड़े तो बर्खास्त करेंगे. जांच हो रही है, ताकि सच्चाई सामने आए, जो भी सख्त से सख्त कार्रवाई करनी होगी, वो करेंगे. अब नाटक नहीं चलेगा.
कोई वोटिंग से मेयर थोड़ी बनाया थाः इस दौरान उन्होंने तंज कसते हुए कहा कि नेताओं ने आगे बढ़कर जिस तरह की हरकत की, माहौल बनाया. उन्होंने ही मेयर बनाया है, कोई गुनाह थोड़ी किया. गाड़ी, घोड़े, लवाजमा सरकार ने दिया. कोई वोटिंग से मेयर थोड़ी बनाया था, प्रताप सिंह की इच्छा से मेयर बनाया. इसलिए मेयर नहीं बनाया था कि आज किशनपोल, आदर्श नगर, सिविल लाइन या जयपुर का कोई आदमी है, वह वहां जाकर परेशान हो. उनके पट्टे रोक दिए जाएं और लोग आकर मंत्री, एमएलए के पास आकर झगड़ा करें. ये काम विधायक-मंत्री का नहीं है, उनकी एक इमेज है. उनके रहते कोई मकान या पट्टे के नाम पर वसूली नहीं कर सकता. उस इमेज की धज्जियां उड़ा दी. जिन लोगों के पट्टे में पैसे लिए गए हैं, वो 1064 पर शिकायत दर्ज कराएं. अपने नाम से जाकर मुकदमा दर्ज करें, जनता को भ्रष्टाचार को खत्म करने के लिए जागना होगा.
उधर, इस कार्रवाई के बाद हेरिटेज निगम का विपक्ष भी हमलावर हो गया है। बीजेपी पार्षद विमल अग्रवाल ने कहा कि ये प्रकरण साबित करता है कि कांग्रेस के सारे के सारे नेता किस तरह से भ्रष्टाचार में लिप्त हैं. चूंकि मेयर के पति गिरफ्तार हुए, मेयर जांच प्रभावित न कर सके, इसके लिए मेयर को तुरंत प्रभाव से पद से इस्तीफा देना चाहिए, और यदि वो इस्तीफा ना दे तो सरकार को उन्हें तुरंत निलंबित कर देना चाहिए, ताकि वो जांच में किसी प्रकार का विघ्न न डाल सकें.
जांच के पक्ष में 44 पार्षद - अपनी ही पार्टी या यूं कहा जाए कि अपने ही वीटो पावर का इस्तेमाल कर जिन मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास ने मुनेश गुर्जर को जयपुर हेरिटेज का महापौर बनाया था. आज वही प्रताप सिंह महापौर मुनेश गुर्जर को बर्खास्त करने की सरकार से अपील कर रहे हैं. खाचरियावास न केवल हेरिटेज महापौर मुनेश गुर्जर को बर्खास्त करने की अपील कर रहे हैं, बल्कि यह भी कह रहे हैं कि जीरो टोलरेंस का मतलब यह होता है कि महापौर पर और भी सख्त कार्रवाई हो, क्योंकि अगर भ्रष्टाचार में लिप्त ऐसे लोगों पर कार्रवाई नहीं करेंगे तो कांग्रेस के पार्षद उन्हें बर्खास्त करने का काम कर सकते हैं.
उन्होंने कहा कि सरकार को ही आगे कदम उठाते हुए उन्हें बर्खास्त कर देना चाहिए, नहीं तो भाजपा और कांग्रेस दोनों के पार्षद मिलकर महापौर को बर्खास्त कर सकते हैं. आगे उन्होंने कहा कि कांग्रेस के 44 पार्षद उनसे मिलकर इस बात की मांग कर चुके हैं कि महापौर मुनेश गुर्जर को बर्खास्त कर दिया जाए. खाचरियावास ने कहा की महापौर को बर्खास्त करने की हम केवल अपील कर सकते हैं, लेकिन बर्खास्त करने का काम मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और शांति धारीवाल के हाथ में है. मंत्री ने सरकार से यह भी मांग की, कि अगर पट्टे बांटने में हो रहे भ्रष्टाचार को रोकना है तो महापौर, सभापति और अध्यक्षों से पदों पर हस्ताक्षर के अधिकार वापस लिए जाने चाहिए.
सावन में भोलेनाथ की कृपा हुई और ये पकड़े गए - मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास ने हाथ जोड़ते हुए महापौर मुनेश गुर्जर के पति पर हुई कार्रवाई पर भगवान का शुक्रिया किया. उन्होंने कहा कि ठाकुर जी की उनपर कृपा है, जो ये कार्रवाई हुई है. इस कार्रवाई से उनकी विधानसभा सुधर गई. उन्होंने कहा कि वो भोलेनाथ की पूजा करते हैं और सावन के महीने में भोलेनाथ ने उन पर बड़ी कृपा की है.