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Special : विश्व विरासत घना को प्लास्टिक फ्री बनाने की कवायद, नियम नहीं मानने पर भरना पड़ेगा जुर्माना

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Published : Jun 13, 2023, 7:49 PM IST

Updated : Jun 13, 2023, 10:24 PM IST

भरतपुर के केवलादेव राष्ट्रीय उद्यान को प्लास्टिक मुक्त करने के लिए उद्यान प्रशासन ने कमर कस ली है. केवलादेव घूमने आने वाले सैलानी अब अपने साथ प्लास्टिक की बोतल सहित कई चीजें नहीं ले जा सकेंगे. साथ ही प्लास्टिक कचरा फैलाते पाए जाने पर उन्हें भारी-भरकम जुर्माना भी देना पड़ेगा. पढ़िए ये रिपोर्ट...

Keoladeo National Park
केवलादेव राष्ट्रीय उद्यान प्लास्टिक मुक्त
केवलादेव राष्ट्रीय उद्यान प्लास्टिक मुक्त

भरतपुर. पक्षियों का स्वर्ग कहा जाने वाला केवलादेव राष्ट्रीय उद्यान अब जल्द ही पूरी तरह से प्लास्टिक मुक्त हो जाएगा. इसके लिए उद्यान प्रशासन ने कमर कस ली है. उद्यान में प्लास्टिक की पानी की बोतल ले जाने वालों पर पैनी नजर रखी जाएगी. साथ ही पैक्ड फूड के प्लास्टिक रैपर को भी उद्यान परिसर में ले जाने पर पूरी तरह से पाबंदी लगाई जाएगी. इसके लिए न केवल उद्यान के कर्मचारी मुस्तैदी से काम करेंगे बल्कि नेचर गाइड, रिक्शा चालक भी योगदान देंगे.

जमा कराने होंगे 50 रुपए : उद्यान के डीएफओ नाहर सिंह ने बताया कि उद्यान में जाने वाले पर्यटक यदि साथ में प्लास्टिक की वाटर बोतल लेकर जाते हैं तो उन्हें प्रति बोतल 50 रुपए जमा कराना होगा. इसके बाद उद्यान कर्मचारी पानी की बोतल पर एक स्टीकर चिपकाएंगे. रजिस्टर में पर्यटक का नाम, मोबाइल नंबर और पता अंकित करेंगे. जब पर्यटक घूमकर वापस आएंगे और स्टीकर लगी बोतल जमा करेंगे, तभी उनके रुपए वापस लौटाए जाएंगे. साथ ही खाली प्लास्टिक बोतल को डस्टबिन में इकट्ठा किया जाएगा.

पढ़ें. Keoladeo national Park : विश्व पटल पर पहचान बनाए रखना बनी चुनौती, वेटलैंड का तमगा छिनने का खतरा

पैकिंग खोलकर दिए जाएंगे पैक्ड फूड : नाहर सिंह ने बताया कि कई बार पर्यटक साथ में पैक्ड फूड आइटम (चिप्स, नमकीन) साथ लेकर जाते हैं. ऐसे पर्यटकों को कागज के रैपर में खाने का सामान रखकर दिया जाएगा. इसी तरह उद्यान की कैंटीन से भी सामान खरीदने पर रैपर हटाकर ही सामान दिया जाएगा. खाली प्लास्टिक रैपर को डस्टबिन में रखा जाएगा, ताकि उद्यान में प्लास्टिक कचरा न फैले.

Keoladeo National Park
देखिए घना की सुंदरता

गाइड और रिक्शा चालक पाबंद : डीएफओ नाहर सिंह ने बताया कि उद्यान में घूमने आने वाले अधिकतर पर्यटक या तो गाइड के साथ जाते हैं या फिर रिक्शा लेकर जाते हैं. ऐसे में रिक्शा चालक और नेचर गाइड को भी इस बात के लिए पाबंद किया गया है कि कोई पर्यटक उद्यान के अंदर प्लास्टिक कचरा न फैलाए. साथ ही नियमों की पालना करे.

