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आईआईटी प्रोफेसर के बाद अब मेडिकल कॉलेज की पूर्व प्रोफेसर डिजिटल अरेस्ट, 87 लाख रुपए का लगाया चूना - Digital Arrest

Medical College Former Principal Digital Arrest : आईआईटी जोधपुर की महिला प्रोफेसर के बाद अब एसएन मेडिकल कॉलेज की पूर्व प्रिंसिपल को ठगों ने डिजिटल अरेस्ट रखकर 87 लाख रुपए की ठगी की है.

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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Sep 20, 2024, 11:32 AM IST

Updated : Sep 20, 2024, 12:22 PM IST

मेडिकल कॉलेज की पूर्व प्रिंसिपल डिजिटल अरेस्ट
मेडिकल कॉलेज की पूर्व प्रिंसिपल डिजिटल अरेस्ट (ETV Bharat Jodhpur)

जोधपुर: शहर में गत माह आईआईटी जोधपुर की महिला प्रोफेसर को डिजिटल अरेस्ट कर 23 लाख रुपए की ठगी के अब साइबर ठगों ने डॉ. एसएन मेडिकल कॉलेज की रिटायर्ड प्रिंसिपल को निशाना बनाया. ठगों ने उन्हें 15 दिनों तक डिजिटल अरेस्ट कर 87 लाख रुपए की ठगी कर ली.

डॉक्टर अरुणा सोलंकी की रिपोर्ट पर मामला दर्ज जांच शुरू कर दी है. पूरा घटनाक्रम 20 अगस्त से 5 सितंबर के बीच हुआ है. डॉ. अरुणा सोलंकी एयरसेल मेडिकल कॉलेज में माइक्रोबायोलॉजी विभाग की अध्यक्ष रहीं हैं. इसके बाद वह पाली मेडिकल कॉलेज में प्रोफेसर थीं. 70 वर्ष की उम्र में 31 जुलाई को वहां से रिटायर होने से पहले वहां की प्राचार्य भी रहीं थीं. : प्रदीप डांगा, थानाधिकारी

थानाधिकारी प्रदीप डांगा ने बताया कि परिवादी डॉक्टर अरुणा सोलंकी के मुताबिक कस्टम ऑफिसर प्रमोद कुमार के नाम से फोन कर उन्हें कहा कि उनका एक पार्सल मुंबई में आया हुआ है, जिसमें नशे की सामग्री एमडी मिली. साथ में कई जाली पासपोर्ट और क्रेडिट कार्ड भी हैं. यह मामला मुंबई पुलिस को दिया है. इसके बाद मुंबई पुलिस के अधिकारी सुनील कुमार ने फोन कर वित्तीय जानकारी लेकर घटना को अंजाम दिया. ठगों ने कई ऐसे सरकारी दस्तावेज भेजे जिससे डॉक्टर डर गई.

इसे भी पढ़ें. आईआईटी की प्रोफेसर को दस दिन साइबर अरेस्ट कर 23 लाख की ठगी - Digital Arrest Case

FD तुड़वाई, जमानत एप्लीकेशन चार्ज भी लिया : ठगों ने डॉ. सोलंकी को फोन कर उनसे पूरे बैंक खातों की जानकारी प्राप्त की. इसके बाद ठगों ने एफडी के बारे में भी पूछा. बाद में चार लेटर भेजे, जिसमें सीबीआई के साथ एग्रीमेंट, एसेट सीजर, अरेस्ट वारंट और केस रिपोर्ट पेपर भी थे. तीन साल का वित्तीय लेन देन ले लिया. फिर दबाव देकर 51 लाख की एफडी तुड़वाकर खाते में डलवाए, जिनको आगे ट्रांसफर करवा लिया. इसके बाद भी लगातार हर दिन कॉल कर नई नई धमकी देते रहे. इसके बाद जमानत याचिका के लिए 8 लाख रुपए ट्रांसफर करवा लिए.

दूसरी एफडी भी तुड़वाई, वकील की फीस भी ली : ठगों ने डॉक्टर को इतना डराया कि उन्होंने सारी जानकारी ठगों को दे दी. ठग डॉक्टर को आश्वासन देते रहे कि पूरा पैसा वापस आ जाएगा. 28 अगस्त को ठगों ने डॉक्टर से फोन कर कहा कि आपके बाकी के एफडी को भी रिव्यू करना है. इस पर डॉक्टर ने मना कर दिया और पैसे लौटाने को कहा. इसपर ठगों ने फिर धमकाया, जिसके बाद 21 लाख रुपए की दूसरी एफडी भी तुड़वाकर उन्होंने खाते में ट्रांसफर करवा लिया. 3 सितंबर को फिर ठगों ने कहा कि आपको 'नो क्राइम बॉन्ड' लेना पड़ेगा. इसके लिए पांच लाख रुपए लिए. 5 सितंबर को कहा कि रिफंड के लिए वकील काम करेगा, उसकी फीस के दो लाख देने होंगे. आखिरकार डॉक्टर ने दो लाख और दिए. इसके बाद कॉल आने बंद हो गए. इस तरह ठगों ने कुल 87 लाख रुपए ऐंठ लिए थे. ठगी का एहसास होने पर डॉक्टर पुलिस के पास पहुंची.

