जयपुर. हेरिटेज नगर निगम में शनिवार रात को भी मेयर, डिप्टी मेयर, कांग्रेस और निर्दलीय पार्षदों ने डेरा डाले रखा. रात 12:00 बजे तक भी कुछ पार्षद महापौर के साथ आगामी रणनीति बनाते दिखे. तो वहीं कुछ पार्षदों ने शेरो शायरी की महफिल सजाई. इससे पहले पार्षदों ने निगम मुख्यालय पर मौजूद इंदिरा रसोई में भोजन किया और फिर बिस्तर लगा कर यही रात बिताई. वहीं वार्ड दो की पार्षद अपनी 1 साल की मासूम बच्ची के साथ धरने पर डटी रही.
हेरिटेज निगम की महापौर मुनेश गुर्जर और पार्षदों के साथ में एडिशनल कमिश्नर ने अभद्र भाषा का प्रयोग किया. जिसके विरोध में मेयर और पार्षद शुक्रवार से धरने पर बैठे हैं. 24 घंटे से ज्यादा का समय बीत जाने के बाद भी अधिकारी पर अब तक कोई कार्रवाई नहीं होने से कांग्रेस बोर्ड के पार्षदों में रोष है. वहीं अपनी 1 साल की मासूम बच्ची के साथ धरने में शामिल हुई महिला पार्षद अंजलि ब्रह्मभट्ट ने बताया कि एडिशनल कमिश्नर की ओर से जनता के चुने हुए प्रतिनिधियों से अभद्र भाषा का प्रयोग किया और गुर्जर आंदोलन का जिक्र करते हुए उसमें 20 से 25 लोगों को मरवाने की बात कही गई. यहां पार्षद जनता के चुने हुए प्रतिनिधि हैं. 36 कौम से चुनाव जीतकर आते हैं, और सर्व समाज के प्रतिनिधि हैं. यदि निगम के अधिकारी उन्हें इज्जत नहीं देंगे, तो जनता में क्या संदेश जाएगा. इसलिए चाहते हैं कि एडिशनल कमिश्नर राजेंद्र वर्मा सस्पेंड हो और जब तक वो सस्पेंड नहीं होते, तब तक पार्षद अपना धरना जारी रखेंगे.
वहीं महापौर मुनेश गुर्जर ने कहा कि अब लड़ाई स्वाभिमान की है. जिन अधिकारियों की भाषा गंदी हो, उन्हें निगम में रहने का अधिकार नहीं है. आज एक अनपढ़ व्यक्ति भी महिलाओं के साथ अभद्र भाषा का प्रयोग नहीं करता. जबकि वो तो एक सीनियर आरएएस अधिकारी हैं. जब वो इस तरह की भाषा का प्रयोग कर रहे हैं, तो इसकी भी जवाबदेही होनी चाहिए. आखिर बताएं कि कि वो किस कारण ऐसी भाषा का उपयोग कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि फाइलों पर जो प्रशासनिक कार्यवाही होनी होगी, वो हो जाएगी. फिलहाल एक ही मांग है कि राजेंद्र वर्मा सस्पेंड हो.
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वहीं शनिवार को सिविल लाइंस विधानसभा क्षेत्र के करीब 12 पार्षद मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास के पास पहुंचे थे. महापौर भी उसी विधानसभा क्षेत्र से आती हैं. उनके मंत्री आवास पर नहीं पहुंचने पर उन्होंने कहा कि वो शुक्रवार से ही यहां धरने पर बैठी हैं. जो पार्षद मंत्री आवास पर पहुंचे हैं, वो उन्हीं के परिवार के लोग हैं, मंत्री जी भी परिवार के ही हैं. लेकिन पार्षदों के साथ जो अभद्र व्यवहार हुआ है, और वो परिवार के होने के बावजूद इसका संज्ञान नहीं ले रहे हैं, ये एक बड़ी बात है. हालांकि उन्होंने विश्वास जताया कि सरकार उनके साथ है. मुख्यमंत्री कभी भी किसी महिला का अपमान सहन नहीं करते हैं.
बहरहाल, हेरिटेज नगर निगम में छिड़ा ये विवाद फिलहाल सिमटता नहीं दिख रहा. लेकिन विधानसभा चुनाव से पहले उठे इस विवाद को जल्द निस्तारित नहीं किया गया तो ये हेरिटेज नगर निगम क्षेत्र में आने वाले कांग्रेसी विधायकों के लिए घाटे का सौदा साबित हो सकता है.