प्लास्टिक कचरा फेंका तो 25 हजार तक जुर्माना : डीएफओ नाहर सिंह ने बताया कि उद्यान को पूरी तरह से प्लास्टिक मुक्त बनाने के लिए सख्ती से नियमों की पालना कराई जाएगी. यदि कोई पर्यटक उद्यान में कहीं भी प्लास्टिक की खाली बोतल, खाली रैपर या अन्य किसी प्रकार का प्लास्टिक कचरा फेंकता हुआ पाया जाता है तो वन्यजीव अधिनियम के तहत 25 हजार रुपए तक के जुर्माने का प्रावधान है. उद्यान की टीम ऐसे पर्यटकों के खिलाफ जुर्माने की कार्रवाई भी करेगी.

केवलादेव राष्ट्रीय उद्यान प्लास्टिक मुक्त

भरतपुर. पक्षियों का स्वर्ग कहा जाने वाला केवलादेव राष्ट्रीय उद्यान अब जल्द ही पूरी तरह से प्लास्टिक मुक्त हो जाएगा. इसके लिए उद्यान प्रशासन ने कमर कस ली है. उद्यान में प्लास्टिक की पानी की बोतल ले जाने वालों पर पैनी नजर रखी जाएगी. साथ ही पैक्ड फूड के प्लास्टिक रैपर को भी उद्यान परिसर में ले जाने पर पूरी तरह से पाबंदी लगाई जाएगी. इसके लिए न केवल उद्यान के कर्मचारी मुस्तैदी से काम करेंगे बल्कि नेचर गाइड, रिक्शा चालक भी योगदान देंगे.

जमा कराने होंगे 50 रुपए : उद्यान के डीएफओ नाहर सिंह ने बताया कि उद्यान में जाने वाले पर्यटक यदि साथ में प्लास्टिक की वाटर बोतल लेकर जाते हैं तो उन्हें प्रति बोतल 50 रुपए जमा कराना होगा. इसके बाद उद्यान कर्मचारी पानी की बोतल पर एक स्टीकर चिपकाएंगे. रजिस्टर में पर्यटक का नाम, मोबाइल नंबर और पता अंकित करेंगे. जब पर्यटक घूमकर वापस आएंगे और स्टीकर लगी बोतल जमा करेंगे, तभी उनके रुपए वापस लौटाए जाएंगे. साथ ही खाली प्लास्टिक बोतल को डस्टबिन में इकट्ठा किया जाएगा.

पढ़ें. Keoladeo national Park : विश्व पटल पर पहचान बनाए रखना बनी चुनौती, वेटलैंड का तमगा छिनने का खतरा

पैकिंग खोलकर दिए जाएंगे पैक्ड फूड : नाहर सिंह ने बताया कि कई बार पर्यटक साथ में पैक्ड फूड आइटम (चिप्स, नमकीन) साथ लेकर जाते हैं. ऐसे पर्यटकों को कागज के रैपर में खाने का सामान रखकर दिया जाएगा. इसी तरह उद्यान की कैंटीन से भी सामान खरीदने पर रैपर हटाकर ही सामान दिया जाएगा. खाली प्लास्टिक रैपर को डस्टबिन में रखा जाएगा, ताकि उद्यान में प्लास्टिक कचरा न फैले.

Keoladeo National Park
देखिए घना की सुंदरता

गाइड और रिक्शा चालक पाबंद : डीएफओ नाहर सिंह ने बताया कि उद्यान में घूमने आने वाले अधिकतर पर्यटक या तो गाइड के साथ जाते हैं या फिर रिक्शा लेकर जाते हैं. ऐसे में रिक्शा चालक और नेचर गाइड को भी इस बात के लिए पाबंद किया गया है कि कोई पर्यटक उद्यान के अंदर प्लास्टिक कचरा न फैलाए. साथ ही नियमों की पालना करे.

प्लास्टिक कचरा फेंका तो 25 हजार तक जुर्माना : डीएफओ नाहर सिंह ने बताया कि उद्यान को पूरी तरह से प्लास्टिक मुक्त बनाने के लिए सख्ती से नियमों की पालना कराई जाएगी. यदि कोई पर्यटक उद्यान में कहीं भी प्लास्टिक की खाली बोतल, खाली रैपर या अन्य किसी प्रकार का प्लास्टिक कचरा फेंकता हुआ पाया जाता है तो वन्यजीव अधिनियम के तहत 25 हजार रुपए तक के जुर्माने का प्रावधान है. उद्यान की टीम ऐसे पर्यटकों के खिलाफ जुर्माने की कार्रवाई भी करेगी.

Last Updated : Jun 13, 2023, 10:24 PM IST
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