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बजरी से भरे ट्रक के अधिग्रहण की कार्रवाई नहीं, डीजे कोर्ट ने जताई भ्रष्टाचार की आशंका

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Published : Feb 13, 2020, 11:53 PM IST

धौलपुर में चम्बल से अवैध बजरी से भरे ट्रक का मामले पर अधिगृहण की कार्रवाई नहीं हुई. वहीं डीजे कोर्ट ने भ्रष्टाचार की आशंका पर एसीबी डीजी,मुख्य सचिव और वन विभाग के प्रधान मुख्य वन्य जीव प्रतिपालक को पत्र लिखकर कार्रवाई से अवगत कराने के आदेश दिए हैं.

धौलपुर कोर्ट कार्रवाई,  Dholpur news
अवैध बजरी मामले पर नहीं कि अधिगृहण कार्रवाई

धौलपुर. जिले के वन विभाग और मनिया थाना पुलिस की ओर से जब्त किए गए चम्बल से भरे बजरी के ट्रक को अधिगृहण की कार्रवाई नहीं हुई. जिसके चलते जिला एवं सेशन न्यायालय के न्यायाधीश चन्द्रप्रकाश श्रीमाली ने जब्त ट्रक को पांच लाख की सुपुर्दगी जमानत पर छोड़ दिया. लेकिन भ्रष्टाचार की आशंका में एसीबी डीजी,मुख्य सचिव और वन विभाग के प्रधान मुख्य वन्य जीव प्रतिपालक को पत्र लिखकर कार्रवाई से अवगत कराने के आदेश दिए हैं.

अवैध बजरी मामले पर नहीं कि अधिगृहण कार्रवाई

फोरेस्ट एक्ट के तहत अधिकार नहीं

जिला एवं सेशन न्यायालय के लोक अभियोजक सुजीत लहचौरिया ने बताया कि 14 नवम्बर 2019 को वन विभाग के वनपाल विवेक सिंह और मनिया पुलिस ने कार्रवाई करते हुए अवैध रूप से चम्बल बजरी से भरे ट्रक को जब्त किया था. इसके बाद ट्रक मालिक जगदीश प्रसाद शर्मा ने न्यायालय जेएम नम्बर दो में ट्रक की सुपुर्दगी देने के लिए प्रार्थना-पत्र पेश किया. कोर्ट ने यह कहते हुए प्रार्थना-पत्र खारिज कर दिया कि 41-42 फोरेस्ट एक्ट के तहत उनके पास अधिकार नहीं है.

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नहीं कि अधिगृहण कार्रवाई

इस पर परिवादी ने अधिवक्ता महेन्द्र सिंह गुर्जर के डीजे कोर्ट में निगरानी पेश की. इस दौरान कार्रवाई चलने के दौरान ही मनिया थाना पुलिस ने चालान पेश कर दिया. लेकिन इसमें 52 सी अधिगृहण की कार्रवाई का ना तो उल्लेख था और ना ही क्षेत्रीय वन अधिकारी, संरक्षण व वन्य जीव को प्रस्ताव भेजने का उल्लेख था. इस पर न्यायालय ने मनिया थाना पुलिस,वन विभाग और चम्बल घडिय़ाल अभयारण्य के डीएफओ से अधिगृहण के सम्बंध में रिपोर्ट तलब की तो सभी ने अधिगृहण की कार्रवाई से इनकार कर दिया. 6 जनवरी को हुई सुनवाई के दौरान प्राधिकृत अधिकारी व सहायक वन संरक्षक की ओर से पत्र भेजा गया, जिसमें यह उल्लेख था कि मनिया की ओर से अधिगृहण की कार्रवाई को कोई प्रकरण नहीं आया है.

सूचना भेजकर यह जानकारी दी

वहीं सहायक वन संरक्षक वन्य जीव से वस्तुस्थिति की रिपोर्ट मंगवाई गई है,जिसे आने पर प्रस्तुत कर दिया जाएगा. वहीं मनिया थाने ने सहायक वन संरक्षक धौलपुर को 7 जनवरी 2020 को प्रस्ताव भेजने का पत्र 10 जनवरी को न्यायालय में पेश कर दिया. लेकिन न्यायालय ने इस पत्र को मात्र कार्रवाई से बचने के लिए फौरी तौर पर माना. वहीं न्यायालय जेएम नम्बर दो ने भी सूचना भेजकर यह जानकारी दी कि 10 जनवरी तक अधिगृहण की कोई सूचना न्यायालय को नहीं दी गई है.

वगत कराने के निर्देश दिए

इस पर डीजे ने जब्त ट्रक को पांच लाख की सुपुर्दगी जमानत पर छोडऩे के आदेश दिए. साथ ही प्रकरण को लेकर भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो के महानिदेशक, डीजीपी, मुख्य सचिव, प्रधान मुख्य वन्य जीव प्रतिपालक, जिला कलेक्टर और पुलिस अधीक्षक को आवश्यक कार्रवाई कर मामले से अवगत कराने के निर्देश दिए. लोक अभियोजक सुजीत लहचौरिया ने बताया कि पुलिस थाने को जब्त ट्रक के 24 घण्टे के भीतर प्राधिकृत अधिकारी तथा सम्बंधित कोर्ट में अधिगृहण करने के प्रस्ताव की सूचना देनी होती है, लेकिन मनिया थाना पुलिस ने न तो प्रस्ताव भेजा और ना ही सूचना दी.वहीं परिवादी के अधिवक्ता महेन्द्र सिंह गुर्जर ने दो लाख रुपए में ट्रक को छुड़वाने को लेकर न्यायालय ने गंभीरता से लिया और भ्रष्टाचार की आशंका को देखते हुए ही मामले की जांच के लिए विभागीय अधिकारियों को पत्र भेजा है.

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