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बूंदी में मेडिकल कॉलेज के लिए राज्य सरकार की टीम ने देखी भूमि, चयन पर मंथन जारी

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Published : Sep 29, 2019, 8:36 PM IST

बूंदी में मेडिकल कॉलेज को लेकर जगह का निर्धारण करने के लिए राज्य सरकार की ओर से टीम बूंदी पहुंची. टीम ने प्रशासन के साथ मिलकर बूंदी शहर के आसपास स्थित 3 चयनित भूमि देखने के बाद रिपोर्ट राज्य सरकार को सौंप दी है.

बूंदी मेडिकल कॉलेज न्यूज, Bundi Medical College News

बूंदी. जिले का मेडिकल कॉलेज के जगह का निर्धारण जल्द ही तय हो जाएगा. जमीन को लेकर चयन पर उठे सवाल के बाद राज्य सरकार की ओर से टीम बूंदी पहुंची, जहां पर उन्होंने संभावित भूमि को देखा. इस दौरान प्रशासन के अधिकारी भी उनके साथ मौजूद रहे. बता दें कि टीम ने बूंदी जिले के सिलोर गांव और बाद में तय की गई तालाब गांव के अलावा कोटा-चित्तौड़ हाईवे पर हट्टीपुरा पंचायत के पास दौलतपुरा गांव में पॉलिटेक्निक कॉलेज के सामने करीब 150 बीघा जमीन को देखा.

मेडिकल कॉलेज के लिए राज्य सरकार की टीम ने देखी भूमि

उल्लेखनीय है कि पहले आई टीम ने सिलोर गांव के पास 55 बीघा जमीन को मेडिकल कॉलेज के लिए उपयुक्त बताया था. लेकिन बाद में तालाब गांव के पास जमीन का प्रस्ताव बनाकर जिला प्रशासन ने भिजवा दिया. इसको लेकर बूंदी में मेडिकल कॉलेज की मांग को लेकर वहां के लोग प्रदर्शन करने लगे थे. वहीं, टीम में विशिष्ट शासन सचिव मेडिकल वीरेंद्र सिंह, एसएमएस कॉलेज के वरिष्ठ प्रोफेसर डॉ महलोत्रा शामिल थे. बता दें कि टीम ने सर्किट हाउस में एक घंटे तक चर्चा की और टीम चुनी जमीन की रिपोर्ट सरकार को देगी.

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यह है पूरा मामला

बूंदी में राज्य सरकार की ओर से हाल में ही मेडिकल कॉलेज खोलने की स्वीकृति जारी होने के बाद जिले में मेडिकल कॉलेज के लिए प्रशासन ने भूमि देखी थी. ऐसे में प्रशासन को भूमि के आदेश राज्य सरकार को भिजवाने थे, लेकिन आखिरकार मेडिकल कॉलेज कहां खुले इसको लेकर संशय बना हुआ था. मेडिकल कॉलेज बूंदी में खुलेगा या कहीं और इसको लेकर गतिरोध होना शुरू हो गया था.

बता दें कि जिला कलेक्टर ने दौरा कर खेल मंत्री के विधानसभा क्षेत्र हिंडोली के पास स्थित तालाब गांव में भूमि को आवंटित कर दिया था. यहां पर 63 बीघा भूमि को आवंटित करने के बाद बूंदी वासियों ने हिंडोली में मेडिकल कॉलेज चले जाने का विरोध करना शुरू कर दिया और सड़कों पर उतर आए. यहां पर विभिन्न सामाजिक संगठनों की ओर से मेडिकल कॉलेज का हिंडोली में ले जाने का विरोध किया तो हिंडोली में लोगों ने मंत्री की सराहना की.

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वहीं, राज्य सरकार ने पूरे गतिरोध को समाप्त करने की कोशिश की और राज्य सरकार ने चिकित्सा विभाग की एक टीम को तैयार किया.. बता दें कि वही चिकित्सा विभाग की टीम ने भूमि देखी. गौरतलब है कि राज्य सरकार ने हाल ही में ही राजस्थान में 7 मेडिकल कॉलेज खोले जाने की घोषणा की थी जिसमें बूंदी का नाम भी शामिल था.

बूंदी शहर की पैराफेरी में ही मेडिकल कॉलेज खोलने के लिए प्रयासरत पूर्व मंत्री हरिमोहन शर्मा ने सर्किट हाउस में मेडिकल टीम से मुलाकात की और मेडिकल कॉलेज के लिए अपना और लोगों की ओर से सुझाव दिया. उन्होंने तालाब गांव के पास मेडिकल कॉलेज को लेकर आने वाली दिक्कतों के बारे में टीम को बताया. शर्मा ने बताया कि टीम को लिखित में पत्र दिया गया है कि किन कारणों से कौन सी जमीन उपयुक्त है और कौन सी जमीन नहीं.

