ETV Bharat / state

राजस्थान उच्च न्यायालय के आदेश पर दुष्कर्म पीड़िता का होगा गर्भपात

author img

By

Published : Oct 5, 2019, 8:31 PM IST

राजस्थान उच्च न्यायालय ने चचेरे भाई की हवस का शिकार होने पर गर्भवती हुई नाबालिग को गर्भपात करने की स्वीकृति प्रदान की है. इस संबंध में बाल कल्याण समिति ने मेडिकल टर्मिनेशन ऑफ प्रेगनेंसी एक्ट के तहत राजस्थान उच्च न्यायालय में एक याचिका पेश की थी. जिस पर फैसला सुनाते हुए कोर्ट ने यह आदेश दिए.
दुष्कर्म पीड़िता का गर्भपात, Miscarriage of a rape victim

भीलवाड़ा. राजस्थान उच्च न्यायालय ने चचेरे भाई की हवस का शिकार होने पर गर्भवती हुई नाबालिग को गर्भपात करने की स्वीकृति प्रदान की है. जिसके लिए जिला कलेक्टर की देखरेख में भीलवाड़ा के महात्मा गांधी चिकित्सालय की मातृ शिशु इकाई में मेडिकल बोर्ड की टीम गर्भपात करेगी.

राजस्थान उच्च न्यायालय के आदेश पर पीड़िता का होगा गर्भपात

बाल कल्याण समिति की अध्यक्षा डॉक्टर सुमन त्रिवेदी ने कहा कि 23 सितंबर को जयपुर से आई एक नाबालिग गर्भवती बालिका ने अपने ही चचेरे भाई पर दुष्कर्म का आरोप लगाया था. इस पर मामला दर्ज करके जीरो एफआईआर जयपुर भिजवाई गई.

पढ़ेंः जोधपुर: प्रधानाचार्य को वापस लाने की मांग पर अड़े छात्र, जिला कलेक्टर को मुख्यमंत्री के नाम सौंपा ज्ञापन

साथ ही बालिका के 18 सप्ताह की गर्भवती होने के कारण बाल कल्याण समिति ने मेडिकल टर्मिनेशन ऑफ प्रेगनेंसी एक्ट के तहत राजस्थान उच्च न्यायालय में एक याचिका पेश की. जिसमें कोर्ट ने एक ही दिन में निर्णय सुनाते हुए जिला कलेक्टर को आदेश प्रदान किए कि वह बालिका का गर्भपात अपनी देखरेख में करवाए. इस पर कलेक्टर ने तीन डॉक्टरों की टीम का गठन किया जो बालिका का स्वास्थ्य परीक्षण कर रहे हैं और बालिका के स्वस्थ होने पर उसका गर्भपात किया जाएगा.

Intro:भाई की हवस से गर्भवती हुई नाबालिग को हाईकोर्ट ने एक ही दिन में दी राहत देख गर्भपात की इजाजत

भीलवाड़ा - राजस्थान उच्च न्यायालय ने चचेरे भाई की हवस का शिकार बनी गर्भवती हुई नाबालिग को गर्भपात करने की स्वीकृति प्रदान कर दी । जिला कलेक्टर। की देखरेख में भीलवाड़ा के महात्मा गांधी चिकित्सालय की मातृ शिशु इकाई में मेडिकल बोर्ड की टीम गर्भपात करेगी ।


Body:

बाल कल्याण समिति की अध्यक्षा डॉक्टर सुमन त्रिवेदी ने कहा कि 23 सितंबर को जयपुर से आई एक नाबालिग गर्भवती बालिका ने अपने ही चचेरे भाई पर दुष्कर्म का आरोप लगाया था इस पर मामला दर्ज करके जीरो एफ आई आर जयपुर भिजवाई । इसके साथ ही बालिका 18 सप्ताह की गर्भवती होने के कारण हमने मेडिकल टर्निनेशन ऑफ प्रेगनेंसी एक्ट के तहत राजस्थान उच्च न्यायालय में एक याचिका पेश की । जिसमें कोर्ट ने एक ही दिन में निर्णय सुनाते हुए । जिला कलेक्टर को आदेश प्रदान किए कि वह बालिका का गर्भपात अपनी देखरेख में करवाए । इस पर कलेक्टर ने तीन डॉक्टरों की टीम का गठन किया जो बालिका का स्वास्थ्य परीक्षण कर रहे हैं । बालिका स्वास्थ्य होने पर उसका गर्भपात किया जाएगा ।




Conclusion:बाइट - डॉ सुमन त्रिवेदी , अध्यक्षा , बाल कल्याण समिति
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.