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आशा सहयोगिनी का अनिश्चितकालीन पड़ाव...कलेक्टर को मांगों से कराया अवगत

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Published : Aug 8, 2019, 9:33 PM IST

Asha Sahyogini's indefinite halt memorandum submitted to collector, आशा सहयोगिनी का अनिश्चितकालीन पड़ाव

हनुमानगढ़ में पिछले लंबे समय से आशा सहयोगिनी अपनी मांगों को लेकर आंदोलन कर रही है. लेकिन किसी तरह की सुनवाई नहीं होने पर आशा सहयोगिनियों ने कहा कि जब तक उनकी मांगें नहीं मानी जाती, उनका आंदोलन समाप्त नहीं होगा.

हनुमानगढ़. जिले में लंबे समय से आशा सहयोगिनी अपनी मांगों को लेकर आंदोलन कर रही है. लेकिन किसी तरह की सुनवाई नहीं होने पर आशा सहयोगिनी ने कहा कि जब तक उनकी मांगे नहीं मानी जाती उनका आंदोलन समाप्त नहीं होगा.

आशा सहयोगिनी का अनिश्चितकालीन पड़ाव...कलेक्टर को सौंपा ज्ञापन

आशा सहयोगिनियों का आरोप है कि सरकार उन्हें सिर्फ 2500 रुपए का मानदेय दे रही है. जो कि काफी कम है इतने रुपयों में घर चलाना मुश्किल है इसके चलते उन्होंने कई बार सरकार को अवगत भी करवाया. आशा सहयोगिनियों ने कहा कि उनकी मांग है कि मानदेय को 18 हजार रूपए किया जाए और साथ ही राज्य कर्मचारी भी घोषित किया जाए.

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उन्होंने कई बार उग्र आंदोलन किए लेकिन सुनवाई नहीं हुई. जिसके चलते उन्होंने जिला कलेक्टर के सामने अनिश्चितकालीन पड़ाव डाल दिया है. और जिला कलेक्टर को ज्ञापन सौंप कर चेतावनी दी है कि जब तक उनकी मांगे नहीं मानी जाती तब तक आंदोलन समाप्त नहीं होगा.

Intro:हनुमानगढ़ में पिछले लंबे समय से आशा सहयोगिनी अपनी मांगों को लेकर आंदोलन कर रही है आंदोलन की कड़ी में कई बार पुतले फूंके जा चुके हैं ज्ञापन दिए जा चुके हैं मगर अभी तक कोई सुनवाई नहीं हो रही और इन्होंने अनिश्चितकालीन पड़ाव डाल रखा है साथ ही इनकी चेतावनी है कि जब तक उनकी मांगे नहीं मानी जाती इंक आंदोलन समाप्त नहीं होगा

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Body:आशा सहयोगिनियों का आरोप है कि सरकार ने महज 2500 रुपए का मानदेय दे रही है जो कि काफी कम है इतने रुपयों में इनका घर चलाना मुश्किल है इसके चलते उन्होंने कई बार सरकार को अवगत भी करवाया इनसे काम भी काफी अधिक लिया जाता है नरेगा मजदूरों की तनख्वाह इंसान ज्यादा है लेकिन इनका मानदेय काफी कम है की मांग करती है कि इनका मानदेय ₹18000 किया जाए साथ ही इन्हें राज्य कर्मचारी भी घोषित किया जाए उन्होंने कई बार उग्र आंदोलन किए थे लेकिन सुनवाई नहीं हुई इसके चलते उन्होंने जिला कलेक्टर के सामने अनिश्चितकालीन पड़ाव डाल दिया है और इन्होंने आज भी जिला कलेक्टर को ज्ञापन सौंप अपनी मांगे सरकार तक रखी है अब उन्होंने चेतावनी दी है कि जब तक उनकी मांगे नहीं मानी जाती तब तक आंदोलन समाप्त नहीं होगा
one2one with आशा सहयोगिनी


Conclusion:आशा सहयोगिनी पिछले लंबे समय से अपनी मांगों को लेकर आंदोलनरत है लेकिन इनकी सुनवाई नहीं हो रही शायद सरकार इनकी मांगों को लेकर गंभीर नहीं है उन्होंने साफ तौर पर चेतावनी दी है कि जितनी भी आशा वर्कर है वह सब तब तक काम नहीं करेंगे जब तक उनकी मांगे नहीं मानी जाती निश्चित तौर पर उनकी हड़ताल के कारण सरकार का काफी काम भी प्रभावित हो रहा है स्वास्थ्य विभाग के कार्य प्रभावित हो रहे हैं लेकिन सरकार उनकी मांगें नहीं मान रही है अब देखना होगा कि कब तक इनकी मांगे मानी जाती है और इनका आंदोलन समाप्त होता है
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