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पढ़ाई के लिए सड़कों पर उतरी बेटियां, बोली- आठवीं के बाद गांव में स्कूल नहीं है तो कैसे पढ़ें

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Published : Jul 6, 2021, 6:46 PM IST

Updated : Jul 6, 2021, 7:13 PM IST

बाड़मेर की खबर, barmer news
पढ़ाई के लिए सड़कों पर उतरी बेटियां

बाड़मेर के गांव में आठवीं कक्षा के बाद स्कूल नहीं होने की वजह से छात्राओं को आगे की पढ़ाई छोड़नी पड़ती है. मंगलवार को छात्राएं गांव में स्कूल की मांग करते हुए सड़कों पर उतरी.

बाड़मेर. केंद्र की मोदी सरकार हो या राजस्थान की गहलोत सरकार दोनों ही सरकारे बेटियों को पढ़ाने के लिए दावे करती है, लेकिन हकीकत यह है कि ग्रामीण इलाकों में बेटियां पढ़ना तो चाहती हैं, लेकिन आठवीं के बाद कई गांव में पढ़ने के लिए उन्हें कई किलोमीटर का सफर तय करना पड़ता है. इसीलिए बेटियां अपनी पढ़ाई छोड़ने को मजबूर हैं.

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इसी को लेकर मंगलवार को बाड़मेर की दुधवा खुर्द और आकोड़ा गांव की दर्जनों बेटियों के साथ ही बुजुर्ग और युवाओं ने जिला मुख्यालय पर प्रदर्शन किया और कहा कि हमारी बेटियां पढ़ना चाहती हैं, लेकिन आठवीं के बाद स्कूल नहीं है.

पढ़ाई के लिए सड़कों पर उतरी बेटियां

जिले के दुधवा खुर्द, आकोड़ा गांव में वर्तमान में स्कूल में 234 बच्चों में से 50 फीसद से ज्यादा बच्चियां हैं. सभी आठवीं के बाद पढ़ लिखकर कुछ बनना चाहती हैं, लेकिन आठवीं के बाद दसवीं की स्कूल के लिए 15 किलोमीटर का सफर तय करना पड़ता है. इसीलिए अब तक कई बेटियों ने पढ़ाई छोड़ दी है.

ग्रामीणों के अनुसार नेता वोट मांगने आते हैं तो दावा करते हैं कि स्कूल को क्रमोन्नत करवा देंगे, लेकिन आज तक ऐसा नहीं हुआ. इसीलिए आज यहां जिला मुख्यालय पर आए हैं और कलेक्टर के माध्यम से मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और शिक्षा मंत्री के नाम ज्ञापन सौंपकर गांव में आठवीं के विद्यालय को क्रमोन्नत करवाने की मांग की है. ताकि बच्चियां अपने भविष्य को संवार सकें और आगे बढ़ सकें.

स्कूल में आठवीं क्लास में पढ़ने वाली बच्ची बताती है कि वह आगे पढ़ना चाहती है, लेकिन स्कूल नहीं होने के कारण उसके सपने अधूरे रह रहे हैं, वह पढ़-लिखकर टीचर बनना चाहती है और कहती हैं कि मेरे जैसी कई लड़कियों ने इसलिए पढ़ाई छोड़ दी क्योंकि आठवीं के बाद स्कूल नहीं है.

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सरपंच से लेकर पूर्व सरपंच स्कूल बच्चों से लेकर बुजुर्ग सभी एक ही मांग कर रहे हैं कि बाकी हमें कुछ भी नहीं चाहिए सिर्फ हमारे स्कूल को क्रमोन्नत करवा दो ताकि हमारी बेटियां पढ़ लिखकर हमारे गांव का नाम रोशन कर सकें.

Last Updated :Jul 6, 2021, 7:13 PM IST
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