चित्तौड़गढ़. रात में चित्तौड़गढ़ आने वाले लोगों को ऐतिहासिक चित्तौड़गढ़ दुर्ग रंग बिरंगी रोशनी में डूबा नजर आएगा. यह संभव होने जा रहा नगर विकास न्यास के फसाड लाइट प्रोजेक्ट के जरिए और इस काम को शुरू करने की पुरातत्व विभाग ने मंजूरी दे दी है. साथ ही प्रोजेक्ट पर शीघ्र ही काम शुरू होने की उम्मीद है. नगर विकास न्यास दीपावली तक प्रोजेक्ट का काम पूरा करवाने के प्रयास में है.
पाडन पोल से पद्मिनी पैलेस तक जगमग होगी दीवारें - नगर विकास न्यास के प्रस्ताव के अनुसार विश्व प्रसिद्ध ऐतिहासिक चित्तौड़गढ़ दुर्ग 16 किलोमीटर परिधि क्षेत्र में फैला है. इनमें से किले की 4 किलोमीटर की दीवार आकर्षक रोशनी से जगमगा उठेगी. पाडन पोल, रामपोल से लेकर दुर्ग के सभी प्रमुख पोल होते हुए पद्मीनी पैलेस तक फसाड लाइटिंग होगी. इसके अलावा व्यू प्वाइंट, कुंभा पैलेस, मीरा मंदिर, विजय स्तंभ, सिद्धेश्वर महादेव मंदिर के साथ-साथ गोमुख के नीचे और ऊपर वाली वाल का व्यू फुल लाइटिंग के दायरे में होगा.
आम दिनों में वार्म व्हाइट - नगर विकास न्यास के सचिव हिम्मत सिंह बारहट ने बताया कि फसाड लाइट हजारों कलर का कॉन्बिनेशन होता है. संबंधित एजेंसी पुरातत्व विभाग के दिशा निर्देशानुसार वर्किंग एजेंसी रंग बदल सकेगी. फसाड लाइट पूरी तरह से मॉडर्न टेक्नोलॉजी के साथ मरकरी फ्री एलईडी आधारित होती है. इसका आंखों पर भी कोई साइड इफेक्ट नहीं होता और जब चाहे इसके रंग बदले जा सकते हैं.
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उन्होंने बताया कि आम दिनों में ऐतिहासिक चित्तौड़गढ़ दुर्ग का कलर रात्रि में वार्म व्हाइट रहेगा जबकि नेशनल हॉलिडे अर्थात गणतंत्र दिवस, स्वतंत्र दिवस, गांधी जयंती आदि पर तिरंगे के साथ होली, दीपावली सहित अन्य प्रमुख पर्व पर पर्व के संदेश के अनुसार कलर में नजर आएगा.
मुख्य उद्देश्य पर्यटकों का ठहराव - नगर विकास न्यास के सचिव बारहट के अनुसार हमारा मुख्य मकसद चित्तौड़गढ़ आने वाले देश-विदेश के पर्यटकों का शहर में ठहराव सुनिश्चित करना है ताकि शहर का इकोनामिक मूवमेंट और भी मजबूत हो. इसके लिए प्रमुख मार्गों को हाइलाइट किया जाएगा, अभी तक महज कुछ घंटों में पर्यटक दुर्ग भ्रमण के बाद उदयपुर निकल जाता है.
उनका ठहराव सुनिश्चित करने के लिए जिला कलेक्टर अरविंद कुमार पोसवाल के निर्देशानुसार 8 करोड़ का प्रोजेक्ट बनाकर स्वीकृति के लिए केंद्र सरकार को भेजा था. हालांकि केंद्र सरकार द्वारा मंजूरी दे दी गई, लेकिन संबंधित कार्यकारी एजेंसी के पास पुरातत्व विभाग द्वारा जारी अनापत्ति प्रमाण पत्र नहीं था ऐसे में वर्किंग एजेंसी काम शुरू नहीं कर पाई. पुरातत्व विभाग ने 2 दिन पहले निर्माण कार्य शुरू करने की सशर्त मंजूरी प्रदान कर दी. हमारा प्रयास है कि अगले 4 महीने में वर्किंग एजेंसी यह काम पूरा कर दे.