भीलवाड़ा. राजस्थान उच्च न्यायालय ने चचेरे भाई की हवस का शिकार होने पर गर्भवती हुई नाबालिग को गर्भपात करने की स्वीकृति प्रदान की है. जिसके लिए जिला कलेक्टर की देखरेख में भीलवाड़ा के महात्मा गांधी चिकित्सालय की मातृ शिशु इकाई में मेडिकल बोर्ड की टीम गर्भपात करेगी.
बाल कल्याण समिति की अध्यक्षा डॉक्टर सुमन त्रिवेदी ने कहा कि 23 सितंबर को जयपुर से आई एक नाबालिग गर्भवती बालिका ने अपने ही चचेरे भाई पर दुष्कर्म का आरोप लगाया था. इस पर मामला दर्ज करके जीरो एफआईआर जयपुर भिजवाई गई.
साथ ही बालिका के 18 सप्ताह की गर्भवती होने के कारण बाल कल्याण समिति ने मेडिकल टर्मिनेशन ऑफ प्रेगनेंसी एक्ट के तहत राजस्थान उच्च न्यायालय में एक याचिका पेश की. जिसमें कोर्ट ने एक ही दिन में निर्णय सुनाते हुए जिला कलेक्टर को आदेश प्रदान किए कि वह बालिका का गर्भपात अपनी देखरेख में करवाए. इस पर कलेक्टर ने तीन डॉक्टरों की टीम का गठन किया जो बालिका का स्वास्थ्य परीक्षण कर रहे हैं और बालिका के स्वस्थ होने पर उसका गर्भपात किया जाएगा.