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नाबालिग का अपहरण कर दुष्कर्म के दोषी पति-पत्नी को आजीवन कारावास की सजा

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Published : Jun 18, 2019, 5:36 PM IST

डूंगरपुर में विशिष्ट न्यायालय पोक्सो ने नाबालिग का अपहरण कर दुष्कर्म के मामले में आरोपी पति-पत्नी को आजीवन कारावास की सजा के साथ 15-15 हजार रुपए का जुर्माना लगाया है. कोर्ट ने दोनों को लैंगिग अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम और भारतीय दंड संहिता की विभिन्न धाराओं के तहत दोषी मानते हुए सजा सुनाई है.

नाबालिग के अपहरण और दुष्कर्म मामले में पति-पत्नी को आजीवन कारावास

डूंगरपुर. नाबालिग का अपहरण कर दुष्कर्म के करीब डेढ़ साल पुराने मामले में पॉक्सो कोर्ट ने आरोपी पति-पत्नी को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है. साथ ही दोनों पर 15-15 हजार रुपए का जुर्माना भी लगाया है. विशिष्ट लोक अभियोजक भारत भूषण पंड्या ने बताया कि मामले में आरोपी कांति हरिजन और उसकी पत्नी सरोज हरिजन निवासी पुनाली थाना दोवड़ा को लैंगिग अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम और भारतीय दंड संहिता की विभिन्न धाराओं के तहत दोषी मानते हुए सजा सुनाई है.

नाबालिग के अपहरण और दुष्कर्म मामले में पति-पत्नी को आजीवन कारावास

विशिष्ट लोक अभियोजक ने बताया कि 1 सितंबर 2017 को नाबालिग के पिता ने दोवड़ा थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई थी. जिसमें बताया कि 15 अगस्त 2017 को आरोपी सरोज उसकी नाबालिग बेटी को दशा माता की सीडी बनाने के लिए डूंगरपुर चलने का कहकर साथ ले गई. इस दौरान रास्ते में उतर गई. जहां उसका पति आरोपी कांति भी आ गया और फिर अंधेरी माता मंदिर के दर्शन का कहकर उसे गुजरात के लुनावाड़ा ले गए. इसके बाद वलसाड ले जाकर उसे डरा धमकाकर दुष्कर्म किया. रिपोर्ट पर पुलिस ने मामले में तफ्तीश करते हुए नाबालिग को दस्तयाब किया. इस मामले में कोर्ट ने आरोपी पति-पत्नी को दोषी मानते हुए सजा सुनाई है.

Intro:डूंगरपुर। डेढ़ साल पहले एक नाबालिग का अपहरण कर दुष्कर्म के मामले में आरोपी को कोर्ट ने पति-पत्नी को दोषी करार देते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। वही मामले में दोनों पर 15-15 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया है।


Body:विशिष्ट न्यायालय पोस्को के पीठासीन अधिकारी न्यायाधीश महेंद्र कुमार सिंहल ने मामले में सुनवाई पूरी करते हुए मंगलवार को फैसला सुनाया है। विशिष्ट लोक अभियोजक भारतभूषण पंड्या ने बताया कि मामले में आरोपी कांति पुत्र नाथू हरिजन ओर उसकी पत्नी सरोज हरिजन निवासी पुनाली थाना दोवड़ा को लैंगिग अपराधों से बालको का संरक्षण अधिनियम ओर भादसं की विभिन्न धाराओं के तहत दोषी मानते हुए दोनों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई है। साथ ही मामले में 15-15 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया गया है।

- यह था मामला
एक सितंबर 2017 को नाबालिग उम्र 17 वर्ष के पिता ने दोवड़ा थाने में रिपोर्ट दर्ज करवाई। इसमे बताया की 15 अगस्त 2017 को आरोपी सरोज उसकी नाबालिग बेटी को दशा माता की सीडी बनाने के लिए डूंगरपुर चलने का कहकर साथ ले गई। रास्ते मे तीजवड के पास उतर गए उस दौरान सरोज का पति आरोपी कांति वहां आ गया और फिर अंधेरी माता मंदिर के दर्शन करने का कहकर उसे गुजरात के लुनावाड़ा ले गए। इसके बाद महाराष्ट्र के वलसाड में ले जाकर एक झोपड़े में रखा। कांति ओर सरोज के कोई औलाद नहीं होने के कारण कांति उसे डरा धमकाकर दुष्कर्म किया। नाबालिग के पिता की रिपोर्ट पर पुलिस ने मामले में तफ्तीश करते हुए नाबालिग बेटी को दस्तयाब किया। कोर्ट ने इसी मामले में आरोपी पति-पत्नी को दोषी मानते हुए सजा सुनाई है।

बाईट- भारतभूषण पंड्या, विशिष्ट लोक अभियोजक डूंगरपुर।


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