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RAJASTHAN SEAT SCAN: आसींद से बीजेपी मारेगी जीत का 'चौका' या पलटेगा पासा, हर दल को चाहिए गुर्जर-ब्राह्मण के गठजोड़ का साथ

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Published : Jun 25, 2023, 8:52 PM IST

Updated : Dec 1, 2023, 5:33 PM IST

RAJASTHAN SEAT SCAN,  Asind ASSEMBLY CONSTITUENCY
आसींद विधानसभा क्षेत्र .

राजस्थान में आगामी विधानसभा चुनाव की सुगबुगाहट शुरू (Asind ASSEMBLY CONSTITUENCY SEAT) हो चुकी है. भाजपा और कांग्रेस के नेताओं के दौरों के बीच हर दिन जुबानी हमले भी तेज होने लगे हैं. साथ ही राजनीतिक दल जमीनी स्तर पर जीत की रणनीति बनाने में जुट गए हैं. इस बीच आज हम आपको भीलवाड़ा जिले की आसींद विधानसभा क्षेत्र के राजनीतिक समीकरण को समझा रहे हैं. इस सीट पर जीत के लिए क्या है समीकरण और कौन हैं दावेदार जानिये इस खबर में.

आसींद विधानसभा क्षेत्र से यह बोले नेता.

भीलवाड़ा. राजस्थान विधानसभा चुनाव साल के अंत में होना है, इसके लिए बिसात बिछने लगी है. हर दिन गुजरने के साथ ही तेज हो रहे शब्द बाणों के बीच सियासी गलियारों में भी तपिश बढ़ने लगी है. राजस्थान में राजनीतिक दलों के बीच जारी जुबानी जंग और जमीनी स्तर पर तैयार की जा रही रणनीति के दरमियान आज हम आपको भीलवाड़ा जिले की आसींद विधानसभा क्षेत्र का लेखाजोखा बताएंगे.

भीलवाड़ा जिले की आसींद विधानसभा क्षेत्र भगवान श्री देवनारायण की जन्म स्थली है. इस सीट का सियासी मिजाज भाजपा और कांग्रेस दोनों के पक्ष में जाता रहा है. साथ ही निर्दलीयों को भी यहां से खाता खोलने का मौका मिलता रहा है. आसींद विधानसभा सीट पर अब तक 17 बार चुनाव हुए हैं. इनमें से 6-6 बार भाजपा और कांग्रेस को जीत मिली है. जबकि एक बार जेएनपी और चार बार निर्दलीय इस सीट पर कब्जा जमाने में सफल रहे हैं. हालांकि, पिछले तीन चुनाव से भाजपा का दबदबा इस सीट पर बना हुआ है. 2018 में हुए चुनाव में इस सीट से भाजपा के जब्बर सिंह सांखला को जीत हासिल हुई थी. उन्होंने कांग्रेस के हगामी लाल मेवाड़ा के पुत्र मनीष मेवाड़ा को हराया था.

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आसींद विधानसभा सीट पर मतदाताओं की स्थिति.

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सीट की पहचानः आसींद विधानसभा क्षेत्र धार्मिक दृष्टिकोण से देशभर मे अलग पहचान रखता है. यहां भगवान श्री देवनारायण की जन्म स्थली मालासेरी व अंतरराष्ट्रीय सवाई भोज मंदिर स्थित है. साथ ही आसींद विधानसभा क्षेत्र के गुलाबपुरा उपखंड में हिंदुस्तान जिंक लिमिटेड भी स्थित है.

पीएम मोदी कर चुके हैं शिरकतः राजस्थान में गुर्जर समाज को साधने के लिए 28 जनवरी को भगवान देवनारायण की 1111वें जन्मोत्सव पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी शिरकत की थी. उस दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भगवान श्री देवनारायण के दर्शन कर धर्मसभा को संबोधित किया था. मंच के जरिए पीएम मोदी ने गुर्जर समाज को साधने की कोशिश की थी.

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विधायक जब्बर सिंह सांखला व पूर्व विधायक रामलाल गुर्जर.

यह है जीत का फैक्टरः आसींद विधानसभा क्षेत्र में जीत किसको मिलेगी, इसे गुर्जर और ब्राह्मण मतदाता तय करते हैं. जिस तरफ इन दोनों झुकाव रहता है, जीत का सेहरा उसी के सिर बंधता है. इस सीट पर इसी फैक्टर को साधते हुए अब तक पार्टियों को जीत मिलती रही है.

पिछले चुनाव में यह रहा परिणामः वर्ष 2018 में हुए विधानसभा चुनाव के दौरान इस सीट से 10 प्रत्याशियों ने भाग्य आजमााया था. इसमें बीजेपी के जब्बर सिंह सांखला ने कांग्रेस के प्रत्याशी को हराया था. चुनाव में जब्बर सिंह सांखला को 70249 वोट मिले थे, जबकि कांग्रेस से हगामी लाल मेवाड़ा के पुत्र मनीष मेवाड़ा को 70095 वोट मिले थे. वहीं, बसपा से धन्ना लाल सालवी को 6092, आम आदमी पार्टी से जगदीश को 2001, आरएलपी से मनसुख सिंह गुर्जर को 42070 वोट मिले थे.