इसे भी पढे़ं. IIT जोधपुर की महिला प्रोफेसर से ठगी के लिए खाता देने वाला आरोपी UP से गिरफ्तार - IIT Professor Digital Arrest

आईआईटी प्रोफेसर ठगी में दो गिरफ्तार : 1 अगस्त को जोधपुर आईआईटी की प्रोफेसर के साथ हुई ठगी के मामले में जोधपुर पुलिस ने लखनऊ से दो आरोपियों को गिरफ्तार किया है. दोनों आरोपी सगे भाई हैं, जिन्होंने अपने फर्म का बैंक खाता और मोबाइल की सिम दी थी. इसके बदले उनको डेढ़ लाख रुपए देने का वादा किया गया था, लेकिन डिजिटल अरेस्ट करने वाला मुख्य आरोपी अभी पुलिस की गिरफ्त से दूर है.

जोधपुर: शहर में गत माह आईआईटी जोधपुर की महिला प्रोफेसर को डिजिटल अरेस्ट कर 23 लाख रुपए की ठगी के अब साइबर ठगों ने डॉ. एसएन मेडिकल कॉलेज की रिटायर्ड प्रिंसिपल को निशाना बनाया. ठगों ने उन्हें 15 दिनों तक डिजिटल अरेस्ट कर 87 लाख रुपए की ठगी कर ली.

डॉक्टर अरुणा सोलंकी की रिपोर्ट पर मामला दर्ज जांच शुरू कर दी है. पूरा घटनाक्रम 20 अगस्त से 5 सितंबर के बीच हुआ है. डॉ. अरुणा सोलंकी एयरसेल मेडिकल कॉलेज में माइक्रोबायोलॉजी विभाग की अध्यक्ष रहीं हैं. इसके बाद वह पाली मेडिकल कॉलेज में प्रोफेसर थीं. 70 वर्ष की उम्र में 31 जुलाई को वहां से रिटायर होने से पहले वहां की प्राचार्य भी रहीं थीं. : प्रदीप डांगा, थानाधिकारी

थानाधिकारी प्रदीप डांगा ने बताया कि परिवादी डॉक्टर अरुणा सोलंकी के मुताबिक कस्टम ऑफिसर प्रमोद कुमार के नाम से फोन कर उन्हें कहा कि उनका एक पार्सल मुंबई में आया हुआ है, जिसमें नशे की सामग्री एमडी मिली. साथ में कई जाली पासपोर्ट और क्रेडिट कार्ड भी हैं. यह मामला मुंबई पुलिस को दिया है. इसके बाद मुंबई पुलिस के अधिकारी सुनील कुमार ने फोन कर वित्तीय जानकारी लेकर घटना को अंजाम दिया. ठगों ने कई ऐसे सरकारी दस्तावेज भेजे जिससे डॉक्टर डर गई.

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FD तुड़वाई, जमानत एप्लीकेशन चार्ज भी लिया : ठगों ने डॉ. सोलंकी को फोन कर उनसे पूरे बैंक खातों की जानकारी प्राप्त की. इसके बाद ठगों ने एफडी के बारे में भी पूछा. बाद में चार लेटर भेजे, जिसमें सीबीआई के साथ एग्रीमेंट, एसेट सीजर, अरेस्ट वारंट और केस रिपोर्ट पेपर भी थे. तीन साल का वित्तीय लेन देन ले लिया. फिर दबाव देकर 51 लाख की एफडी तुड़वाकर खाते में डलवाए, जिनको आगे ट्रांसफर करवा लिया. इसके बाद भी लगातार हर दिन कॉल कर नई नई धमकी देते रहे. इसके बाद जमानत याचिका के लिए 8 लाख रुपए ट्रांसफर करवा लिए.

दूसरी एफडी भी तुड़वाई, वकील की फीस भी ली : ठगों ने डॉक्टर को इतना डराया कि उन्होंने सारी जानकारी ठगों को दे दी. ठग डॉक्टर को आश्वासन देते रहे कि पूरा पैसा वापस आ जाएगा. 28 अगस्त को ठगों ने डॉक्टर से फोन कर कहा कि आपके बाकी के एफडी को भी रिव्यू करना है. इस पर डॉक्टर ने मना कर दिया और पैसे लौटाने को कहा. इसपर ठगों ने फिर धमकाया, जिसके बाद 21 लाख रुपए की दूसरी एफडी भी तुड़वाकर उन्होंने खाते में ट्रांसफर करवा लिया. 3 सितंबर को फिर ठगों ने कहा कि आपको 'नो क्राइम बॉन्ड' लेना पड़ेगा. इसके लिए पांच लाख रुपए लिए. 5 सितंबर को कहा कि रिफंड के लिए वकील काम करेगा, उसकी फीस के दो लाख देने होंगे. आखिरकार डॉक्टर ने दो लाख और दिए. इसके बाद कॉल आने बंद हो गए. इस तरह ठगों ने कुल 87 लाख रुपए ऐंठ लिए थे. ठगी का एहसास होने पर डॉक्टर पुलिस के पास पहुंची.

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Last Updated : Sep 20, 2024, 12:22 PM IST
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