Rajasthan Assembly Election 2023: गजेंद्र सिंह शेखावत बोले-गहलोत सरकार ने बिना वैधानिक स्वीकृति के खर्च डाले 1850 करोड़ रुपए

Rajasthan Assembly Election 2023: गजेंद्र सिंह शेखावत बोले-गहलोत सरकार ने बिना वैधानिक स्वीकृति के खर्च डाले 1850 करोड़ रुपए
केंद्रीय जल शक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने चंबल रिवरफ्रंट पर गहलोत सरकार को घेरा है. उन्होंने कहा कि बिना वैधानिक स्वीकृति मिले सरकार ने 1850 करोड़ रुपए खर्च कर डाले.
भीलवाड़ा. केंद्रीय जल शक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने बुधवार को प्रदेश सरकार पर जमकर हमला बोला. उन्होंने कहा कि बेटे की हार का तप व तेज मुझे सहना पड़ रहा है. उन्होंने चंबल रिवरफ्रंट पर निशाना साधते हुए कहा कि बिना पर्यावरण स्वीकृति के चंबल रिवरफ्रंट बना दिया है.
शेखावत ने आसींद कस्बे के मुख्यालय पर भाजपा की परिवर्तन संकल्प यात्रा में शामिल होने के बाद आयोजित प्रेसवार्ता में कहा कि राजस्थान की जनता सरकार से परेशान है. जिसके कारण जनता सरकार को उखाड़ फेंकने का मानस बना चुकी है. वर्तमान सरकार से किसान, आमजन व युवा परेशान है. प्रदेश में बिजली के भारी संकट के चलते किसान परेशान है. उन्होंने कहा कि मुझे 10-11 दिन से यात्रा के मौके पर राजस्थान के कई जिलों में घूमने का अवसर मिला, सभी जगह बिजली नहीं होने के कारण से किसानों की फसल चौपट हो गई है. पटवारी व गिरदावर की हड़ताल के चलते गिरदावरी नहीं हो पा रही है.
भीलवाड़ा के गंगापुर में एक महिला भोजन करने के बाद घर से बाहर निकली, दरिंदे उसको उठाकर ले गए और गैंगरेप किया. पुलिस ने इस मामले में जले पर तेजाब छिड़कने काम किया क्योंकि कांग्रेस पार्टी की राजकुमारी उस दिन राजस्थान के दौरे पर थी. उस राजकुमार ने उत्तर प्रदेश में 'लड़की हूं, लड़ सकती हूं' का नारा दिया था, लेकिन राजकुमारी के सामने राजस्थान की हकीकत ना आ जाए, इसलिए मुख्यमंत्री के निर्देश पर घटना के तुरंत बाद पुलिस ने सत्य को दबाया. शाम होते-होते राजकुमारी प्रियंका गांधी वापस लौटी, तो पुलिस ने गैंगरेप के मामले को लेकर प्रेस कांफ्रेंस की. पुलिस मुख्यालय ने गैंगरेप को ही झूठा बताया.
क्या मुख्यमंत्री के बेटे की हार का बदला आपसे लिया जा रहा है? इस सवाल पर गजेंद्र सिंह ने कहा कि मुख्यमंत्री के पुत्र की हार का तप व तेज मुझे तो सहना ही था, साथ ही जोधपुर व मारवाड़ की जनता को सहना पड़ा. वहीं शेखावत ने चंबल रिवरफ्रंट को लेकर कहा कि राजस्थान के किसी नगर पालिका, शहर या किसी भी क्षेत्र में एक-दो कमरे का मकान बनाना होता है, तो नक्शा स्वीकृत करवाना पड़ता है. बिना पर्यावरण स्वीकृति कोई भी व्यक्ति छोटी भी खदान शुरू कर दे, तो उस पर कार्रवाई की जाती है.
शेखावत ने चंबल रिवरफ्रंट को लेकर सवाल खड़े करते हुए कहा कि मेरा प्रश्न यह है कि बिना किसी वैधानिक स्वीकृति के राजस्थान में सरकार ने 1850 करोड़ रुपए खर्च करके चंबल रिवरफ्रंट बनाया. वह भी ऐसी जगह जहां घड़ियाल सेंचुरी है. जबकि भारत सरकार का वन पर्यावरण मंत्रालय लगातार पिछले 8 माह से इस अवैधानिक व बिना अनुमति के काम को रोकने के लिए लिखित में चेतावनी दे रहा था. लेकिन दुर्भाग्य यह है कि सरकार अराजक हो गई और इसको किसी तरह के कानून का भय नहीं है.
