Dolphin in Chambal River: चंबल नदी में दिखी गंगेटिक डॉल्फिन, धूप सेंकते दिखे घड़ियाल-मगरमच्छ
Updated on: Jan 22, 2023, 5:41 PM IST

Dolphin in Chambal River: चंबल नदी में दिखी गंगेटिक डॉल्फिन, धूप सेंकते दिखे घड़ियाल-मगरमच्छ
Updated on: Jan 22, 2023, 5:41 PM IST
चंबल नदी में बहुत दिनों बाद डॉल्फिन दिखाई (Gangetic dolphin in Chambal river) दी. नदी में कई जगह घड़ियाल और मगरमच्छ के झुंड भी देखे गए. पर्यटक चंबल नदी पर पहुंचकर ऐसे नजारों का जमकर लुत्फ उठा रहे हैं.
धौलपुर. चंबल नदी में लंबे अरसे बाद गंगेटिक दो डॉल्फिन एक बच्चे के साथ देखी (Gangetic dolphin in Chambal river) गई. धूप निकलने पर डॉल्फिन की छलांग चंबल नदी में अलग-अलग स्थानों पर देखी गई. साथ ही घड़ियाल और मगरमच्छ के झुंड भी टीले, टापू और किनारों पर धूप सेंकते नजर आए. वन्य जीव प्रेमी मुन्ना लाल निषाद ने बताया कि लंबे अरसे बाद रविवार को चंबल नदी में दो गंगेटिक डॉल्फिन और एक उनका बच्चा देखा गया.
लंबे अरसे बाद चंबल नदी में दिखी गंगेटिक डॉल्फिन: मुन्ना लाल निषाद ने बताया कि इससे पहले भी डॉल्फिन की संख्या करीब एक दर्जन के करीब हुआ करती थी, लेकिन चंबल नदी में बाढ़ आने के कारण उनका पलायन हो गया था. अब एक फिर डॉल्फिन की वापसी हो रही है. उन्होंने कहा, गंगेटिक डॉल्फिन मीठे पानी में निवास करती है. पानी के अंदर तैरने की रफ्तार इसकी बहुत तेज मानी जाती है. इस वजह से मगरमच्छ इनका शिकार नहीं पाता है. साथ ही डॉल्फिन का आकार विशालकाय होने के कारण मगरमच्छ शिकार करने से कतराते हैं. मुन्ना लाल निषाद के अनुसार, यूरोप और एशिया महाद्वीप से विदेशी पक्षी मेहमान भी चंबल नदी में मछलियों का शिकार करने पहुंच रहे हैं.
बार हेडेड गूस पक्षी पर्यटकों को कर रहे रोमांचित: चंबल नदी पर बार हेडेड गूस पक्षी मौजूदा वक्त में सबसे अधिक आकर्षण का केंद्र बने हुए हैं. ये पक्षी मध्य एशिया, यूरोप महाद्वीप और चाइना, मंगोलिया से जनवरी के महीने में चंबल नदी पर पहुंचते है. छोटी-छोटी मछलियों का शिकार करने के साथ बार हेडेड गूस नदी के किनारे चना की फसल, घास का भी सेवन करते है. वन्य जीव प्रेमी मुन्ना निषाद ने बताया बार हेडेड गूस के सिर के ऊपर दो काले कलर की लाइन होती है. उन्होंने बताया रुड्डी शेल्डक पक्षी भी चंबल के किनारे आकर्षण का केंद्र बने हुए है. स्थानीय भाषा में इसे चकवा-चकवी भी बोला जाता है.
उन्होंने बताया यह पक्षी चंबल में मौसम अनुकूल होने के कारण प्रजनन करने के लिए पहुंचते हैं. नर मादा दोनों साथ में विहार करते हैं. यह पक्षी अधिकांश तिब्बत और लद्दाख में पाया जाते है. मुन्ना लाल निषाद ने बताया दुर्लभ पक्षी ग्रेटर थिकनी की भी चंबल नदी पर चहल-पहल देखी जा रही है. इस पक्षी की पीली आंखें और पीली चोंच होती है. यह दुर्लभ पक्षी भारत देश में सिर्फ चंबल नदी पर ही मछलियों का शिकार करने पहुंचता है.
पढ़ें: चंबल व चंद्रलोई नदी बने क्रोकोडाइल पॉइंट, धूप सेंकते स्पॉट हो रहे मगरमच्छ
मुन्ना लाल निषाद ने बताया इंडियन स्कीमर पक्षी भी चंबल नदी पर मौजूदा वक्त में पर्यटकों को विशेष आकर्षित कर रहा है. भारतीय भाषा में इस पक्षी को पंछीड़ा भी बोला जाता है. इस पक्षी की कैंची नुमा चोंच होती है, जिसकी वजह से ये शिकार करने में माहिर होता है. पलक झपकते ही मछली को गहरे पानी से शिकार करने में इसे महारत हासिल है.
घड़ियाल-मगरमच्छ की दिखी अठखेलियां: चंबल नदी में घड़ियाल और मगरमच्छ की भारी संख्या मौजूद है. धूप निकलने पर इनका झुंड अपने परिवार समेत नदी के किनारे, टापू और टीलों पर धूप सेंकते हुए दिखाई देते हैं. कभी-कभी घड़ियाल और मगरमच्छ में तकरार तक की नौबत आ जाती है. मगरमच्छ घडियालों के छोटे बच्चों का शिकार करने से भी नहीं चूकते है. माना जाता है कि इस वजह से घड़ियाल बच्चों को सुरक्षित रखने के लिए मगरमच्छ से उचित दूरी भी रखते हैं.
