जयपुर. राजधानी जयपुर में सरकारी नौकरी दिलवाने का झांसा देकर 18 लाख रुपए की ठगी का मामला सामने आया है. आरोपियों ने पीड़ित से अलग-अलग बैंक अकाउंट में राशि डलवाई थी. पीड़ित की शिकायत पर मोहल्ला थाना पुलिस ने सोमवार को मामला दर्ज करके जांच पड़ताल शुरू कर दी है. पीड़ित ने यामीन, इमरान, सहाना समेत अन्य लोगों के खिलाफ मामला दर्ज करवाया है.
मुहाना थाने के एएसआई रामावतार के मुताबिक पीड़ित मुकेश कुमार ने रिपोर्ट दर्ज करवाई है कि वह जयपुर में रहकर प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी कर रहा था. गांव के ही रहने वाले जसवंत मीणा का उसके यहां पर आना जाना रहता था. उसके साथ उत्तर प्रदेश निवासी इमरान भी आता जाता रहता था. जसवंत और इमरान साथ मिलकर लैब चलाया करते थे. धीरे-धीरे इमरान से भी परिवादी की दोस्ती हो गई.
नकली एडमिट कार्ड देकर परीक्षा दिलवाया : मुकेश के अनुसार इमरान ने परिवादी को बताया कि उत्तर प्रदेश में उसके भाई यामीन की एक लैब है, जहां उत्तर प्रदेश पुलिस भर्ती और प्रोन्नति बोर्ड लखनऊ का एग्जाम सेंटर आएगा. ऐसे में वह उसकी उत्तर प्रदेश पुलिस में नौकरी लगवा सकता है. इमरान ने उससे 18 लाख की मांग की, जिसपर परिवादी तैयार हो गया. इमरान ने उससे 14.50 लाख रुपये अपने, पत्नी और भाई के खाते में ट्रांसफर करवा लिए. परिवादी से शैक्षणिक दस्तावेज लेकर फॉर्म भरवा दिया. इसके बाद परिवादी को परीक्षा का एक परमिशन लेटर 14 नवंबर 2021 का दिया गया, जो इमरान के ही लैब में होना था.
रिजल्ट आने पर नहीं हुआ सिलेक्शन : परिवादी जयपुर से गाजियाबाद पहुंचा तो वहां इमरान, उसका भाई और पत्नी भी मौजूद थे. इन सभी ने एक कंप्यूटर पर बैठाकर एग्जाम दिलवाया. कुछ महीने बाद रिजल्ट आने और नियुक्ति का आश्वासन दिया. कुछ दिन बाद 17 नवंबर 2021 को 18 लाख रुपये में से बकाया 3.50 लाख रुपये इमरान ने अपनी पत्नी सहाना के खाते में ट्रांसफर करवा लिए. भर्ती परीक्षा का परिणाम मार्च 2022 में आ गया, लेकिन उसमें परिवादी का चयन नहीं हुआ. इसके बाद भी लगातार आरोपी नौकरी का आश्वासन देते रहे.
परिवादी ने परेशान होकर जनवरी 2023 में गाजियाबाद जाकर आरोपियों से बातचीत करने की कोशिश की. परिवादी के अनुसार सभी आरोपियों ने एक राय होकर नौकरी परीक्षा में पास करवाने और राशि वापस करने से साफ इंकार कर दिया. आरोपियों ने परिवादी को झूठे मुकदमे में फंसाने की धमकी दी. ठगी का एहसास होने पर परिवादी ने पुलिस थाने में मामला दर्ज करवाया है. परिवादी के पास फर्जी प्रवेश पत्र और खातों में हस्तांतरित राशि का पूरा रिकॉर्ड है. उससे कुल मिलाकर 18 लाख रुपए की ठगी की गई है. पुलिस ने मामला दर्ज करके जांच पड़ताल शुरू कर दी है. परिवादी के बताए अनुसार बैंक खातों और अन्य दस्तावेजों की जांच पड़ताल की जा रही है. तकनीकी सहायता के आधार पर आरोपियों की भी तलाश की जा रही है.