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पिछले चुनाव का परिणाम.

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राजनीति में रहा है इस सीट का प्रभावः आसींद की चर्चा राजनीतिक गलियारों में हमेशा से रही है. इस क्षेत्र से पंजाब के पूर्व राज्यपाल वी.पी. सिंह बदनोर व पूर्व में प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष रहे गिरधारी लाल व्यास ताल्लुक रखते थे. वर्तमान में पंजाब के पूर्व राज्यपाल वी पी सिंह बदनोर के बेटे अविजीत सिंह भी राजनीति की दहलीज पर कदम रख चुके हैं. वर्तमान में कांग्रेस में यहां वरिष्ठ राजनेता हगामी लाल मेवाड़ा का वर्चस्व है. वैसे तो प्रदेश के राजस्व मंत्री रामलाल जाट का जन्म भी आसींद विधानसभा क्षेत्र के प्रतापपुरा गांव में हुआ था, लेकिन वह चुनाव भीलवाड़ा जिले की मांडल विधानसभा क्षेत्र से लड़ते हैं.

आसींद पर यह है जातिगत समीकरणः आसींद विधानसभा सीट पर गुर्जर और ब्राह्मण मतदाता प्रभाव रखते हैं. आसींद में लगभग 55000 गुर्जर और 55000 ब्राह्मण मतदाता हैं. वहीं, 30000 जाट ,15000 मुसलमान, 10000 जैन,15000 रावत मतदाता हैं. इसके साथ ही 15000 योगी(नाथ) 40000 एसी, 20,000 एसटी के मतदाता हैं.

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पूर्व विधायक हगामी लाल मेवाड़ा व मनीष मेवाड़ा.

भाजपा से प्रमुख दावेदारः आसींद विधानसभा क्षेत्र से इस बार भाजपा से कई दावेदार हैं. इस सीट से वर्तमान विधायक जब्बर सिंह सांखला और तीन बार से भाजपा से विधायक रहे रामलाल गुर्जर मजबूत दावेदार हैं. वहीं, शक्ति सिंह कालियास, आसींद से पूर्व मंडल अध्यक्ष रहे ब्राह्मण समाज के नेता भगवती लाल शर्मा, तेजवीर सिंह चुंडावत भी दावेदार बताए जा रहे हैं. इसके साथ ही पंजाब के पूर्व राज्यपाल वीपी सिंह बदनोर के पुत्र अविजीत सिंह बदनोर, खारी का लांबा ग्राम पंचायत सरपंच दिव्यानी राठौड़, नगर पालिका के पूर्व अध्यक्ष एवं प्रदेश भाजपा कार्यसमिति के सदस्य धनराज गुर्जर सहित एक दर्जन से अधिक भाजपा से दावेदार हैं.

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कांग्रेस से यह हैं प्रमुख दावेदारः आसींद विधानसभा क्षेत्र से कांग्रेस के टिकट को लेकर प्रबल दावेदार पूर्व विधायक हगामी लाल मेवाड़ा व उनके बेटे मनीष मेवाड़ा हैं. सीधे तौर पर और किसी नेता का नाम टिकट के दावेदार के रूप में सामने नहीं है, हालांकि दबी जुबान से कई अन्य नेताओं के नामों को लेकर चर्चा बनी हुई है.

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पिछले चार चुनाव का परिणाम.

हगामी मेवाड़ा बोले, हमारी सरकार ने किए कई कामः आसींद विधानसभा क्षेत्र से पूर्व विधायक व 2018 के विधानसभा चुनाव में प्रत्याशी रहे मनीष मेवाड़ा के पिता हगामी लाल मेवाड़ा ने कहा कि आसींद विधानसभा क्षेत्र में हमारी सरकार ने कई बड़े काम किए हैं. सरकार की तरफ से जनता को काफी फायदे मिले हैं और विकास भी खूब हुआ है. ग्रामीण क्षेत्र में चंबल का पानी घर-घर पहुंच रहा है. उन्होंने कहा कि जनता को महंगाई राहत शिविर से काफी लाभ मिल रहा है.

वर्तमान विधायक बोले, ईमानदारी से किया है कामः आसींद से वर्तमान भाजपा विधायक जब्बर सिंह सांखला ने कहा कि मैंने ईमानदारी से विधानसभा क्षेत्र की जनता के लिए काम किया है. हमेशा कार्यकर्ता और जनता के बीच रहा हूं. उन्होंने कहा कि प्रदेश में हमारी सरकार नहीं थी, लेकिन लंबित कामों को पूरा करवाया है. विधायक ने अपनी उपलब्धियां गिनाने के साथ ही राज्य सरकार पर निशाना भी साधा. उन्होंने कहा कि सरकार मे केवल कुर्सी बचाने का खेल चल रहा है. आगामी चुनाव में अच्छी सड़क ,पानी व केन्द्र सरकार की जनकल्याणकारी योजनाओं के मुद्दे रहेंगे. उन्होंने पार्टी से कई दावेदारों को लेकर कहा कि भारतीय जनता पार्टी कैडर बेस पार्टी है, पार्टी जिसको टिकट देगी, उसके लिए हम सब एक हैं.

Last Updated :Dec 1, 2023, 5:33 PM IST
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