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चुनाव प्रचार के दौरान कर दी थी राजा मान सिंह की हत्या, सीएम को देना पड़ा था इस्तीफा, जानिए क्या था झंडे का विवाद

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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Oct 27, 2023, 8:30 PM IST

Rajasthan assembly Election 2023
सियासत में राजा मानसिंह की कहानी

विधानसभा हो या लोकसभा चुनाव,भरतपुर में पूर्व राजपरिवार के सदस्यों का दबदबा रहा है. यहां पूर्व राजपरिवार के सदस्य हों या उनके समर्थित प्रत्याशी को ही जीत मिली है. यहां एक राजा ऐसे थे जो 7 बार निर्दलीय चुनाव लड़े और जीते. फिर ऐसा क्या हुआ कि कि इनकी हत्या कर दी गई. इसके बाद तत्कालीन सीएम शिवचरण माथुर को पद से इस्तीफा देना पड़ गया. पढ़ें पूरी रिपोर्ट

जानिए भरतपुर राजपरिवार का इतिहास

भरतपुर. आज हम बात करेंगे सियासी किस्से की जो जिले की डीग विधानसभा सीट की है. भरतपुर राज परिवार की डीग परंपरागत सीट रही थी, लेकिन साल 1985 का विधानसभा चुनाव डीग विधानसभा और भरतपुर के इतिहास में काले अक्षरों में दर्ज हो गया था, जब चुनाव प्रचार के दौरान भरतपुर के पूर्व राजपरिवार के सदस्य राजा मान सिंह की हत्या कर दी गई थी.

राजा मान सिंह की हत्या के बाद न केवल डीग बल्कि पूरा भरतपुर जल उठा. जगह-जगह आगजनी हुई. संभवतः देश के इतिहास में यह पहला मामला था जब किसी राजपरिवार सदस्य और एमएलए की दिनदहाड़े पुलिस अधिकारी और पुलिसकर्मियों की ओर से हत्या कर दी गई. इस पूरे घटनाक्रम के बाद मुख्यमंत्री शिवचरण माथुर को अपनी कुर्सी से हाथ धोना पड़ा था.

किस वजह से यह विवाद हुआ और राजा मान सिंह की हत्या हुई: वरिष्ठ पत्रकार राकेश वशिष्ठ ने बताया कि वर्ष 1985 का विधानसभा चुनाव था.चुनाव में पूर्व राजा मान सिंह डीग विधानसभा सीट पर निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में मैदान में थे. उससे पहले वो लगातार अलग अलग सीट से 7 बार चुनाव जीत चुके थे. उस चुनाव में कांग्रेस प्रत्याशी रिटायर आईएएस बृजेंद्र सिंह मैदान में थे. कांग्रेस प्रत्याशी के समर्थन में प्रचार के लिए 20 फरवरी को तत्कालीन मुख्यमंत्री शिवचरण माथुर हेलीकॉप्टर से डीग पहुंचे.

Rajasthan assembly Election 2023
किस्सा सियासत का

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कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने उतार दिया रियासत का झंडा: कांग्रेस समर्थकों ने जोश में डीग किले की लाखा बुर्ज पर लगे शाही झंडे को हटाकर कांग्रेस का झंडा फहरा दिया. ये वही झंडा था जिसे खुद पूर्व राजा मान सिंह यहां फहराकर चुनाव प्रचार शुरू करते थे. जब मान सिंह को इस घटना की जानकारी मिली तो वो अपनी जीप से डीग पहुंचे और गुस्से में मुख्यमंत्री के भाषण के लिए तैयार कराए गए मंच को जीप की टक्कर से ध्वस्त कर दिया.उधर पास ही स्थित स्कूल परिसर में मुख्यमंत्री माथुर का हेलीकॉप्टर लैंड किया. मान सिंह वहां भी पहुंच गए और जीप से टक्कर मारकर हेलीकॉप्टर को भी तोड़ दिया.इस घटना से नाराज मुख्यमंत्री शिवचरण माथुर बिना भाषण दिए सड़क मार्ग से जयपुर लौट गए.

भरतपुर में मच गया था बवाल: मुख्यमंत्री का मंच और हेलीकॉप्टर तोड़ने की घटना के बाद डीग में कर्फ्यू लगा दिया गया. पूर्व राजा मान सिंह ने एक तरह से सीधे तौर पर सरकार को चुनौती दी थी. अगले दिन 21 फरवरी को मान सिंह अपनी जीप से चुनाव प्रचार के लिए निकले.जीप में पीछे उनके दामाद विजय सिंह, साथी सुमेर सिंह और हरी सिंह भी बैठे थे.

अनाज मंडी में किया एनकाउंटर: मान सिंह जैसे ही अनाज मंडी पहुंचे तो तत्कालीन सीओ कान सिंह भाटी ने उन्हें रुकने का इशारा किया. इसी दौरान पुलिस की ओर से की गई फायरिंग में राजा मान सिंह, उनके साथी सुमेर सिंह व हरी सिंह की मौत हो गई. घटना में मान सिंह के दामाद विजय सिंह जीवित बच गए.

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माथुर को छोड़ना पड़ा पद: घटना के बाद डीग और भरतपुर में दंगे भड़क गए. जगह जगह आगजनी की घटना हुई. पूर्व राजा मान सिंह के दामाद विजय सिंह ने 18 पुलिसकर्मियों के खिलाफ मामला दर्ज कराया. उधर मुख्यमंत्री शिवचरण माथुर को 23 फरवरी को अपने पद से इस्तीफा देना पड़ा. हीरालाल देवपुरा को मुख्यमंत्री बनाया गया था.

बेटी दीपा को मिली ऐतिहासिक जीत: पूर्व राजा मान सिंह की हत्या के बाद उनकी बेटी कृष्णेंद्र कौर दीपा निर्दलीय चुनाव मैदान में उतरी. इस बार चुनाव में कांग्रेस ने दीपा के सामने अपना कोई प्रत्याशी मैदान में नहीं उतारा. दीपा के अलावा 5 और निर्दलीय प्रत्याशी मैदान में उतरे लेकिन इस चुनाव में कृष्णेंद्र कौर दीपा को कुल मतदान का 44,139 वोट यानी 97.13% वोट मिला और उनकी ऐतिहासिक जीत हुई.

35 साल बाद फैसला: पूर्व राजा मान सिंह हत्याकांड की जांच सीबीआई को सौंपी गई. 35 साल तक चले केस में 1700 तारीखें पड़ीं, 25 जज बदल गए, 1000 से अधिक दस्तावेज पेश किए गए. आखिर में वर्ष 2020 में न्यायालय ने फैसला सुनाते हुए तत्कालीन सीओ कान सिंह भाटी समेत 11 पुलिसकर्मियों को दोषी करार दिया था.

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