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रास्ते की मांग को लेकर भूख हड़ताल पर बैठे ग्रामीण, विधायक और प्रशासनिक अधिकारियों पर लगाए गंभीर आरोप

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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Jan 14, 2024, 5:11 PM IST

Updated : Jan 14, 2024, 5:43 PM IST

दौसा के सिकराय के सड़क की मांग को लेकर ग्रामीण उपखंड कार्यालय के बाहर भूख हड़ताल पर बैठे हैं. उनका कहना है कि जब तक हमारी मांग पूरी नहीं होगी, धरना समाप्त नहीं करेंगे.

Villagers sitting on hunger strike
दौसा में सड़क की मांग
रास्ते की मांग को लेकर भूख हड़ताल पर बैठे ग्रामीण

दौसा. जिले के सिकराय में उपखंड कार्यालय के बाहर एक परिवार पिछले 2 दिनों से भूख हड़ताल पर बैठा है. धरने पर बैठे ग्रामीणों का कहना है कि सिकराय की जींद की ढाणी में करीब 200 लोगों का परिवार निवास करता है, लेकिन निकलने के लिए रास्ता नहीं है. इस कारण करीब चार महीने से बच्चे स्कूल नहीं जा पा रहे हैं. अस्पताल जाने के लिए भी समस्या का सामना करना पड़ता है. वहीं, सिकराय एसडीएम नवीन कुमार का कहना है कि धरने पर बैठे ग्रामीणों से समझाइश कर धरना समाप्त करने के प्रयास किए जा रहे हैं.

दरअसल, दौसा जिले के सिकराय उपखंड के जोध्या गांव में स्थित जींद की ढाणी में रहने वाले लोगों के लिए रास्ता नहीं है. ऐसे में ग्रामीणों ने रास्ता निकालने के लिए एसडीएम न्यायालय में रास्ता निकालने की मांग की थी. कई वर्षों तक मामला न्यायालय में विचाराधीन था. एक माह पहले एसडीएम कोर्ट ने रास्ता स्वीकृत किया था, जिसकी डीएलसी दर के हिसाब से ग्रामीणों ने राशि भी जमा करवा दी थी. साथ ही तहसील कार्यालय से नामांतरण खोलकर रास्ते को राजस्व रिकॉर्ड में भी दर्ज कर लिया. इस दौरान कोर्ट ने एक महीने पूर्व राजस्व और पुलिस अधिकारियों को रास्ता शुरू करवाने के निर्देश दिए थे.

पढ़ें. सिकराय में पहले ग्रामीणों का धरना, फिर टावर पर चढ़ा युवक, ये है मांग

तीन बार आदेश निकलने के बाद भी नहीं हुई कार्रवाई : धरने पर बैठे ग्रामीणों का कहना है कि एसडीएम कोर्ट की ओर से राजस्व और पुलिस अधिकारियों को रास्ता खुलवाने के लिए सबसे पहले 29 दिसंबर को रास्ता चालू करवाने के लिए निर्देश दिए थे. इसके बाद 4 जनवरी को आदेश जारी हुआ, लेकिन तब रास्ता नहीं निकाला गया था. वहीं, 11 जनवरी को फिर से आदेश जारी हुए. इस दौरान ढाणी में रहने वाले लोगों ने अपने निजी खर्चे पर जेसीबी सहित अन्य संसाधन जुटा लिए, लेकिन तब भी रास्ता नहीं खुलवाया गया.

टावर पर चढ़ा गया था युवक : अपनी मांगों को लेकर शुक्रवार को एक युवक टावर पर चढ़ गया था. टावर पर चढ़े युवक ने मांग नहीं मानने पर आत्मदाह की चेतावनी भी दी थी. ऐसे में मौके पर पहुंचे प्रशासनिक अधिकारियों ने युवक से समझाइश कर उसे दो घंटे बाद टावर से नीचे उतारा और मांग पूरी करने का आश्वासन दिया.

पढ़ें. चूरू में मोबाइल टावर पर चढ़ा युवक, लोगों की लगी भीड़, ये है मांग

कोर्ट आदेशों की अवहेलना और विधायक पर लगाए आरोप : दो दिन से भूख हड़ताल पर बैठे रिंकू मीणा का कहना है कि पिछले तीन सालों से रास्ते को लेकर कोर्ट के चक्कर काट रहे थे. कोर्ट ने एक महीने पहले ही रास्ता निकालने के आदेश दिया था, लेकिन तीन बार आदेश आने के बाद भी रास्ता नहीं निकाला गया. साथ ही उन्होंने सिकराय में मौजूदा विधायक विक्रम बंशीवाल पर भी प्रशासनिक अधिकारियों पर रास्ता नहीं निकालने का दवाब डालने के आरोप लगाए हैं.

