राजस्थान के भूतपूर्व सैनिक सड़कों पर! आरक्षण में छेड़छाड़ को लेकर भारत जोड़ो यात्रा का विरोध करने का एलान

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Published : Dec 6, 2022, 5:46 PM IST

Updated : Dec 6, 2022, 11:43 PM IST

Ex serviceman to oppose Bharat Jodo Yatra against change in OBC reservation in Rajasthan

राजस्थान में भूतपूर्व सैनिकों के आरक्षण के साथ हुई छेड़खानी के विरोध में मंगलवार को मार्च निकाला (Ex serviceman protest in Jaipur) गया. शहीद स्मारक से सिविल लाइन फाटक तक भूतपूर्व सैनिकों ने रैली निकालकर अपना विरोध दर्ज कराया. भूतपूर्व सैनिकों ने कहा कि सरकार ने आरक्षण में छेड़खानी की है. इसके विरोध में कांग्रेस नेता राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा का दौसा और अलवर में विरोध किया जाएगा.

जयपुर. पिछले दिनों गहलोत सरकार की ओर से भूतपूर्व सैनिकों के आरक्षण में हुई छेड़खानी के विरोध में मंगलवार को शहीद स्मारक से सिविल लाइन फाटक तक विरोध मार्च निकाला गया और मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा गया. भूतपूर्व सैनिक आरक्षण बचाओ संघर्ष समिति के बैनर तले निकाले गए विरोध मार्च में पूर्व सैनिकों का कहना था कि सरकार ने कैबिनेट की बैठक में भूतपूर्व सैनिकों को ओबीसी वर्ग से बाहर करके उनके साथ अन्याय किया है. अगर सरकार अपने फैसले को वापस नहीं लेती है, तो दौसा और अलवर में राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा का विरोध (Ex serviceman to oppose Bharat Jodo Yatra) होगा.

ये है नाराजगी: दरअसल भूतपूर्व सैनिकों की नाराजगी है कि बरसों से भूतपूर्व सैनिकों को 12 फीसदी आरक्षण अलग से दिया जाता रहा है, लेकिन गहलोत सरकार ने कुछ जातिवादी नेताओं के दबाव में आकर भूतपूर्व सैनिकों को अलग-अलग जातियों में बांट दिया है. नए प्रावधान के अनुसार अलग-अलग जाति में भूतपूर्व सैनिकों को आरक्षण दिया जाएगा. जबकि भूतपूर्व सैनिकों की कोई भी जाति नहीं होती है. सैनिक सिर्फ सैनिक होता है.

राजस्थान के भूतपूर्व सैनिक क्यों उतरे सड़कों पर...

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उन्होंने चेतावनी दी कि अगर सरकार आज के विरोध मार्च से सबक लेकर पुराने आदेश को बहाल नहीं करती है, तो कांग्रेस नेता राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा को विरोध सामना करना पड़ेगा. उन्होंने कहा कि दौसा और अलवर में राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा को नहीं निकालने दिया जाएगा. भूतपूर्व सैनिकों ने कहा कि एक तरफ कांग्रेस के नेता राहुल गांधी भारत जोड़ने की बात करते हैं, वहीं प्रदेश के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने भूतपूर्व सैनिकों को जाति और धर्म में बांट दिया है.

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ये हुआ था कैबिनेट में संशोधन: दरअसल पिछले दिनों गहलोत कैबिनेट ने राजस्थान सिविल सेवा (भूतपूर्व सैनिकों का आमेलन) नियम, 1988 में संशोधन का बड़ा फैसला लिया था. इससे राज्य की भर्तियों में भूतपूर्व सैनिकों को क्षैतिज (हॉरिजॉन्टल) श्रेणीवार आरक्षण में शामिल किया गया. इस संशोधन से अनुसूचित जाति/जनजाति के भूतपूर्व सैनिकों को भी समग्र रूप से सीधी भर्तियों में आनुपातिक प्रतिनिधित्व मिलेगा. साथ ही पिछड़ा वर्ग के लिए आरक्षित पदों में से पिछड़ा वर्ग के सामान्य अभ्यर्थियों (भूतपूर्व सैनिकों के अलावा) का भी सम्यक प्रतिनिधित्व सुनिश्चित हो सकेगा.

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बता दें कि संसोधन करते हुए सरकार ने बताया कि भूतपूर्व सैनिकों की संशोधन से पूर्व भर्ती नियमों में भर्ती उपरांत, उनका समायोजन उनसे संबंधित श्रेणी में किया जाता था. इस व्यवस्था से भूतपूर्व सैनिकों के अपनी श्रेणी में समायोजित होने के कारण अनुसूचित जाति/जनजाति के भूतपूर्व सैनिकों का चयन कम हो पा रहा है. साथ ही भूतपूर्व सैनिकों के लिए निर्धारित आरक्षण उपरांत चयनित अभ्यर्थियों के अपने वर्ग में समायोजित हो जाने के कारण कुछ भर्तियों में पिछड़ा वर्ग के ऐसे अभ्यर्थी जो भूतपूर्व सैनिक नहीं हैं, का भी समुचित प्रतिनिधित्व नहीं हो रहा है. भूतपूर्व सैनिकों को वर्तमान में मिल रही आयु में छूट व न्यूनतम अंकों में छूट का लाभ भी मिलता रहेगा. साथ ही भूतपूर्व सैनिकों के किसी भर्ती के रिक्त पद के विरूद्ध रिक्तियां एक भर्ती वर्ष तक अग्रेषित (कैरी फॉरवर्ड) की जाती रहेंगी.

Last Updated :Dec 6, 2022, 11:43 PM IST
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