Intro:बूंदी में मेडिकल कॉलेज के लिए जगह का निर्धारण करने के लिए राज्य सरकार की ओर से टीम बूंदी पहुंची... जहां पर प्रशासन के साथ मिलकर टीम ने बूंदी शहर के आसपास स्थित तीन चयनित भूमि को देखा और रिपोर्ट राज्य सरकार को सौंप दी है । अब जल्द ही राज्य सरकार ओर टीम ने भूमि मंथन शुरू कर दिया है और जल्द ही भूमि को लेकर सभी अटकले खत्म हो जाएगी ।


Body:बूंदी का मेडिकल कॉलेज सिलोर गांव में रहेगा या तालाब गांव में जाएगा या हट्टीपूरा गावँ में ले जाया जाएगा । यह जल्दी ही तय हो जाएगा । जमीन को लेकर चयन पर उठे सवाल के बाद राज्य सरकार की ओर से टीम बूंदी पहुंची । जहां पर उन्होंने संभावित भूमि को देखा । इस दौरान प्रशासन के अधिकारी भी उनके साथ मौजूद रहे । टीम ने बूंदी जिले के सिलोर गांव एवं बाद में तय की गई तलाव गांव के अलावा कोटा चित्तौड़ हाईवे पर हट्टीपुरा पंचायत के पास दौलतपुरा गांव में पॉलिटेक्निक कॉलेज के सामने करीब 150 बीघा जमीन को देखा । टीम में विशिष्ट शासन सचिव मेडिकल वीरेंद्र सिंह , एस एम एस कॉलेज के वरिष्ठ प्रोफेसर डॉ महलोत्रा शामिल थे। कलेक्टर ,एसडीएम, तहसीलदार ,पटवारी टीम के साथ मौजूद थे । टीम ने सर्किट हाउस में एक घंटे तक चर्चा की । टीम चुनी जमीन की रिपोर्ट सरकार को देगी । उल्लेखनीय है कि पहले आई टीम ने सिलोर गांव के पास 55 बीघा जमीन को मेडिकल कॉलेज के लिए उपयुक्त बताया था। पर बाद में तालाब गांव के पास जमीन के प्रस्ताव बनाकर जिला प्रशासन ने भिजवा दिए गए इसको लेकर बूंदी में काफी सियासी जंग में हुई और मेडिकल कॉलेज की मांग को लेकर प्रदर्शन करने लगे ।

यह है पूरा मामला

बूंदी में राज्य सरकार द्वारा हाल ही में ही मेडिकल कॉलेज खोलने की स्वीकृति जारी होने के बाद बूंदी में मेडिकल कॉलेज के लिए प्रशासन ने भूमि देखी थी। ऐसे में प्रशासन को भूमि के आदेश राज्य सरकार को भिजवाने थे लेकिन आखिरकार मेडिकल कॉलेज कहां खुले इसको लेकर संशय बना हुआ था । मेडिकल कॉलेज बूंदी में खुलेगा या कहीं और इसको लेकर में गतिरोध होना शुरू हो गया था यहां पर एक और खेल मंत्री अशोक चांदना का गढ़ हिंडोली था तो दूसरी ओर पूर्व वित्त मंत्री हरिमोहन शर्मा का गढ़ बूंदी में संघर्ष साफ तौर से देखा जा रहा था। ऐसे में जिला कलेक्टर ने दौरा कर खेल मंत्री के विधानसभा क्षेत्र हिंडोली के पास स्थित तालाब गांव में भूमि को आवंटित कर दिया था । यहां पर 63 बीघा भूमि को आवंटित करने के बाद बूंदी में सियासी जंग शुरू हुई और बूंदी वासियों ने हिंडोली में मेडिकल कॉलेज चले जाने का विरोध करना शुरू कर दिया और सड़कों पर उतर आए। यहां पर विभिन्न सामाजिक संगठनों द्वारा मेडिकल कॉलेज का हिंडोली में ले जाने का विरोध किया तो हिंडोली में लोगों ने मंत्री की वाही वाही की। फिर राज्य सरकार ने पूरे गतिरोध को समाप्त करने की कोशिश की ओर राज्य सरकार ने चिकित्सा विभाग की एक टीम को तैयार किया ओर टीम ने भूमि देखी । आपको बता दें कि राज्य सरकार ने हाल ही में ही राजस्थान में 7 मेडिकल कॉलेज खोले जाने की घोषणा की थी जिसमें बूंदी का नाम भी शामिल था ।


Conclusion:बूंदी शहर की पैराफेरी में ही मेडिकल कॉलेज खोलने के लिए प्रयासरत पूर्व मंत्री हरिमोहन शर्मा ने सर्किट हाउस में मेडिकल टीम से मुलाकात की और मेडिकल कॉलेज के लिए अपना और लोगों की ओर से सुझाव दिया । उन्होंने तालाब गांव के पास मेडिकल कॉलेज को लेकर आने वाली दिक्कतों के बारे में टीम को बताया । शर्मा ने बताया कि टीम को लिखित में पत्र दिया गया है कि किन कारणों से कौन सी जमीन उपयुक्त है और अनयुक्त है। उन्होंने कहा कि तालाब गांव के पास जो भूमि है वह किसी बडी पार्टी ने लाइम स्टोन खनन के लाइसेंस के लिए लगा रखी है ।तालाब गावँ इंडस्ट्री एरिया प्रस्तावित है । टीम ने गंभीरता से उनकी बात सुनी ओर सुझाव को माना ।

बाईट - हरिमोहन शर्मा , पूर्व वित्त राज्यमंत्री
बाईट - रुक्मणी रियार , जिला क्लेक्टर ,बूंदी
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