धरने में मौजूद महिला उर्मिला मीणा ने कहा कि रास्ता नहीं होने के कारण वाहन भी ढाणी में नहीं पहुंच पाते हैं. पिछले कई महीनों से बच्चे भी स्कूल नहीं जा पा रहे हैं. धरना दे रहीं महिलाओं ने प्रशासनिक अधिकारियों पर जबरदस्ती धरना समाप्त करने के आरोप लगाए हैं. ऐसे में उन्होंने कहा कि जब तक हमारी मांग पूरी नहीं होगी, धरना समाप्त नहीं करेंगे.

रास्ते की मांग को लेकर भूख हड़ताल पर बैठे ग्रामीण

दौसा. जिले के सिकराय में उपखंड कार्यालय के बाहर एक परिवार पिछले 2 दिनों से भूख हड़ताल पर बैठा है. धरने पर बैठे ग्रामीणों का कहना है कि सिकराय की जींद की ढाणी में करीब 200 लोगों का परिवार निवास करता है, लेकिन निकलने के लिए रास्ता नहीं है. इस कारण करीब चार महीने से बच्चे स्कूल नहीं जा पा रहे हैं. अस्पताल जाने के लिए भी समस्या का सामना करना पड़ता है. वहीं, सिकराय एसडीएम नवीन कुमार का कहना है कि धरने पर बैठे ग्रामीणों से समझाइश कर धरना समाप्त करने के प्रयास किए जा रहे हैं.

दरअसल, दौसा जिले के सिकराय उपखंड के जोध्या गांव में स्थित जींद की ढाणी में रहने वाले लोगों के लिए रास्ता नहीं है. ऐसे में ग्रामीणों ने रास्ता निकालने के लिए एसडीएम न्यायालय में रास्ता निकालने की मांग की थी. कई वर्षों तक मामला न्यायालय में विचाराधीन था. एक माह पहले एसडीएम कोर्ट ने रास्ता स्वीकृत किया था, जिसकी डीएलसी दर के हिसाब से ग्रामीणों ने राशि भी जमा करवा दी थी. साथ ही तहसील कार्यालय से नामांतरण खोलकर रास्ते को राजस्व रिकॉर्ड में भी दर्ज कर लिया. इस दौरान कोर्ट ने एक महीने पूर्व राजस्व और पुलिस अधिकारियों को रास्ता शुरू करवाने के निर्देश दिए थे.

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तीन बार आदेश निकलने के बाद भी नहीं हुई कार्रवाई : धरने पर बैठे ग्रामीणों का कहना है कि एसडीएम कोर्ट की ओर से राजस्व और पुलिस अधिकारियों को रास्ता खुलवाने के लिए सबसे पहले 29 दिसंबर को रास्ता चालू करवाने के लिए निर्देश दिए थे. इसके बाद 4 जनवरी को आदेश जारी हुआ, लेकिन तब रास्ता नहीं निकाला गया था. वहीं, 11 जनवरी को फिर से आदेश जारी हुए. इस दौरान ढाणी में रहने वाले लोगों ने अपने निजी खर्चे पर जेसीबी सहित अन्य संसाधन जुटा लिए, लेकिन तब भी रास्ता नहीं खुलवाया गया.

टावर पर चढ़ा गया था युवक : अपनी मांगों को लेकर शुक्रवार को एक युवक टावर पर चढ़ गया था. टावर पर चढ़े युवक ने मांग नहीं मानने पर आत्मदाह की चेतावनी भी दी थी. ऐसे में मौके पर पहुंचे प्रशासनिक अधिकारियों ने युवक से समझाइश कर उसे दो घंटे बाद टावर से नीचे उतारा और मांग पूरी करने का आश्वासन दिया.

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कोर्ट आदेशों की अवहेलना और विधायक पर लगाए आरोप : दो दिन से भूख हड़ताल पर बैठे रिंकू मीणा का कहना है कि पिछले तीन सालों से रास्ते को लेकर कोर्ट के चक्कर काट रहे थे. कोर्ट ने एक महीने पहले ही रास्ता निकालने के आदेश दिया था, लेकिन तीन बार आदेश आने के बाद भी रास्ता नहीं निकाला गया. साथ ही उन्होंने सिकराय में मौजूदा विधायक विक्रम बंशीवाल पर भी प्रशासनिक अधिकारियों पर रास्ता नहीं निकालने का दवाब डालने के आरोप लगाए हैं.

धरने में मौजूद महिला उर्मिला मीणा ने कहा कि रास्ता नहीं होने के कारण वाहन भी ढाणी में नहीं पहुंच पाते हैं. पिछले कई महीनों से बच्चे भी स्कूल नहीं जा पा रहे हैं. धरना दे रहीं महिलाओं ने प्रशासनिक अधिकारियों पर जबरदस्ती धरना समाप्त करने के आरोप लगाए हैं. ऐसे में उन्होंने कहा कि जब तक हमारी मांग पूरी नहीं होगी, धरना समाप्त नहीं करेंगे.

Last Updated : Jan 14, 2024, 5:43 PM IST
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