बूंदी. सऊदी अरब में गैर कानूनी तरीके से बंधक बनाकर रखी गई मध्यप्रदेश के हरदा निवासी रीना गहलोद की 5 जनवरी को एक साल बाद भारत वापसी होगी. विदेशों में संकटग्रस्त भारतीयों की सहायता के लिए कार्य करने वाले राजस्थान के कांग्रेस नेता चर्मेश शर्मा रीना की भारत वापसी के लिए लगातार प्रयास कर रहे थे. शर्मा ने सऊदी भारतीय दूतावास से मिली अधिकृत सूचना के आधार पर बताया कि 5 जनवरी को सऊदी अरब की राजधानी रियाद से भारतीय नागरिक रीना गहलोद को स्वदेश मुंबई के लिए रवाना कर दिया जाएगा.
बंधक बनाकर काम करवाया जा रहा था
अच्छे पैसे कमाने की चाह में लोग विदेश जाते हैं लेकिन कई बार वे जालसाजी के जाल में फंस जाते हैं. ऐसा ही हुआ मध्य प्रदेश के हरदा जिले के निवासी रीना गहलोद के साथ. रीना अपने परिवार की आर्थिक स्थिति से परेशान होकर एक एंजेट के झांसे में फंसकर सऊदी अरब चली गई. वहां जाकर रीना को पता चला कि वह गुलामी के जाल में फंस चुकी हैं. मद्रास में रहने वाले एजेंट ने जो वेतन बताया था, उससे आधा वेतन भी नहीं दिया गया. साथ ही एक व्यक्ति के घर में उसे बंधक बनाकर काम करने के लिए रखा गया.
यह भी पढ़ें. Exclusive: गहलोत सरकार के दो साल पूरे होने पर बोले लाखन सिंह, कहा- सीएम ने जनता को दिए करोड़ों के सौगात
11 महीने तक रीना को घर से बाहर नहीं जाने दिया गया. यहां तक कि दोनों समय पूरा खाना भी नहीं दिया जाता था और बीमार होने पर भी इलाज नहीं करवाया गया. 17 नवंबर को बूंदी राजकीय चिकित्सालय के सेवानिवृत्त पीएमओ डॉक्टर मधुसूदन शर्मा और उनकी धर्मपत्नी डॉ. गायत्री शर्मा ने रीना गहलोद की पीड़ा कांग्रेस नेता चर्मेश शर्मा तक पहुंचाई और मानवता के आधार पर पीड़ित भारतीय नागरिक की मदद का आग्रह किया था. जिसके बाद नेता रीना की वापसी के लिए जुट गए.
विदेश मंत्रालय व दूतावास के माध्यम से निकला रास्ता
19 नवंबर को कांग्रेस नेता चर्मेश शर्मा ने विदेश मंत्रालय में रीना के बारे में संपर्क करते हुये ऑनलाइन शिकायत दर्ज करवाई. विदेश मंत्री एस जयशंकर के नाम पत्र मेल कर तत्काल भारत सरकार द्वारा उच्च स्तरीय प्रयास कर सऊदी अरब सरकार पर दबाव बनाकर जल्द ही उसकी सकुशल वापसी की मांग उठायी. 19 नवंबर को भारत सरकार द्वारा विदेश मंत्रालय में चर्मेश शर्मा की शिकायत पर रीना गहलोत के मामले में MEAPD/E/2020/05219 क्रमांक पर अधिकृत शिकायत दर्ज की और उसे सऊदी अरब भारतीय दूतावास को आवश्यक कार्यवाही के लिये भेज दिया गया. सऊदी दूतावास ने चर्मेश शर्मा से संपर्क किया और रीना गहलोद की सारी जानकारी मांगी. इसके बाद भी गहलोद के पासपोर्ट, वीजा, वर्क एग्रीमेंट की प्रति सऊदी अरब स्थित भारतीय दूतावास को भेजी गई. भारतीय दूतावास ने सऊदी अरब सरकार के समक्ष सारे मामले को सशक्त तरीके से रखा.
यह भी पढ़ें. Exclusive: गहलोत सरकार के दो साल पूरे होने पर क्या बोले ऊर्जा और जलदाय मंत्री बीडी कल्ला
कांग्रेस नेता चर्मेश शर्मा ने बताया कि सऊदी अरब में रीना के फोन में बैलेंस भी नहीं डलवाते थे. ऐसे में सोशल मीडिया के जरिए जैसे-तैसे बात हो सकी. वह फोन पर ही प्रतिदिन अपने बच्चों के पास आने के लिए बहुत रोती थी. पीड़िता को पहनने के लिए पर्याप्त कपड़े भी नहीं दिए जाते थे और बहुत ही दोयम दर्जे का व्यवहार किया जाता था.
षड्यंत्र कर बयान भी गलत लिखवाया
विदेश मंत्रालय में शिकायत के बाद रीना के कथित मालिक उसे सऊदी अरब के लेबर कार्यालय में लेकर गए और वहां पर मिलीभगत करके रीना का यह बयान लिख लिया कि उसे किसी तरह से परेशान नहीं किया जाता और बहुत अच्छे तरीके से रखा जा रहा है. दस्तावेज अरबी में लिखा हुआ था, इसलिये वह समझ नहीं पाई. रीना ने वह अरबी भाषा के दस्तावेज व्हाट्सएप पर चर्मेश शर्मा को भेजे. जिसके अनुवाद के बाद सऊदी अरब के अधिकारियों और रीना के कथित मालिक के इस षड्यंत्र का पता चल गया. इस बात से भारतीय दूतावास को अवगत करवाया गया. जिससे रीना गहलोद के सरकारी कार्यालय में फिर बयान दर्ज करवाया गया.
कई भारतीयों की वापसी करवा चुके हैं शर्मा
कांग्रेस नेता चर्मेश शर्मा अपने प्रयासों से विदेश में फंसे हुए कई भारतीय नागरिकों की स्वदेश वापसी करवा चुके हैं. एक साल पहले उन्होंने अभियान चलाकर इराक में बंधक बनाकर रखे गए 29 भारतीय मजदूरों को मुक्त करवाया था. पाकिस्तान की कराची जेल से जुगराज भील की भी सुरक्षित वापसी करवायी थी. इस साल लॉकडाउन में जब कुवैत में शाकाहारी भोजन न मिलने से जैन परिवार के दो सौ से अधिक लोगों के भूखे रहने का पता चला तो शर्मा उनकी मदद को भी आगे आए और विदेश मन्त्रालय से समन्वय कर उन्हें शाकाहारी भोजन उपलब्ध करवाया.